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इजरायल ने अल जजीरा का ऑफ़िस बंद कराया, चलते शो में घुसकर सैनिकों ने प्रसारण रोक दिया

इजरायली सैनिकों ने West Bank में Al Jazeera Office में जाकर संस्थान को 45 दिनों के लिए बंद करने की बात कही. उन्होंने कोर्ट के ऑर्डर का भी हवाला दिया.

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Israeli soldiers raid Al Jazeera office
अल जज़ीरा के ऑफ़िस पर इज़रायली सैनिकों का हमला. (फ़ोटो - इंडिया टुडे)
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हरीश
22 सितंबर 2024 (Updated: 22 सितंबर 2024, 02:39 PM IST)
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इज़रायली सेना ने रविवार, 22 सितंबर तड़के अपने कब्जे वाले वेस्ट बैंक के अल जज़ीरा के ऑफ़िस पर छापा मारा और ब्यूरो को बंद करने का आदेश दिया है. भारी हथियारों से लैस और नकाबपोश इज़रायली सैनिक सुबह इमारत में घुसे और संस्थान के वेस्ट बैंक ब्यूरो प्रमुख वालिद अल-ओमारी को ऑफ़िस बंद करने का आदेश दिया है. हालांकि, इस फ़ैसले का कोई कारण नहीं बताया गया. इससे पहले, कई महीनों तक न्यूज़ नेटवर्क पर बैन लगाया गया था और इज़रायल में काम करने से मना कर दिया था.

कतर बेस्ड इस संस्थान (अल ज़रीरा) ने घटना का लाइव प्रसारण किया था. इस प्रसारण के फ़ुटेज में देखा जा सकता है कि इज़रायली सैनिक चैनल के ऑफ़िस में घुस गए. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की एक ख़बर के मुताबिक़, इससे पहले कि प्रसारण रोका जाता, इज़रायली सेना के अधिकारी द्वारा अल जज़ीरा TV के एक स्टाफ़ मेंबर को बंद करने का आदेश सौंपते देखा गया.एक सैनिक को कहते हुए सुना जा सकता है,

अल जज़ीरा को 45 दिनों के लिए बंद करने का कोर्ट का आदेश है. मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप सभी कैमरे लेकर इस समय ऑफ़िस से बाहर चले जाएं.

इस बातचीत को टेलीविजन पर लाइव किया गया है. इसे लेकर पत्रकारों के एक फिलिस्तीनी सिंडिकेट ने इज़रायल के कदम की निंदा की है. सिंडिकेट ने कहा,

सेना का ये मनमाना फ़ैसला पत्रकारिता और मीडिया के कामों के ख़िलाफ़ नया उल्लंघन है. ये फिलिस्तीनी लोगों के ख़िलाफ़ कब्जे के अपराधों को उजागर करता है.

ये भी पढ़ें - हिजबुल्लाह चीफ दे रहे थे इजरायल को चेतावनी, भाषण के दौरान ही लेबनान पर हवाई हमले हो गए

मीडिया के अधिकारों पर काम करने वाली कई संस्थाओं ने इस बैन को लेकर इज़रायली सरकार की आलोचना की है. वहीं, ग़ाज़ा के सरकारी मीडिया ऑफ़िस ने भी इसकी निंदा की है. ऑफ़िस की तरफ़ से कहा गया,

हम दुनिया भर में मानवाधिकारों से जुड़े सभी मीडिया संगठनों और समूहों से इस जघन्य अपराध की निंदा करने का आह्वान करते हैं. ये प्रेस और मीडिया की स्वतंत्रता का घोर उल्लंघन है.

बताते चलें, इससे पहले मई के महीने में इज़रायली अधिकारियों ने यरुशलम के एक होटल के कमरे पर छापा मारा था, जिसे अल जज़ीरा अपने ऑफ़िस के रूप में इस्तेमाल करता था. तब सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ख़तरा बताते हुए, अल जज़ीरा टीवी स्टेशन के स्थानीय ऑफ़िस को बंद करने का फैसला किया था.

वीडियो: अल जजीरा की पत्रकार को इजराइल ने मारी थी गोली?

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