'लोकप्रियता बढ़ी तो बाइडन की टीम ने मुझे नीचा दिखाया' कमला हैरिस ने डेमोक्रेटिक नेता की पोल खोल दी
Kamala Harris ने दावा किया है कि जब उनकी लोकप्रियता बढ़ रही थी, तब Joe Biden प्रशासन की ओर से उनको आगे बढ़ाना चाहिए था. लेकिन उन्होंने इसका उल्टा किया.

अमेरिका की पूर्व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris) ने कहा है कि तत्कालीन राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) की टीम ने उन्हें बदनाम होने दिया. उन्होंने दावा कि जब वो बाइडन से ज्यादा लोकप्रिय हो गईं, तो उनकी टीम ने कमला को अमेरिकी सीमा संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया.
अमेरिका में जो पिछला राष्ट्रपति चुनाव हुआ, उस दौरान कमला हैरिस और जो बाइडन की अलग कारणों से चर्चा रही. एक ही दल में होते हुए भी दोनों के मतभेद सार्वजनिक रूप से सामने आए. कमला तब उपराष्ट्रपति थीं और बाइडन राष्ट्रपति. कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने की चर्चा चली, तो बाइडन ने इसका विरोध किया. वो अपनी दावेदारी पर अड़ गए और कमला को रास्ते से हटाने की कोशिश की.
अंत में उम्मीदवारी कमला हैरिस को ही मिली लेकिन उनको डॉनल्ड ट्रंप के हाथों हार का सामना करना पड़ा. अब ऐसा प्रतीत होता है कि इस इलेक्शन की पृष्ठभूमि पहले से तैयार की जा रही थी. उस चुनाव के महीनों बाद, कमला हैरिस ने बाइडन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने ‘107 डेज’ नाम से एक किताब लिखी है, जो 23 सितंबर को रिलीज होने वाली है. लेकिन उससे पहले उस पुस्तक का एक अंश सामने आया है.
इसके हवाले से न्यूयॉर्क पोस्ट ने लिखा है कि हैरिस ने जब अपना पदभार ग्रहण किया, तो कुछ सप्ताह बाद ही उनको इमिग्रेशन मामलों की देखरेख की जिम्मेदारी दी गई. इसके बाद आलोचकों ने कमला हैरिस के बारे में निगेटिव नैरेटिव चलाया. पूर्व उपराष्ट्रपति का आरोप है कि बाइडन की टीम ने इन नैरेटिव को आगे बढ़ाने का काम किया. उन्होंने अपनी किताब में लिखा है,
जब रिपब्लिकन ने मेरी भूमिका को नकारात्मक रूप में प्रस्तुत किया, तो वाइट हाउस कम्युनिकेशन टीम में किसी ने भी मुझे ये समझाने में मदद नहीं की थी कि मुझे वास्तव में क्या करने का काम सौंपा गया था. मैंने जो प्रगति हासिल की थी, उसे भी उजागर करने में मदद नहीं की.
हैरिस ने कहा कि सीमा संकट के मामले पर बाइडन प्रशासन ने उनको नजरअंदाज किया. उन्होंने लिखा,
सीमा संकट एक ऐसा मामला था जो रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों के लिए कठिन साबित हुआ. मैंने इसका दोष अपने ऊपर ले लिया… राष्ट्रपति (बाइडन) की टीम से किसी ने भी इस बात की वकालत नहीं कि मुझे इस नैरेटिव को जीतने के लिए कोई मदद दी जाए.
उनके पास कम्युनिकेशन की एक बड़ी टीम है, प्रेस रूम में हर दिन ब्रीफिंग होती थी. लेकिन मेरे काम के बारे में कुछ सकारात्मक कहलवाना या झूठे नैरेटिव के खिलाफ कोई बचाव पाना लगभग नामुमकिन था.
इससे भी बुरी बात ये है कि मुझे हमेशा पता चला था कि राष्ट्रपति का स्टाफ मुझसे जुड़ी नकारात्मक बातों को और अधिक हवा दे रहा था.
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पिछले चुनाव के समय बाइडन की उम्र और उनकी सेहत का मुद्दा भी उठाया गया था. कमला हैरिस ने इसका भी जिक्र किया है. उन्होंने लिखा है,
जब मेरे बारे में गलत खबरें फैलतीं, तो राष्ट्रपति के करीबी लोगों को इससे कोई दिक्कत नहीं होती थी. दरअसल, ऐसा लगता था, जैसे उन्होंने तय कर लिया था कि मुझे थोड़ा और नीचा दिखाना चाहिए.
उनकी सोच शून्य बराबर है… उनमें से किसी ने भी ये नहीं समझा कि अगर मैंने अच्छा किया, तो उसने भी अच्छा किया. बाइडन की उम्र को लेकर चिंताओं को देखते हुए, उपराष्ट्रपति के रूप में मेरी सफलताएं महत्वपूर्ण थीं.
कमला हैरिस ने इशारों में कहा कि जब उनकी लोकप्रियता बढ़ रही थी, तब बाइडन प्रशासन की ओर से उनको आगे बढ़ाना चाहिए था. लेकिन उन्होंने इसका उल्टा किया.
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