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'इंदिरा गांधी को मारा था, G7 में मोदी की राजनीति खत्म कर देंगे,' कनाडा के पत्रकार ने खालिस्तानियों पर बड़ा दावा किया

कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने G7 समिट के लिए मोदी को आमंत्रित किया है. यह समिट 15-17 जून तक चलेगा. हालांकि, वर्ल्ड सिख ऑर्गनाइजेशन (WSO) ने इस पर नाराजगी जताई है.

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खालिस्तान समर्थकों ने कनाडा में G7 समिट को लेकर धमकी दी है. (India Today)
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मौ. जिशान
8 जून 2025 (Published: 10:07 PM IST)
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कनाडा में खालिस्तान के समर्थकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पॉलिटिक्स खत्म करने की धमकी दी है. कनाडा के खोजी पत्रकार मोचा बेजिर्गन ने यह दावा किया है. उन्होंने कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की धमकियों और हिंसा को लेकर गंभीर चिंता जताई है. यह सब तब हो रहा है जब कुछ ही दिनों में कनाडा में G7 समिट होने वाला है. इसमें हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी को भी आमंत्रित किया गया है.

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मोचा बेजिर्गन ने बताया कि वैंकूवर में एक रैली के दौरान खालिस्तान समर्थकों ने उन पर हमला किया. उन्होंने कहा,

"ये घटना दो घंटे पहले हुई और मैं अब भी कांप रहा हूं. उन्होंने गुंडों जैसी हरकत की, मुझे घेर लिया, फोन छीनने की कोशिश की, रिकॉर्डिंग रोकना चाहा."

बेजिर्गन ने खालिस्तान की हिंसा का महिमामंडन करने वाले समर्थकों की आलोचना की. उन्होंने बताया,

"ये लोग इंदिरा गांधी के हत्यारों का जश्न मना रहे हैं और खुलकर कह रहे हैं कि हम मोदी को G7 में घेरकर उनकी राजनीति खत्म कर देंगे. ये लोग कहते हैं, 'हम इंदिरा गांधी के हत्यारों की संतानें हैं' और इस हिंसा को महिमामंडित करते हैं."

बेजिर्गन पहले भी कई बार खालिस्तानी गतिविधियों की रिपोर्टिंग कर चुके हैं. उन्होंने X पर लिखा, "मुझे खालिस्तानियों ने घेर लिया, मेरे हाथ से मेरा फोन छीना और धमकी दी. स्वाभाविक तौर पर मैं घबरा गया, लेकिन लेकिन रुका नहीं हूं."

उन्होंने इस हमले को 'गुंडागर्दी' बताया और कहा कि यह उनके स्वतंत्र पत्रकारिता के काम का नतीजा है.

उन्होंने मार्च 2024 की एक घटना का भी जिक्र किया जब एडमंटन में खालिस्तानी समर्थक तलवारों और भालों से लैस होकर भारत के उच्चायुक्त के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.

बेजिर्गन ने आरोप लगाया कि यह आंदोलन खास तौर से 'सिख्स फॉर जस्टिस' (SFJ) चला रही है. इसे कनाडा के 'वर्ल्ड सिख ऑर्गनाइजेशन' (WSO) जैसे संगठनों का राजनीतिक समर्थन प्राप्त है. उन्होंने कहा कि ये संगठन गुरुद्वारों से लोगों को जुटाकर भीड़ बनाते हैं, और इनसे जुड़े कई लोग कनाडा की राजनीति में प्रभाव रखते हैं.

उन्होंने यह भी बताया कि कनाडाई नेता इन चरमपंथी संगठनों की आलोचना से बचते हैं. उन्होंने कहा कि हाल ही में कंजर्वेटिव नेता पियरे पोलीवरे और कुछ लिबरल व एनडीपी सांसदों ने सरे (ब्रिटिश कोलंबिया) में एक नगर कीर्तन में हिस्सा लिया, जहां खालिस्तानी प्रभाव था. स्टेज पर एक प्लेन में बम धमाके की साजिश में दोषी संतोष सिंह खेड़ा भी मौजूद था.

उधर, कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने G7 समिट के लिए मोदी को आमंत्रित किया है. हालांकि, वर्ल्ड सिख ऑर्गनाइजेशन (WSO) ने इस पर नाराजगी जताई है. उनके कानूनी सलाहकार बलप्रीत सिंह ने कहा, "यह फैसला कनाडाई मूल्यों और सिखों की चिंताओं के साथ धोखा है."

WSO ने 21 मई को पीएम कार्नी को पत्र लिखकर मोदी को ना बुलाने की मांग की थी, जिसे नजरअंदाज कर दिया गया. कनाडा के अल्बर्टा में 15-17 जून तक G7 समिट चलेगा.

वीडियो: कनाडा के PM ने भेजा G7 समिट का न्योता, PM मोदी से फोन पर क्या बात हुई?

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