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19 साल पुरानी जस्सी-मिट्ठू की लव स्टोरी का क्लाइमेक्स 'सैराट' से कहीं ज़्यादा खौफ़नाक था

कनाडा से लाए गए मां-मामा के खिलाफ अब जाकर FIR दर्ज़ हुई है, पति को अब भी इंसाफ का इंतज़ार है.

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जस्सी और मिट्ठू की प्रेम कहानी बहुत सुन्दर होती, अगर जस्सी के घरवालों ने उसकी जान न ले ली होती.
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प्रेरणा
17 सितंबर 2019 (Updated: 17 सितंबर 2019, 10:55 AM IST)
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1994 का साल. पंजाब का गांव कौंके कोसान. कनाडा से अपने मामा के ठिये आई एक लड़की. गांव का एक चिबिल्ला कबड्डी प्लेयर. लड़की भूंड में बैठ कर कहीं जा रही थी. नजरें मिली. पहली नजर का इश्क सच हो गया. भूंड पंजाब में चलने वाले लम्बे ऑटो होते हैं. टुक टुक जैसे.
लड़की का नाम जसविंदर था. प्यार से सब जस्सी बुलाते थे. लड़के का सुखविंदर. बोले का नाम मिट्ठू. उस दिन मिट्ठू अपने दोस्त के साथ वापस लौट रहा था एक कबड्डी मैच से. जस्सी को देखने के बाद वो रह नहीं सका. अगले दिन जगराओं में जस्सी की फैमिली शॉपिंग करने गई. हीरो सिल्क शोरूम. वहां जस्सी से मिट्ठू की मुलाक़ात हुई. वहीं से उनकी कहानी शुरू हुई. जस्सी कनाडा लौट गई. लेकिन मिट्ठू से बातचीत चलती रही.
1999 में वो इंडिया आई. चुपके से मिट्ठू और जस्सी ने शादी कर ली. अमृतसर के बाबा बकाला गुरुद्वारे में. जस्सी को जल्दी थी, क्योंकि घरवाले लड़का ढूंढ रहे थे. शादी रचा के वो चुपचाप कनाडा वापस चली गई. ब्यूटीशियन के कोर्स में दाखिला ले लिया. सोचा था वापस आएगी. मिट्ठू के साथ जिंदगी बसर करेगी. पर शायद कुछ और लिखा था होना. जो किसी ने नहीं सोचा था.
जस्सी और मिट्ठू ने अपने प्यार के लिए घरबार छोड़ना चुना. लेकिन फिर भी घरवालों के सामने हार गए.
जस्सी और मिट्ठू ने अपने प्यार के लिए घरबार छोड़ना चुना. लेकिन फिर भी घरवालों के सामने हार गए.

जस्सी के घरवालों को उसकी सीक्रेट शादी की भनक लग गई. कैसे? कुछ जगहों पर ये कहा गया कि एक लोकल गांववाले ने ही जस्सी के मामा को खबर कर दी. मामा ने जस्सी के घर में बता दिया कि क्या चल रहा है. जस्सी का जीना हराम कर दिया गया. वहां उसे पीटा जाने लगा. जबरन शादी करने को मजबूर किया जाने लगा. किसी 60 साल के बूढ़े से शादी करने की बात चलाई जाने लगी.
अब जस्सी के मामा ठहरे रसूख वाले आदमी. मिट्ठू पर केस ठोक दिए गए. कहा गया कि उसने जस्सी का अपहरण किया. जबरदस्ती शादी की. लेकिन किसी तरह जस्सी भारत आ गई. मिट्ठू के फेवर में बयान दिया. उसे छुड़ा लाई. दोनों साथ रहने लगे. लेकिन बच के कैसे निकलते, जस्सी के मामा की नज़र दोनों पर लगातार बनी हुई थी. उनसे बचने के चक्कर में वो कभी शिमला, कभी जयपुर भागते रहे. अंत में मिट्ठू के घरवालों ने दोनों को मलेरकोटला के पास नारिके गांव भेज दिया. वहां दोनों छुपकर रहने लगे.
जस्सी के घरवालों ने तय कर लिया था, कि मिट्ठू को जीने नहीं देंगे.
जस्सी के घरवालों ने तय कर लिया था, कि मिट्ठू को जीने नहीं देंगे.

लेकिन एक दिन जब मिट्ठू पटियाला से लौटकर आया, तो जस्सी बेहद परेशान थी. कहा, दम घुट रहा भीतर बैठे-बैठे. स्कूटर पर घुमा लाओ. हार मानकर मिट्ठू उसे कॉफ़ी पिलाने मलेरकोटला ले गया. वापस नारिके आते हुए उन्होंने देखा कि नाले के पास एक गाड़ी खड़ी है.
मिट्ठू ने स्कूटर धीमे किया. ये देखने के लिए कि सब कुछ ठीक तो है. उसी समय गाड़ी के पीछे से दो लोग निकल कर उनके स्कूटर पर झपट पड़े. उनके हाथों में तलवारें थीं. उन्होंने मिट्ठू पर तलवारें चलानी शुरू कर दीं. वो वहीं बेहोश हो कर गिर गया. वो लोग चिल्ला रहे थे, ‘बड़ा आया साला रांझा. एह्नूं छडना नहीं आज’. बेहोश होने से पहले मिट्ठू को जो आखिरी आवाज़ सुनाई दी वो जस्सी की थी. वो अंग्रेजी में चिल्ला रही थी, ‘कोई मदद करो. मेरे मिट्ठू को कोई मार रहा है. प्लीज मदद करो’.
मिट्ठू वहां खून से लथपथ पड़ा रहा. वो जस्सी को ले गए. दो मजदूर वहां से गुजर रहे थे. उन्होंने मिट्ठू को देखा. हॉस्पिटल ले गए. 15 दिन बाद होश आया उसे. लेकिन जस्सी आसपास कहीं नहीं थी.

आखिर कहां थी जस्सी?

जब जस्सी ने मिट्ठू से शादी कर ली, उसके घरवाले आपे से बाहर हो गए. मां मल्कियत कौर और मामा सुरजीत सिंह ने तय कर लिया कि मिट्ठू को रास्ते से हटा देना है. इसके लिए सुपारी किलर रखे गए. उनको मिट्ठू को मारने भेजा गया. प्लैन तो यह था कि मिट्ठू को मारकर जस्सी को उठा लाएंगे. कनाडा भेज देंगे वापस. फिर उसकी शादी कहीं और करा दी जाएगी.
उसे उठा लिया गया, और उसकी मां को फोन किया गया बताने के लिए कि प्लैन सफल रहा. फ़ोन पर जस्सी ने अपनी मां से कहा कि वो सबको बता देगी. पुलिस के सामने एक्सपोज कर देगी उनको.
तब जस्सी की मां ने हत्यारों से कहा,
जस्सी को भी ख़त्म कर दो.
जस्सी को एक खाली फार्म हाउस में ले जाया गया. वहां तेज धार वाले हथियार से उसका गला रेत दिया गया.
मिट्ठू को मारने के इस काम के लिए सात लाख के लेन-देन की बात हुई थी. जस्सी को मारने के सात लाख रुपए इन हत्यारों ने और लिए.
मारने के प्लैन में पहले जस्सी शामिल नहीं थी. लेकिन उसने जब पोल खोल देने की धमकी दी, तब उसे भी रास्ते से हटा दिया गया.
मारने के प्लैन में पहले जस्सी शामिल नहीं थी. लेकिन उसने जब पोल खोल देने की धमकी दी, तब उसे भी रास्ते से हटा दिया गया.

इस पूरे केस में जिनके नाम आए वो थे अश्विनी कुमार, अनिल कुमार, सब इंस्पेक्टर जोगिन्दर सिंह, दर्शन सिंह. इस मामले में पहले सात लोगों को अभियुक्त बनाया गया था. लेकिन इनमें से तीन को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने बरी कर दिया, बचे चार लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की. 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने अश्विनी, अनिल, और जोगिन्दर को दोषी बनाए रखा. दर्शन सिंह को बरी कर दिया. मल्कियत कौर और सुरजीत बादेशा (सिंह) को कनाडा से लाने के लिए अपील की गई. 2017 में ये अपील स्वीकार की गई. 2019 की जनवरी में दोनों को भारत लाया गया. मलेरकोटला कोर्ट में इनकी पेशी हुई.

 मिट्ठू ने दूसरी शादी नहीं की

मिट्ठू ने दोबारा शादी नहीं की. वो जस्सी के कपड़े और चूड़ियां अभी भी सहेजे बैठा है. कहता है, 'जस्सी जी मेरी जिन्दगी का इकलौता प्यार थी, और रहेगी.' वो चाहता है कि जस्सी को न्याय मिल जाए बस. जस्सी मिट्ठू का प्यार सबको याद रहे. हीर-रांझा की धरती पर पनपे प्यार का ये अंजाम उस प्रेम की दिल चीर देने वाली निशानी है.
मिट्ठू अपनी जस्सी के लिए लड़ रहा है. उसकी याद के लिए, उसके प्यार के लिए.
मिट्ठू अपनी जस्सी के लिए लड़ रहा है. उसकी याद के लिए, उसके प्यार के लिए.

भारत लाए जाने के बाद मल्कियत कौर और बादेशा को संगरूर जेल में रखा गया था. लेकिन उसके बाद उन्हें कपूरथला की जेल में डाल दिया गया. अब जस्सी की मां और मामा के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है. अश्वनी चौधरी मिट्ठू के वकील हैं. उन्होंने द ट्रिब्यून को बताया-
'एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज स्मृति धीर की अदालत ने सेक्शन 302, 307, और 120 -B के तहत मल्कियत कौर और बादेशा के खिलाफ चार्जेज़ लगाये हैं. कनाडा से उन्हें बुलाने के बाद संगरूर पुलिस ने मलेरकोटला कोर्ट में दोनों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट डाली थी.बाद में ये मामला संगरूर कोर्ट में ट्रांसफर किया गया.'
मामले में मिट्ठू के वकील राज कुमार गोयल से बात करने पर उन्होंने बताया कि उन्हें यकीन है कि दोषियों को सज़ा ज़रूर होगी.
मामले में मिट्ठू के वकील राज कुमार गोयल से बात करने पर उन्होंने बताया कि उन्हें यकीन है कि दोषियों को सज़ा ज़रूर होगी.

(इस आर्टिकल के लिए कुछ हिस्से द वैंकूवर सन, फेबियन डॉसन की किताब 'जस्टिस फॉर जस्सी', और हिंदुस्तान टाइम्स में छपे इंटरव्यूज़ से साभार लिए गए हैं)


 
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