लखनऊ में एक बच्चे ने खेलने के दौरान मैग्नेट की 65 गोलियां एक-एक करके निगल लीं. इन गोलियों ने पेट में जाने के बाद माला का रूप ले लिया. डॉक्टरों ने 5 घंटे के ऑपरेशन के बाद मैग्नेट की गोलियों को पेट से निकाला.
उल्टी आने के बाद एक्सरे में दिखीं गोलियां
इंडिया टुडे ग्रुप के पत्रकार आशीष श्रीवास्तव के मुताबिक लखनऊ के विशाल खंड स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में डेढ़ साल के बच्चे को लाया गया. बच्चे को लगातार उल्टी और डिहाइड्रेशन की शिकायत हो रही थी. डॉक्टरों ने फौरन एक्सरे करवाया. एक्सरे में डॉक्टरों को पेट में माला जैसा कुछ दिखा. बच्चे के परिजनों में घर पर ऐसी किसी माला के होने से इनकार किया. फिर पता चला कि ये चुंबक की गोलियां हैं. इनसे बच्चा खेलता रहता था, लेकिन वह उन्हें कब निगलता गया, इसका पता घरवालों को नहीं चला.
डॉक्टर ने परिजनों से ऑपरेशन की बात कही. डॉक्टरों के सामने सबसे बड़ी चुनौती चुंबक की 65 गोलियों को एक-एक करके पेट से निकालने की थी. गोलियों ने आपस में चिपक कर माला का रूप ले लिया था. डॉक्टरों ने 5 घंटे के सफल ऑपरेशन के बाद बहुत सावधानी से बच्चे के पेट से चुंबक की गोलियों को निकाला.
अस्पताल की HOD डॉक्टर समायरा खान के मुताबिक,
'बच्चे को हॉस्पिटल लाया गया था तो एक्स-रे में माला दिखाई दी थी. लेकिन वह माला न होकर चुंबक की गोलियां थीं. ये गोलियां आपस में चिपक गईं थीं. जब हमने आंत को चेक किया तो उसमें घाव हो गए थे. इस वजह से ऑपरेशन करना थोड़ा सा मुश्किल हो रहा था. हम एंडोस्कोपी भी नहीं कर सकते थे, क्योंकि बच्चा काफी छोटा था. जिसके बाद हमने सर्जन की टीम तैयार की और एक सफल ऑपरेशन किया. तकरीबन 5 घंटे लगे, तब मैग्नेट की सभी गोलियों को निकाला जा सका.'
पीडियाट्रिक सर्जन डॉक्टर डॉक्टर सुनील के मुताबिक,
'मैग्नेट की गोली आंतों में होने की वजह से घाव हो गया था और एंडोस्कोपी भी नहीं की जा सकता थीं. ऑपरेशन के दौरान मैग्नेट की गोलियां आपस में चिपक रही थीं. इस वजह से काफी मुश्किल हो रही थी.
फिलहाल बच्चा हॉस्पिटल में है और उसका हाल ठीक बताया जा रहा है.