अब महाराष्ट्र में ये एक काम तो पक्का होगा, कोई नहीं रोक सकता!
महाराष्ट्र की सियासत में आए भूचाल के बाद अब वहां 7 स्थितियां बनती नजर आ रही हैं. इनमें से ही कोई एक होकर रहेगी!

क्या महाराष्ट्र (Maharashtra) में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की सरकार बच पाएगी? शिवसेना (Shiv Sena) नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की बगावत के बाद मंगलवार, 21 जून से ही यह सवाल देश की राजनीति के केंद्र में है. एकनाथ शिंदे शिवसेना के कुछ बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी में हैं. शिंदे ने दावा किया कि उनके साथ कुल 40 विधायक हैं. इस दावे के बाद राजनीतिक गुणा-भाग तेज हो गया है. महाविकास अघाडी (एमवीए) गठबंधन सरकार की गांठें ढीली पड़ती नजर आ रही हैं.
एकनाथ शिंदे ने सीएम उद्धव ठाकरे से साफ कह दिया कि अगर वो बीजेपी के साथ गठबंधन करेंगे तो शिवसेना में विभाजन नहीं होगा. हालांकि, उद्धव ठाकरे ने ऐसी किसी संभावना को खारिज कर दिया. महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं. एक विधायक के निधन के कारण फिलहाल 287 सदस्य हैं. इसलिए बहुमत का आंकड़ा 144 है. इस राजनीतिक संकट से पहले महाविकास अघाडी गठबंधन का दावा था कि उनके पास 169 विधायकों का समर्थन है. शिंदे की बगावत के बाद अब महाराष्ट्र में 7 संभावित स्थितियां बनती नजर आ रही हैं. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक महाराष्ट्र की सियासत में इनमें से ही एक स्थिति जल्द बनती दिखेगी.
पहली स्थिति
शिवसेना के पास कुल 55 विधायक हैं. एकनाथ शिंदे अगर 37 विधायकों (दो तिहाई संख्या) का समर्थन लेकर नया गुट बनाते हैं तो वे दल-बदल कानून के तहत अयोग्य होने से बच सकते हैं. उनके गुट को मान्यता मिलेगी. उधर, बीजेपी अगर मौजूदा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाती है और अगर शिंदे और उनके विधायक बीजेपी को सपोर्ट करते हैं तो महाराष्ट्र में सरकार गिर सकती है. बीजेपी के पास कुल 106 विधायक हैं और उसे निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है.
दूसरी स्थिति
अगर बीजेपी विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आती है. और इसके बाद अगर शिंदे के समर्थन वाले विधायक एमवीए सरकार के खिलाफ वोट करते हैं. तो वे अयोग्य करार दिए जाएंगे. इससे उन सीटों पर दोबारा चुनाव होंगे. शिवसेना सरकार की किस्मत अयोग्य होने वाले विधायकों की संख्या पर निर्भर करेगी.
तीसरी स्थिति
अगर बागी विधायक इस्तीफा देते हैं तो सदन में सदस्यों की संख्या कम हो जाएगी. ऐसी स्थिति में सरकार का भविष्य इस्तीफा देने वाले विधायकों की संख्या पर निर्भर होगा.
चौथी स्थिति
एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन से सीएम बन सकते हैं. शिंदे 37 विधायकों का समर्थन जुटाते हैं तो अयोग्य होने से बच जाएंगे. इन 37 विधायकों के साथ उन्हें अपनी पार्टी बनानी होगी या बीजेपी के साथ विलय करना होगा.
पांचवीं स्थिति
अगर शिंदे की बगावत विफल हो गयी. यानी वे 37 विधायक नहीं जुटा पाए और कुछ विधायक शिवसेना के पास वापस आ जाते हैं, तो एमवीए सरकार बच सकती है.
छठी स्थिति
राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता को देखते हुए राज्यपाल केंद्र को रिपोर्ट भेज सकते हैं. जिससे केंद्र राज्य में राष्ट्रपति शासन की घोषणा कर सकता है.
सातवीं स्थिति
राज्य में दोबारा चुनाव होने की संभावना को भी खारिज नहीं किया जा सकता है. शिवसेना सांसद संजय राउत ने बुधवार, 22 जून को एक ट्वीट में लिखा कि मौजूदा राजनीतिक हालात विधानसभा भंग होने की दिशा में बढ़ रहे हैं. अगर विधानसभा भंग होती है तो राज्य में दोबारा चुनाव करवाए जाएंगे.
बहरहाल, महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति हर पल बदल रही है. राज्य में सियासी संकट के बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और सीएम उद्धव ठाकरे कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं. उधर, बीजेपी भी राजनीतिक हालात को लेकर लगातार बैठकें कर रही है.