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जयराम रमेश ने राजनाथ सिंह को सरदार पटेल की बेटी की डायरी पकड़ा दी, बोले- 'पढ़िएगा जरूर'

Rajnath Singh ने मणिबेन पटेल की डायरी के हवाले से 2 दिसंबर को संसद में दावा कर दिया था कि नेहरू सरकारी पैसे से बाबरी मस्जिद बनाना चाहते थे, लेकिन वल्लभ भाई पटेल ने उन्हें रोका था.

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Rajnath Singh Jairam Ramesh
राजनाथ सिंह को मणिबेन पटेल की डायरी पन्ने देते जयराम रमेश. (India Today)
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सौरभ
11 दिसंबर 2025 (Published: 08:22 PM IST)
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संसद भवन परिसर में गुरुवार, 11 दिसंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपनी कार से उतरे ही थे कि पीछे से झोला लटकाए जयराम रमेश ने आकर पकड़ लिया. जयराम राज्यसभा सांसद हैं और कांग्रेस के कम्यूनिकेशन डिपार्टमेंट के जनरल सेक्रेटरी इनचार्ज हैं. राजनाथ सिंह ने जयराम को देखा तो रुक गए. तब तक जयराम ने अपने झोले से कुछ नत्थी किए हुए पन्ने निकाले और राजनाथ सिंह से बोले- "मणिबेन पटेल की डायरी मैं लाया हूं."

रक्षा मंत्री ने कागज पकड़ने के लिए हाथ आगे बढ़ाया ही था कि जयराम बोल दिए- “गुजराती में है.” राजनाथ बोले- “ये गुजराती में है, हमारे पास इंग्लिश में है.”

इतना कह कर राजनाथ बिना वह पन्ने लिए आगे जाने लगे. तब जयराम को बोलना पड़ा- “यह आप रख लीजिए.” राजनाथ ने सौहार्दपूर्वक मणिबेन पटेल की डायरी की फोटोकॉपी स्वीकार कर ली. पर जब उसे लेकर अंदर की ओर बढ़ गए तो पीछे से जयराम बोले- ”और पढ़िएगा प्लीज़."

मणिबेन पटेल देश के पहले गृह मंत्री वल्लभ भाई पटेल की बेटी थीं. उन्होंने अपने पिता के जीवन की राजनीतिक यात्रा को एक डायरी में दर्ज किया. जिसे बाद में पब्लिश कराया गया. किताब का नाम है- Inside Story of Sardar Patel: The Diary of Maniben Patel.

जयराम ने राजनाथ सिंह को मणिबेन की डायरी क्यों दी?

यह विवाद शुरू हुआ 2 दिसंबर को. वडोदरा के एक गांव में राजनाथ सिंह एक सभा को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा,

“देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू सरकारी पैसे से बाबरी मस्जिद बनाना चाहते थे. सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इसका विरोध किया और नेहरू को ऐसा करने से रोक दिया.”

बात जवाहर लाल नेहरू की छवि की थी तो कांग्रेस ने तुरंत मोर्चा संभाला. कांग्रेस ने राजनाथ सिंह के इस दावे को एक ‘झूठ और वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी की कहानी’ बताया. और कहा कि रक्षा मंत्री को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रास्ते पर नहीं चलना चाहिए.

वहीं बीजेपी ने राजनाथ सिंह के दावों का बचाव करते हुए वल्लभभाई पटेल की बेटी की लिखी किताब का ही हवाला दिया. बीजेपी के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि राजनाथ सिंह ने जो कहा उसका आधार “Inside Story of Sardar Patel: Diary of Maniben Patel” है. सुधांशु ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए यह बात कही थी.

इसके बाद कांग्रेस ने 6 दिसंबर को मणिबेन पटेल की किताब से कुछ पन्ने साझा किए. दावा किया कि राजनाथ सिंह ‘झूठ फैला रहे’ हैं और उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि रक्षा मंत्री यह झूठ इसलिए फैला रहे हैं ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने संबंध बेहतर कर सकें. उन्होंने एक्स पर लिखा, 

सीए आरएस पटेल 'आरेश' द्वारा लिखी गई और सरदार पटेल वल्लभभाई पटेल मेमोरियल सोसाइटी द्वारा प्रकाशित किताब 'समर्पित पडछायो सरदारनो' देखिए. इसके पेज 212-213 पर मणिबेन की गुजराती में लिखी मूल डायरी एंट्री दी गई है. मूल डायरी में जो लिखा है और जो बातें राजनाथ सिंह जी तथा उनके साथ जुड़े लोग फैला रहे हैं, दोनों में बहुत बड़ा अंतर है.

रक्षा मंत्री को उन गलत बातों के लिए माफी मांगनी चाहिए, जो वे केवल प्रधानमंत्री के साथ अपने संबंध बेहतर करने के लिए फैला रहे हैं.

इसी डायरी के पन्ने जयराम रमेश आज राजनाथ सिंह के लिए लेकर आए थे. इस पूरे प्रकरण पर लल्लनटॉप ने इतिहासकारों के हवाले से पूरा विश्लेषण किया है. नेहरू सरकारी पैसे से बाबरी मस्जिद बनाना चाहते थे? राजनाथ सिंह के दावे में दम कितना है? आप क्लिक करके पढ़ सकते हैं.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: राजनाथ सिंह ने निकाला बाबरी मस्जिद का 'नेहरू कनेक्शन', बवाल मच गया

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