ख़त्म हुआ इंतज़ार, आम लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने की हुई शुरुआत
90 साल की ब्रिटिश दादी बनी दुनिया की ऐसी पहली इंसान
Advertisement

यूके में पहली वैक्सीन मार्गरेट कीनन को लगाई गई तो उन्होंने इसे अपना सबसे अच्छा बर्थडे गिफ्ट बताया .(फोटो - AP)
मार्गरेट ने बताया बेस्ट बर्थडे गिफ्ट
चार बच्चों की दादी मार्गरेट मूल रूप से आयरलैंड की हैं लेकिन पिछले 60 सालों से सेंट्रल इंग्लैंड के कोवेंट्री में रह रही हैं. अपने जन्मदिन से एक हफ्ते पहले उन्हें कोरोना वायरस की वैक्सीन दी गयी है. इसे वह अपने जन्मदिन पर अब तक का सबसे बेहतरीन तोहफा बता रही हैं. उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगने का मतलब है कि क्रिसमस और न्यू ईयर पर मैं अपने परिवार के साथ रह सकूंगी.कोवेंट्री यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल की नर्स ने ब्रिटेन के टाइम जोन के हिसाब से 8 दिसंबर की सुबह 6 बजकर 31 मिनट दादी को वैक्सीन लगाई. इसके बाद मार्गरेट ने नर्स को बधाई दी, और कहा,90-year-old Margaret Keenan is the first person in the UK to receive the Pfizer/BioNTech vaccine outside of a clinical trial.
Read more about this huge moment in the fight against #COVID19: https://t.co/YVcEqzmsPj pic.twitter.com/oCDV8Sv90X — Sky News (@SkyNews) December 8, 2020
"कोई भी व्यक्ति जिन्हें कोरोना वायरस की वैक्सीन ऑफर की जा रही है, उन्हें मेरी एक ही सलाह है कि इसे स्वीकार करें. अगर मैं 90 की उम्र में ये वैक्सीन ले सकती हूं तो आप क्यों नहीं?"अब 21 दिनों के बाद मार्गरेट को एक बूस्टर इंजेक्शन भी दिया जाएगा ताकि वायरस से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
95% इफेक्टिव बताई जा रही ये वैक्सीन
यूके दुनिया का पहला देश है जिसने फ़ाइज़र और बायोएनटेक द्वारा तैयार की गयी वैक्सीन को लगाना शुरू किया है. ब्रिटिश सरकार ने इस वैक्सीन की 40 मिलियन यानी 4 करोड़ डोज़ खरीद लिए हैं. इस वैक्सीन को माइनस 70 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखना होता है. कंपनी का दावा है कि ये वैक्सीन 95 पर्सेंट तक इफेक्टिव है, और हर उम्र के लोगों के लिए कारगर है.जल्दी अप्रूवल के लिए हुई थी आलोचना
पिछले हफ्ते जैसे ही यूके ने वैक्सीन को लाइसेंस दिया, इसके अप्रूवल की प्रक्रिया तेज़ कर दी गयी. इसके लिए यूके की MHRA यानी मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी की आलोचना भी हुई थी. कुछ लोगों का कहना था कि एजेंसी ने लोगों का विश्वास जीतने से ज़्यादा वैक्सीन के अप्रूवल की रफ़्तार पर ध्यान दिया. ब्रिटिश प्रधानमन्त्री बोरिस जॉनसन ने कहा था,"यूके में फ़ाइज़र-बायोएनटेक वैक्सीन का अप्रूवल कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक निर्णायक कदम है. लेकिन अभी हमें काफी आगे जाना है. इस वायरस पर काबू करने के लिए हम सबको नियमों का पालन करना ही पड़ेगा."बता दें कि करीब साल भर पहले जब कोरोना वायरस के पहले केस का पता चला था, तब से लेकर अब तक दुनियाभर में 15 लाख लोगों से ज़्यादा की मौत इसके कारण हो चुकी है. यूके में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद अब उम्मीद है कि दुनिया के अन्य देश भी धीरे-धीरे वैक्सीन को मंजूरी देंगे. इसी के साथ भारत में भी वैक्सीन के जल्दी आने को लेकर उम्मीद बढ़ गई है. इस बारे में पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक भी हुई थी. इस दौरान बताया गया था कि इस महीन के अंत तक भारत में वैक्सीन को मंजूरी मिल सकती है.