'कुछ लोगों के लिए... हमारे राजनयिकों को भी निशाना बना रहा कनाडा', ट्रुडो सरकार पर बरसे एस जयशंकर
26 अक्टूबर को पुणे में एक कार्यक्रम में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत ने शुरू में ही कनाडा में संगठित अपराध को लेकर चिंता जताई थी लेकिन लंबे समय से चले आ रहे अनुकूल माहौल के चलते इस मुद्दे को नजरअंदाज कर दिया गया था.
खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में भारत का हाथ होने के आरोपों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान सामने आया है (S Jaishankar on Canada Nijjar). उन्होंने कहा कि कनाडा की जस्टिन ट्रुडो सरकार ने जो वजह बताकर भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाया है, उसे भारत सिरे से खारिज करता है.
शनिवार, 26 अक्टूबर को पुणे में एक कार्यक्रम में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत ने शुरू में ही कनाडा में संगठित अपराध को लेकर चिंता जताई थी, लेकिन लंबे समय से चले आ रहे अनुकूल माहौल के चलते इस मुद्दे को नजर अंदाज कर दिया गया. उन्होंने भारत की राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता का जिक्र करते हुए कनाडाई अधिकारियों से समझदार, शांत और जिम्मेदाराना दृष्टिकोण अपनाने को कहा. बोले,
कनाडा सरकार ने जिस तरह हमारे उच्चायुक्त और राजनयिकों को निशाना बनाया, हम उसे पूरी तरह से खारिज करते हैं.
जयशंकर ने कहा,
मुद्दा ये है कि वहां लोगों की एक छोटी सी अल्पसंख्यक आबादी है, लेकिन उन्होंने खुद को एक बड़ी राजनीतिक आवाज बना लिया है. दुर्भाग्य से उस देश की राजनीति, उस राजनीतिक लॉबी को शायद एक हद तक खेलने का मौका दे रही है. मेरा मानना है कि ये सिर्फ हमारे संबंधों के लिए ही बुरा नहीं है, खुद कनाडा के लिए भी बुरा है.
भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव पिछले दिनों और बढ़ गया है. जब कनाडाई अधिकारियों ने निज्जर की हत्या की जांच में कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय वर्मा और कई अन्य राजनयिकों को 'पर्सन ऑफ इंट्रेस्ट' के तौर पर नामित किया. भारत ने कनाडा की इस कार्रवाई का जवाब देते हुए संजय वर्मा और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया. साथ ही छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया.
विदेश मंत्रालय ने संजय वर्मा के खिलाफ आरोपों को खारिज कर दिया. कहा कि संजय वर्मा भारत के सबसे वरिष्ठ राजनयिक हैं. उनका 36 साल का शानदार करियर रहा है. वो जापान और सूडान में राजदूत रह चुके हैं. वहीं इटली, तुर्की, वियतनाम और चीन में भी सेवा दे चुके हैं. कनाडा सरकार द्वारा उन पर लगाए गए आरोप हास्यास्पद हैं.
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