The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Israel govt authority acknowledge Indian construction labour face initial difficulty

इजरायल ने कहा भारतीय मजदूरों को हुई शुरुआती परेशानी, 'अब सब ठीक है'

Israel की सरकार ने माना है कि दोनों देशों के बीच Bilateral Agreement के तहत इजरायल गए भारतीय मजदूरों को परेशानी उठानी पड़ी है. उन्होंने साफ किया है कि अब अधिकतर कॉन्ट्रैक्टर्स और कंपनियां, भारतीय लेबर फोर्स से संतुष्ट हैं.

Advertisement
Israeli immigration authority bilateral ties india israel
इजरायल अब भारतीय लेबर फोर्स से संतुष्ट है. (इंडिया टुडे, फाइल फोटो)
pic
आनंद कुमार
12 सितंबर 2024 (Updated: 12 सितंबर 2024, 02:31 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

इजरायल की सरकार ने स्वीकार किया है कि द्विपक्षीय योजना (bilateral job scheme) के तहत वहां काम करने गए भारतीय मजदूरों को परेशानी उठानी पड़ी है. इजरायली पॉपुलेशन और इमीग्रेशन अथॉरिटी (PIBA) ने एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि कंस्ट्रक्शन सेक्टर में काम करने आए भारतीय मजदूरों को सांस्कृतिक मतभेदों और भाषाई दिक्कतों के चलते शुरुआती दौर में मुश्किलों का सामना करना पड़ा. लेकिन अब अधिकतर कॉन्ट्रैक्टर्स और कंपनियां भारतीय लेबर फोर्स से संतुष्ट हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, PIBA की इस प्रेस रिलीज को इजरायली दूतावास ने एक्स पर अपने पोस्ट में अटैच किया है. इस प्रेस रिलीज में बताया गया कि इजरायल और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों के तहत आए कंस्ट्रक्शन मजदूरों से इजरायल संतुष्ट है. और उन्होंने उम्मीद है कि 1000 भारतीय कंस्ट्रक्शन मजदूरों का अगला जत्था जल्दी ही इजरायल पहुंचेगा. इजरायली इमीग्रेशन अथॉरिटी ने बताया कि कंस्ट्रक्शन सेक्टर में काम करने आए भारतीय मजदूरों को आ रही दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए उन्हें अस्थायी रूप से इंड्स्ट्रियल सेक्टर में रजिस्ट्रेशन करने की अनुमति दे दी गई है. इजरायल के इंडस्ट्रियल सेक्टर को एडिशनल लेबर फोर्स की जरूरत भी है.

PIBA ने प्रेस रिलीज को लेटर के रूप में फ्रेम किया है. जो कि PIBA के महानिदेशक इयाल सिसो ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम(NSDC) के CEO मणि तिवारी को लिखा है. NSDC के पास government-to-government (G2G) हायरिंग की जिम्मेदारी है. फिलिस्तीन मजदूरों को बैन करने के बाद इजरायल के कंस्ट्रक्शन सेक्टर में मजदूरों की कमी हो गई. जिसको पूरा करने के लिए इजरायल ने भारत से मजदूरों को बुलाने के लिए यह योजना शुरू की थी.

NSDC ने PIBA  से अनुरोध किया था कि उनके चार प्रतिनिधियों को शुरुआती 90 दिनों के लिए इजरायल में रहने की अनुमति दी जाए. ताकि भविष्य में होने वाली किसी भी समस्या से निपटने में मदद मिल सके. PIBA  ने NSDC के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. 

ये भी पढ़ें - ना ढंग की सैलरी, ना ढंग का काम, वापस लौट रहे भारतीय कर्मचारी, इजरायली स्कीम की पोल खुल गई!

पहले खबर आई थी कि इजरायल ने स्किल टेस्ट लेने के बाद भारतीय मजदूरों को कंस्ट्रक्शन वर्क के लिए चुना था. लेकिन टेस्ट में पास होने के बावजूद कई मजदूरों को कंस्ट्रक्शन वर्क के लिए योग्य नहीं पाया गया. जिसके बाद उन्हें अकुशल और इंडस्ट्रियल सेक्टर में मजदूरी करने के लिए शिफ्ट कर दिया गया. जिनमें 500 से ज्यादा मजदूर भारत लौट गए.

वीडियो: हिजबुल्लाह के ताबड़तोड़ हमले के बाद इजरायल में लगी इमरजेंसी, लेबनानी सीमा के समुद्री तट पूरी तरह से सील

Advertisement