आतंकियों के लिए WhatsApp का काम कर रहा है कैलकुलेटर
इस कैलकुलेटर को आर्मी भी ट्रेस न कर पावे है.
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फोटो - thelallantop
मैथ्स बचपन से आजतक समझ नहीं आई. छोटे में कैलकुलेटर का इस्तेमाल घर में तो कर लेते थे. लेकिन स्कूल में मास्टर साहेब देखते तो बत्तीस कोने का मुंह बना लेते थे. फिर कभी परचून की दुकान में सामान लेने गए तो काउंटर के पास रखे कैलकुलेटर से थोड़ा खेल लिए. और लौट आए. हमारे लिए कैलकुलेटर का दायरा बस इतना ही था. लेकिन अब कैलकुलेटर बच्चों के खेलने की चीज नहीं रह गया है. आतंकियों के काम की चीज बन गया है कैलकुलेटर. आतंकियों का whatsapp, जिसके लिए नेट कनेक्शन और इंटरनेट की जरूरत नहीं है.सुरक्षाबलों ने हाल के दिनों में धांय-धांय खूब आतंकी मार गिराए हैं. सोमवार को भी पुलवाना में मुठभेड़ चल रही है. सुरक्षाबलों ने इससे पहले मारे आतंकियों के पास से स्मार्टफोन बरामद किए हैं. इन आतंकियों के फोन में कैलकुलेटर नाम की ऐप पाई गई. इस ऐप का इस्तेमाल आतंकी अपने आकाओं से बात करने के लिए करते थे. ऐप की अच्छी या बुरी बात ये है कि इसे आर्मी ट्रेस नहीं कर पाती है. मतलब आतंकियों का वॉट्स ऐप समझ लो इसे. इस ऐप के मैसेज फोन में स्टोर ही नहीं होते थे. आर्मी जब आतंकियों के पास से फोन निकालती. मैसेज, कॉल डिटेल्स खोजती. तो यू हैव नो मैसेज दिख जाता. इससे पहले आतंकी वायरलैस रेडियो सेट्स इस्तेमाल करते थे. ये कैलकुलेटर के बारे में सुरक्षाबलों को 26 मई को एक आतंकी को मार गिराने के बाद पता चला है.
इस ऐप का इस्तेमाल सबसे पहले अमेरिका में कैटरीना चक्रवाती तूफान के दौरान एक कंपनी ने किया था. ऐप के इस्तेमाल से एक-दूसरे से संपर्क में रहने में मदद मिल पाई थी. ये ऐप बिना मोबाइल नेटवर्क के भी काम करता है. ये ऐप खुद अपना नेटवर्क तैयार कर लेता है. एक तय दूरी के में दूजी यूनिट से संपर्क बना लेता है ये ऐप. फिर क्या. जित्ता मर्जी मैसेज और जीपीएस लोकेशन भेजो.आर्मी को आतंकियों के पास कुछ सामान और भी मिला है. हथियार, गोला बारूद वगैरह.
