The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Maharashtra Kolhapur woman died of rabies after taking all five doses

कुत्ते ने काटा, सारे इंजेक्शन समय से ले लिए, फिर भी जान चली गई

KMC हेल्थ इंस्पेक्टर डॉक्टर विजय पाटिल ने बताया कि रेबीज से बचाव के लिए वैक्सीनेशन ही इकलौता तरीका है.

Advertisement
Woman died due to rabies
सारी डोज लेने के बाद भी महिला की रेबीज से मौत (फोटो: आजतक)
pic
आर्यन मिश्रा
13 मार्च 2024 (Updated: 13 मार्च 2024, 03:30 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

महाराष्ट्र में एक 21 साल की महिला की रेबीज के इलाज के दौरान मौत हो गई ( Maharashtra Woman died of rabies ). मौत से तीन दिन पहले ही महिला ने एंटी रेबीज इंजेक्शन के सभी डोज पूरे किए थे. करीब एक महीने पहले उसे एक आवारा कुत्ते ने काटा था. रिपोर्ट के मुताबिक ये कुत्ता अब तक 20 से ज्यादा लोगों को काट चुका है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कोल्हापुर के विशालगाडकार इलाके में रहने वाली 21 साल की सृष्टी शिंदे बीकॉम की छात्रा थीं. 3 फरवरी को वो शहर के शनिवार पथ से गुजर रहीं थी. यहां वो किसी से फोन पर बात करने के लिए रुकी थीं. इस दौरान वहां मौजूद एक आवारा कुत्ते ने उनके दाएं पैर में काट लिया था. जिसके बाद इलाके के लोग उन्हें इलाज के लिए पास के CPR अस्पताल ले गए थे. अस्पताल में इलाज के दौरान उनके घाव पर टांके लगाए गए थे. साथ ही उन्हें एंटी रेबीज इंजेक्शन भी दी गई थी. घटना को लेकर CPR अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट शिशिर मिरगुंडे ने बताया,

'शुक्रवार 8 मार्च को सृष्टि को  रेबीज वैक्सीनेशन (ARV) की पांचवी और आखिरी डोज दी गई थी. इसके साथ ही उन्हें एंटी-रेबीज सीरम का भी इंजेक्शन दिया गया था.'

रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार 9 मार्च को सृष्टी को बुखार आया था. साथ ही उसके दोनों पैरों ने काम करना बंद कर दिया था. इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां हालत और ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया.इस दौरान कई टेस्ट भी किए गए. टेस्ट के नतीजे सामने आने पर पता चला कि सृष्टी को रेबीज है. इलाज के दौरान सोमवार 11 मार्च को सृष्टी की मौत हो गई  थी. 

परिवार वालों का क्या कहना है?

मृतक के परिजन अतुल शिंदे ने बताया,

'एंटी रेबीज इंजेक्शन देने के बावजूद रेबीज कैसे हो सकता है? क्या वैक्सीन को सही तापमान पर नहीं रखा गया था? अगर किसी की मौत आवारा कुत्ते के काटने की वजह से होती है तो ये शहर सुरक्षित कैसे हैं?'

KMC हेल्थ इंस्पेक्टर डॉक्टर विजय पाटिल ने बताया,

'मृतका के परिवार वालों को भी आइसोलेट कर निगरानी में रखा गया था. क्योंकि खून और थूक से भी रेबीज फैलने का खतरा बना रहता है. एक स्टडी के मुताबिक रेबीज से ग्रस्त 99.09% प्रतिशत मरीज बच नहीं पाते हैं.'

ये भी पढ़ें: लिफ्ट में कुत्ते ने बच्चे को काटा, मालकिन खड़ी देखती रही, फिर अकेला छोड़कर चली गई

उन्होंने आगे बताया कि रेबीज से बचाव के लिए वैक्सीनेशन ही इकलौता तरीका है. हर रोज 10-15 आवारा कुत्तों को वैक्सीनेट किया जा रहा है. साल 2019 से अब तक लगभग 7500 से ज्यादा कुत्तों को वैक्सीनेट किया जा चुका है.

वीडियो: नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनने की इनसाइड स्टोरी क्या है? कौन-सा फैक्टर काम आ गया?

Advertisement