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ओलंपिक सेरेमनी में बुलाया जगुआर, बेकाबू हुआ तो मार दी गोली

ब्राजील की टीम का मैस्कॉट है जगुआर गिंगा. भौकाल सेट करने के लिए बुलाया गया था असली जगुआर.

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अविनाश जानू
22 जून 2016 (Updated: 22 जून 2016, 05:46 AM IST) कॉमेंट्स
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ओलंपिक खेल शुरू होने वाले हैं. 5 अगस्त को ओपनिंग सेरेमनी है. इस बार ओलिंपिक होने हैं ब्राजील के रियो में. ओलंपिक में हर टीम का अपना एक मैस्कॉट होता है. मैस्कॉट समझते हैं न शुभंकर. माने एक जानवर जो लकी होता है टीम के लिए. ब्राजील की टीम का भी है. एक पीला मुस्कुराता जगुआर. नाम है गिंगा. ये रहा: hqdefault

असली जगुआर ले आए ब्राजील वाले

ब्राजील में तैयारियां जोर-शोर पर हैं. रोज कोई न कोई सेरेमनी चल रही है. ऐसे ही एक सेरेमनी सोमवार को थी. जिसमें गिंगा को दिखने के लिए एक असली जगुआर को पकड़कर लाया गया. एक मादा जगुआर, नाम जुमा. जब तक सेरेमनी चलती रही इस जगुआर को जंजीरों में बांधकर रखा गया. और उन जंजीरों को आर्मी के जवान थामे हुए थे. juma-the-jaguar-killed-rio-olympics__oPt

ट्रांकुलाइजर से कंट्रोल नहीं हुआ तो गोली मार दी

बताया जा रहा है कि सेरेमनी के बाद ये जगुआर अपने पिंजरे से निकलकर भाग गया. जब आर्मी वाले इसे पकड़ने चले तो ये उन्ही पर टूट पड़ा. पहले आर्मी वालों ने बेहोश करने वाली गोली मारकर जुमा को काबू करने की कोशिश की.  पर इसका उसपर कोई असर नहीं हुआ. बाद में आर्मी ने के एक जवान ने अपनी पिस्तौल से उसके सर के बीचोबीच गोली मार दी. जिससे उसकी मौत हो गई. आर्मी का कहना है कि उस जगुआर ने उस जवान पे  हमला बोल दिया था, जिसकी वजह से उसे गोली मारनी पड़ी.

ऑर्गनाइजिंग कमेटी ने माफ़ी मांगी

इस घटना के बाद आए बयान में ब्राजील की लोकल ऑर्गनाइजिंग कमिटी का बयान आया है, जिसमें उसने कहा है
ओलंपिक मशाल जो शांति और एकता को दिखाती है, उसे एक जंजीरों में बंधे जंगली जानवर के साथ दिखाकर हमने गलती की. ये पूरा सीन हमारी सोच और लक्ष्य के खिलाफ है. हम वादा करते हैं कि आगे रियो ओलंपिक 2016 में ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिलेगा.
पर्यावरण की रक्षा के लिए काम करने वाले इंटरनेशनल यूनियन की मानें तो उरुग्वे और अल साल्वाडोर जैसे देशों में जगुआर पहले से ही संकटग्रस्त जानवर है. उसपर ये घटना बहुत बुरी है.

दुनिया भर में गुस्सा

इसने इस बहस को भी फिर से हवा दे दी है. कि कभी किसी पालतू जानवर को खेलों का मैस्कॉट नहीं बनाया जाता है. हमेशा जंगली जानवरों को मैस्कॉट बनाने के पीछे इंसानी फितरत मानी जाती है जो हमेशा जंगली जानवरों पर राज करना चाहती है. बहरहाल इस घटना से जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले ग्रुप्स में गुस्सा बढ़ा है. इन्होंने कुछ दिनों पहले सिनसिनाटी जू में हुई गोरिल्ला को मारने की घटना और डिज्नी वर्ल्ड में मगरमच्छ वाली घटना का जिक्र भी अपनी आलोचना के दौरान किया. पेटा ने भी अपने स्टेटमेंट में कहा-
हम कब सीखेंगे? पहले जंगली जानवरों को जबरदस्ती पकड़ लिया जाता है. फिर उनसे भयानक और कई बार दर्दनाक काम करवाए जाते हैं. ऐसे काम जिनसे उनकी और इंसान दोनों की जान खतरे में पड़ जाती है.
लपाम अमेजन राज्य का पर्यावरण विभाग है. जो वहां के जंगली जानवरों की देख-रेख भी करता है. उसका कहना है की उसे ऐसे किसी भी इवेंट का कोई पता नहीं न था. इसलिए जुमा का यूज इस सेरेमनी के लिए गैरकानूनी था. हम मामले की जांच कर रहे हैं. सजा गलती करने वाले को जरूर मिलेगी.

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