लता दी का निधन हुआ नहीं कि एजेंडेबाज़ उन्हें राष्ट्रवादी और फासिस्ट बताने लगे!
किसी शख्सियत की मौत पर इस तरह की प्रतिक्रियाओं का ट्रेंड चल चुका है.

"अपनी आखिरी सांस तक हिंदुत्व के लिए दिए गए योगदान को भुलाया नहीं जाना चाहिए. पीढ़ियों को प्रभावित करने के लिए लता जी का धन्यवाद."
एक दूसरे ट्वीट में लिखा गया, "दो राष्ट्रवादी एक फ्रेम में."Her contributions to the hindutva cause till her last breath shouldn't be forgotten. Om Shanti Dear Lata ji thanks for inspiring generations.
— Amrita Pandey (@iAmritapandey_) February 6, 2022
Two Nationalists in a single frame 🇮🇳 https://t.co/OoUAVZdcrJ — The Rationale Indian 🇮🇳 (@rationale_ind) February 6, 2022एक ट्विटर यूजर ने ट्वीट किया,
"ना केवल एक महान गायिका बल्कि अपनी हिंदू पहचान ना छिपाने वाली भीं."
अभिषेक पांडेय नाम के यूजर ने ट्वीट किया,Not only the greatest singer but also an unapologetic Hindu.
Queen ❤👑 https://t.co/ICapz815o8 — Ā ॐ (@SriHariBhakt) February 6, 2022
"भारत रत्न म्यूजिकल आइकन होने के अलावा लता जी कट्टर सांस्कृतिक राष्ट्रवादी थीं."
Staunch civilizational nationalist apart from being the Bharat Ratna musical icon of all time! 🙏🏽 #LataMangeshkar https://t.co/AK4r9GBCxR — Abhishek Pandey (@SirAkPandey) February 6, 2022किसी ने उन्हें ब्राह्मण राष्ट्रवादी बताया. ये ट्वीट देखिए,
इस ट्वीट में जो फोटो लगाई गई है, वो उस सेक्शन के लोगों की है, जो लता मंगेशकर को संघी-फासिस्ट बता रहे हैं. मसलन, इस फोटो में लता मंगेशकर के निधन पर घोषित किए गए दो दिन के राष्ट्रीय शोक पर प्रतिक्रिया आई है. प्रतिक्रिया में लिखा गया है,They hate #LataMangeshkar ji because she was nationalist Brahmin. Honestly, I was expecting tweets like this. I’m sure there are more. pic.twitter.com/SxvKR2uHcA
— Phenomenal (@yashh_parashar) February 6, 2022
"दानिश सिद्दीकी का निधन हुआ, लेकिन एक भी शब्द नहीं कहा गया. चलिए, इसको जाने देते हैं. बॉलीवुड के ही कुछ लोगों को ले लेते हैं. इरफान खान, दिलीप कुमार, श्रषि कपूर. किसी को कोई विशेष सम्मान मिला? ये ज्यादा हो गया."इसी तरह प्रोफेसर मैवरिक नाम के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया गया,
"सावरकर की प्रशंसक की मौत पर दुखी होने की कोई जरूरत नहीं है. यह एक विरोधाभास है कि भारत के गैर-दक्षिणपंथी लोग कहते हैं कि सावरकर और गोडसे पर मीम बनाना तो नैतिक है, लेकिन उनकी फैनगर्ल के लिए ऐसा करना अनैतिक है."
There is nothing to be sad on the death of a savarkar admirer. It is ironic "indian non right" thinks it's moral to make memes on savarkar and godse ( two dead people ) but immoral to show sanghi face of their fangirl #LataMangeshkar — Professor Mavrik (@Maverickism_) February 6, 2022एक और यूजर ने ट्वीट किया,
"इससे फर्क नहीं पड़ता कि लता मंगेशकर कितनी बेहतरीन गायिका थीं. यह एक तथ्य है कि उसने सावरकर का समर्थन किया और वो एक कट्टर संघी थी."
रेनमैन नाम के यूजर ने ट्वीट किया,#LataMangeshkar , no matter how brilliant versatile singer she was, it is a fact that she supported Savarkar and she was a staunch sanghi. pic.twitter.com/43Ng9XgZxa
— Gani khateeb | غني خطيب | గని ఖతీబ్ (@gani_khateeb) February 6, 2022
"लता मंगेशकर एक संघी थी और उसने इसे छिपाया नहीं. उसकी आत्मा को उसके कायर हीरो सावरकर के साथ शांति मिले."
Lata Mangeshkar was a sanghi and she didn't hide it. May she find peace with her coward hero savarkar. — Rainman (@osinner900) February 6, 2022इसी तरह तंजीरो टैन नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया,
"घृणा से भरी हुई कट्टरपंथी जो खुद को सावरकर की बेटी कहती थी, उसकी मौत हो गई. लिबरल और संघी समाज मृतक को अपमानित ना करने की बात कह रहा है."
मानवीर सिंह नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया,Hateful bigot who called herself the daughter of Savarkar dies.
Le Liberal & Sanghi samaaj: Why are people being disrespectful to the dead?#LataMangeshkar — Tanjiro Tan (@TanjiroTan) February 6, 2022
"RIP लता मंगेशकर पोस्ट करने से पहले ध्यान रखना कि वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कट्टर फॉलोवर थी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक एक घृणा फैलाने वाला फासिस्ट समूह है, जो नाज़ीवाद की विचारधारा पर चलता है और जिस विचारधारा से आज देश के अल्पसंख्यक पीड़ित हैं. हां, उसकी आवाज़ अच्छी थी, लेकिन वो फासीवाद की समर्थक थी."
Before posting your “RIP Lata Mangeshkar” posts, note that she ardently supported the RSS – a fascist hate group that took inspiration from Nazism & is the main culprit behind the oppression of minorities in India today. Yes, she had a beautiful voice but she supported fascism. https://t.co/wUMJl39OHG pic.twitter.com/PaQEsNUUmp — Manveer Singh (@manveerssihota) February 6, 2022किसी प्रसिद्ध हस्ती के निधन पर इस तरह के रिएक्शन आना कोई नई बात नहीं है. बीते कुछ सालों में ये ट्रेंड बहुत तेजी से बढ़ा है. लोग मृतक का उसके निधन वाले दिन भी सम्मान नहीं करते. अपना एजेंडा लेकर कूद पड़ते हैं. इस बात को नजरअंदज़ज करते हुए कि असल में वो शख्सियत किस वजह से जानी गई और किसी का भी व्यक्तित्व पूरी तरह से ब्लैक एंड व्हाइट नहीं होता.