The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Lucknow, Doctor removed 65 magnet beads from 1 and half-year-old kid who swallowed it one by one

डेढ़ साल के बच्चे के एक्स-रे में पेट में दिखी माला जैसी चीज, ऑपरेशन में क्या निकला?

घरवाले कह रहे थे कि घर पर तो ऐसी कोई माला न थी. फिर कोई बच्चा माला कैसे खा जाएगा?

Advertisement
Img The Lallantop
बच्चा एक-एक करके मैग्नेट की 65 गोलियां निगल लीं. वो भीतर जाकर एक दूसरे से चिपक कर माला जैसी बन गईं.
pic
अमित
17 दिसंबर 2020 (Updated: 17 दिसंबर 2020, 09:40 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
लखनऊ में एक बच्चे ने खेलने के दौरान मैग्नेट की 65 गोलियां एक-एक करके निगल लीं. इन गोलियों ने पेट में जाने के बाद माला का रूप ले लिया. डॉक्टरों ने 5 घंटे के ऑपरेशन के बाद मैग्नेट की गोलियों को पेट से निकाला. उल्टी आने के बाद एक्सरे में दिखीं गोलियां इंडिया टुडे ग्रुप के पत्रकार आशीष श्रीवास्तव के मुताबिक लखनऊ के विशाल खंड स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में डेढ़ साल के बच्चे को लाया गया. बच्चे को लगातार उल्टी और डिहाइड्रेशन की शिकायत हो रही थी. डॉक्टरों ने फौरन एक्सरे करवाया. एक्सरे में डॉक्टरों को पेट में माला जैसा कुछ दिखा. बच्चे के परिजनों में घर पर ऐसी किसी माला के होने से इनकार किया. फिर पता चला कि ये चुंबक की गोलियां हैं. इनसे बच्चा खेलता रहता था, लेकिन वह उन्हें कब निगलता गया, इसका पता घरवालों को नहीं चला. डॉक्टर ने परिजनों से ऑपरेशन की बात कही. डॉक्टरों के सामने सबसे बड़ी चुनौती चुंबक की 65 गोलियों को एक-एक करके पेट से निकालने की थी. गोलियों ने आपस में चिपक कर माला का रूप ले लिया था. डॉक्टरों ने 5 घंटे के सफल ऑपरेशन के बाद बहुत सावधानी से बच्चे के पेट से चुंबक की गोलियों को निकाला. अस्पताल की HOD डॉक्टर समायरा खान के मुताबिक,
'बच्चे को हॉस्पिटल लाया गया था तो एक्स-रे में माला दिखाई दी थी. लेकिन वह माला न होकर चुंबक की गोलियां थीं. ये गोलियां आपस में चिपक गईं थीं. जब हमने आंत को चेक किया तो उसमें घाव हो गए थे. इस वजह से ऑपरेशन करना थोड़ा सा मुश्किल हो रहा था. हम एंडोस्कोपी भी नहीं कर सकते थे, क्योंकि बच्चा काफी छोटा था. जिसके बाद हमने सर्जन की टीम तैयार की और एक सफल ऑपरेशन किया. तकरीबन 5 घंटे लगे, तब मैग्नेट की सभी गोलियों को निकाला जा सका.'
पीडियाट्रिक सर्जन डॉक्टर डॉक्टर सुनील के मुताबिक,
'मैग्नेट की गोली आंतों में होने की वजह से घाव हो गया था और एंडोस्कोपी भी नहीं की जा सकता थीं. ऑपरेशन के दौरान मैग्नेट की गोलियां आपस में चिपक रही थीं. इस वजह से काफी मुश्किल हो रही थी.
फिलहाल बच्चा हॉस्पिटल में है और उसका हाल ठीक बताया जा रहा है.

Advertisement