साइंस को लात मारके इन्होंने केवल लड़का पैदा करने का तरीका खोज निकाला
ये लोग आज के जमाने के डिजिटल नीम-हकीम, ओझा हैं, जो बता रहे हैं लड़का पाने के टिप्स.
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फोटो - thelallantop
हमारे यहां दादा-दादी की ख्वाहिश पोते का मुंह देखने की होती है. ताने मारते हैं बहू-बेटे को. लड़के की चाह इस समाज की नेशनल चाह है. बहुत से फैक्टर काम करते हैं इसके लिए. दहेज़ से लेकर वंश बढ़ाने तक.
लड़की को कोख में मार देने की बात अब पुरानी हो गई है. पेट में बच्चे का सेक्स पता करना अब पुराना क्राइम हो गया है. 'नया समय' है, 21वीं सदी है तो 'लड़का' पाने के तरीके भी नए होने चाहिए. इसके लिए डिजिटल नीम-हकीम, ओझा मार्केट में हैं. पुत्र जीवक बीज की भी जरूरत नहीं होगी. लड़का चाहने वालों को एक अखबार की वेबसाइट कुछ टिप्स बता रही है. इनके हिसाब से इन टिप्स से केवल लड़के पैदा होंगे. यानी आपका कंट्रोल स्पर्म के क्रोमोज़ोम पर होगा. इस बात का ख़ास ख्याल रखा गया है कि ये टिप्स मर्दों को ही दिए जाएं, क्योंकि बच्चा पैदा करने में उनकी ही 'बड़ी भूमिका' होती है.
एक मलयालम अखबार है, मंगलम. इसने लड़का पाने के लिए ''वैज्ञानिक तरीके'' बताए हैं. ये लिस्टिकल्स भी इन्टरनेटिया समाज की बड़ी खोज और बड़ी मौलिक बीमारी है. सब कुछ पॉइंट्स में जल्दी-जल्दी पढ़ने की बीमारी. हर चीज के लिए 10 टिप्स या 20 टिप्स बताने वालों की इन्टरनेट पे बाढ़ है. इनके पास हर चीज के नुस्खे हैं. ये बेसिकली दादी नानी के नुस्खों के मॉडर्न वर्जन हैं.

पहली बात, हफ्ते में कुछ ख़ास दिन स्पर्म ज्यादा मजबूत होते हैं. इन्होंने पता लगा लिया है कि वो दिन 1, 3, 5 और 7 हैं. किस माइक्रोस्कोप से उन्होंने ये पता लगाया, ये नहीं बताया.दूसरी बात, आंधी आए या तूफ़ान सुबह का नाश्ता नहीं छोड़ना है. हल्के में मत लेना, इसके आगे भी उन्होंने 'वैज्ञानिक तरीका' जोड़ा है. औरतों को मटन, सूखे अंगूर और ज्यादा नमक वाला खाना खाना है.तीसरी बात, मर्द को दारू वगैरह और एसिडिक चीजों से कोसों दूर रहना चाहिए. इससे क्या होता है कि Y क्रोमोज़ोम मजबूत होते हैं. लड़का प्राप्ति में बाधा नहीं होती.और अंत में सबसे ज़रूरी टिप, इसे मिस किया तो लड़का मिस हो जाएगा. मां को अपना सिर पश्चिम की तरफ करके सोना चाहिए. क्यों? लॉजिक क्या है? उन्होंने बता दिया तो बता दिया. सवाल नहीं ज्यादा.अब दूसरे डिजिटल नीम-हकीमों का हाल देखिए. दूसरी कई साइट में भी इस तरह की टिप्स दी गई हैं. जैसे इन्हें देखिए- ये कह रहे हैं, अगर ढीली अंडरवियर पहनी जाए तो ये मेल स्पर्म के लिए अच्छा है. मेल स्पर्म के लिए कम टेम्परेचर चाहिए होता है. इनकी हेडिंग देखिए. How to conceive A 'Boy'.





स्पर्म के एक सेल को Spermatozoon कहते हैं. फीमेल Egg Cell से मिलने के बाद रिप्रोडक्शन शुरू होता है. भ्रूण बनता है, जिसे Totipotent Zygote कहते हैं. Spermatozoon पूरी तरह स्वतंत्र होते हैं. वो कई दफे फीमेल Egg Cell से नहीं भी मिलते हैं. इसीलिए कई दफे सेक्स के बावजूद लोगों के बच्चे नहीं होते. स्पर्म के क्रोमोज़ोम एकदम फ्री होते हैं. फिर भ्रूण बनने की प्रक्रिया में अकेले स्पर्म का रोल नहीं होता. Egg Cell की भी बराबर भूमिका होती है. अब Sperm Cell और Egg Cell सेक्स के बाद किस तरह रिएक्ट करते हैं, ये किसी के हाथ में नहीं है.इस तरह की भ्रम फैलाने वाली साइट्स से दूर रहें तो बेहतर. कायदे से तो पहले दसवीं का रिप्रोडक्शन वाला चैप्टर पढ़ लें. इन मॉडर्न नीम-हकीमों को बिल्कुल भी गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए, जो सिर्फ 'लड़का' पैदा करने की टिप्स बताते हैं. देश का सेक्स रेशियो पहले ही कम है. सरकारें बेटी बचाने की बात कर रही हैं. जेंडर इक्वैलिटी की बातें होती हैं. ऐसे में इस तरह के झूठ फैलाना भी नए तरीके का अपराध ही है.
ये स्टोरी निशांत ने की है.