जहांगीरपुरी दंगे वाला अंसार जमानत पर बाहर आया, पुलिस ने फिर से अरेस्ट करके जेल भेज दिया!
जमानत पर बाहर आते ही अंसार पर क्या आरोप लगे?

जहांगीरपुरी हिंसा मामले में जमानत पर बाहर आए दो आरोपियों को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया है (Jahangirpuri Violence Accused Arrested). आरोप है कि अंसार और जाकिर इलाके का माहौल खराब कर रहे हैं. पुलिस के मुताबिक, दोनों ने इलाके में जुलूस निकाला था. इसकी सूचना मिलते ही पुलिस ने उन्हें रविवार, 6 नवंबर को दोबारा गिरफ्तार कर लिया. बेल 4 नवंबर को ही मिली थी. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले में दो अन्य आरोपियों अरबाज और जुनैल को भी अरेस्ट किया गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्थानीय लोगों ने अंसार और ज़ाकिर के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. शिकायत ये कि दोनों जुलूस निकालकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. जहांगीरपुरी हिंसा की पूरी जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ही कर रही है. इसलिए दोनों के फिर से गिरफ्तार होने के जानकारी क्राइम ब्रांच को भी दी गई है.
बता दें कि दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में 16 अप्रैल 2022 को हिंसा भड़की थी. मोहम्मद अंसार को इस हिंसा का आरोपी बनाया गया. शुक्रवार, 4 नवंबर को ही जमानत मिली थी. अदालत ने कहा था कि आरोपी के संबंध में जांच पूरी हो चुकी है और सुनवाई पूरी होने में लंबा समय लगेगा, ऐसे में आरोपी को न्यायिक हिरासत में रखने से कोई मकसद पूरा नहीं होगा. महज दो दिनों के अंदर ही अंसार की फिर से गिरफ़्तारी हो गई है.
कौन है मोहम्मद अंसार?आरोपी अंसार करीब 10-12 साल पहले बंगाल के हल्दिया से दिल्ली आया था. आरोप है कि हिंसा के दिन जिस वक्त छतों से पत्थर, बोतलें फेंकी गई, तब अंसार 60-70 लोगों के साथ सी-ब्लॉक की मस्जिद के सामने मौजूद था. उसे 17 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. लेकिन अंसार के घर वाले और पड़ोसियों ने कहा है कि अंसार घटना के वक्त दंगा शांत कराने गया हुआ था.
मोहम्मद अंसार के खिलाफ पहले से दो मामले दर्ज हैं. पहले मामले में उसे चाकू के साथ गिरफ्तार किया गया था और आर्म्स एक्ट के तहत धारा लगाई गई थी. दूसरा मामला जुलाई 2018 का है जब IPC की धारा 186/353 के तहत केस दर्ज किया गया था.
जहांगीरपुरी में क्या हुआ था?मामला इसी साल 16 अप्रैल का है. हनुमान जयंती के मौके पर जहांगीरपुरी इलाके में शोभा यात्रा निकाली जानी थी जो कि K-ब्लॉक तक जानी थी. C ब्लॉक पहुंचते ही दो समुदायों के लोगों के बीच झड़प हुई. देखते ही देखते झड़प हिंसा में बदल गई.
घटना में कई लोग और पुलिसकर्मी घायल हुए थे. दिल्ली पुलिस ने आर्म्स एक्ट, दंगा और हत्या की कोशिश में केस दर्ज किया था.
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