बिकरू गोलीकांड: इस रिपोर्ट के बाद 37 पुलिसवाले फंस गए हैं!
विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस पर हमले में आठ पुलिसवाले शहीद हो गए थे.
कानपुर का चर्चित बिकरू कांड. पुलिस टीम पर हमला कर सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में यूपी सरकार एसआईटी की रिपोर्ट के बाद एक्शन में है. यूपी के गृह विभाग ने उन 37 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है जिन्हें इस मामले में दोषी पाया गया है.
एसआईटी की रिपोर्ट में दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमले और सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या मामले में 37 पुलिसकर्मियों को दोषी माना गया है. गृह विभाग ने डीजीपी से 37 दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन लेने की सिफारिश की है.
पत्नी पर भी घिर रहा है मामला
बिकरू कांड के बाद विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे पर भी केस दर्ज किया गया था. ऋचा पर बिकरू कांड के बाद फर्जी सिम कार्ड के प्रयोग और दस्तावेजों से खिलवाड़ करने का आरोप है. ऋचा पर पुलिस को गुमराह करने का भी आरोप हैं. आरोप यह भी है कि ऋचा को पूरे मामले की जानकारी थी. वह विकास दुबे के काले कारनामों में शामिल थी.
बिकरू कांड के बाद विकास दुबे की पत्नी को पुलिस ने क्लीन चिट देकर छोड़ा था. लेकिन एसआईटी की रिपोर्ट के मुताबिक ऋचा और उसके रिश्तेदार फर्जी आईडी से सिम लेते थे और विकास दुबे का परिवार वही सिम इस्तेमाल करता था.
एसआईटी की सिफारिश पर कानपुर पुलिस ने ऋचा दुबे पर एफआईआर दर्ज की है. एफआईआर से ऋचा दुबे के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है.
क्या था बिकरू हत्याकांड
कानपुर के इनामी बदमाश विकास दुबे को 2 जुलाई 2020 की रात को पुलिस पकड़ने गई थी. विकास दुबे ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर पुलिस पर हमला कर दिया, जिसमें आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए. बाद में पुलिस ने 10 जुलाई को विकास दुबे को कथित मुठभेड़ में मार गिराया था. उसे मध्य प्रदेश के उज्जैन से पकड़ा गया था. पुलिस ने कहा था कि दुबे ने भागने की कोशिश की थी और पुलिस पर गोली चलाई थी. ऐसे में आत्मरक्षा में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिसमें विकास दुबे मारा गया. इस मामले की जांच जारी है.विकास दुबे के चार अन्य साथी भी कथित मुठभेड़ में मारे गए थे. ये सभी विकास दुबे से पहले ही मारे गए थे.