सेप्टिक टैंक में 796 नवजात बच्चों के अवशेष? अफसरों ने खुदाई शुरू करवाई
Dead Babies Dumped In Septic Tank: जिस जगह पर खुदाई की जा रही है, वहां किसी ज़माने में बेबी होम था. इन्हें चर्च द्वारा चलाया जाता था. दावा है कि इसी के नीचे मौजूद सेप्टिक टैंक में नवजातों के अवशेष हैं. पर इसके पीछे की कहानी क्या है?

आयरलैंड में एक साइट पर सेप्टिक टैंक की खुदाई शुरू की गई है (Dead Babies Dumped In Septic Tank). इस जगह के बारे में कहा जा रहा है कि यहां 796 नवजात शिशुओं के अवशेष छिपे होने की संभावना है. यह जगह किसी वक़्त पर बेबी होम हुआ करता था. इस बेबी होम को कैथोलिक नन चलाया करती थीं. 2014 में पहली बार यहां नवजात शिशुओं के अवशेष होने का पता चला था. अब अधिकारियों ने जांच शुरू की है. इन नवजातों की पहचान करके उनके शवों को पूरे सम्मान के साथ दफनाया जाएगा.
न्यूयॉर्क पोस्ट की ख़बर के मुताबिक, जिस जगह पर खुदाई की जा रही है, वहां किसी ज़माने में बॉन सेकॉर्स मदर एंड बेबी होम था. इन्हें चर्च द्वारा चलाया जाता था. दावा है कि इसी के नीचे मौजूद सेप्टिक टैंक में नवजातों के अवशेष हैं.
दरअसल, किसी वक़्त यहां बिना शादी के प्रेग्नेंट होने वाली महिलाओं को भेजा जाता था. इन्हें अपने बच्चों के साथ पश्चाताप के लिए यहां रहना पड़ता था. वे एक साल तक यहां रहती थीं. यहां नन के तहत काम भी करना पड़ता था.
कुछ समय बाद यहां जन्मे बच्चों को उनकी माओं से अलग कर दिया जाता था. नन ही उनकी देखभाल करती थीं. कुछ समय बाद यहां आने वाली महिलाओं को लौटने इजाज़त दे दी जाती थी. लेकिन उनमें से कई के बच्चे यहीं रह गए थे.
इन बच्चों के साथ क्या हुआ? इस बारे किसी को कुछ पता नहीं चल पाया. न ही किसी ने यह जानने की कोशिश की कि पीछे छूटे बच्चों का क्या हाल हुआ. एक पीड़ित परिवार की सदस्य एनेट मैकके कहती हैं कि उनकी बहन भी इसी जगह मर चुकी है. एक नन ने उनकी मां से कहा था कि तुम्हारा बच्चा मर गया.
1971 में इस जगह को गिरा दिया गया था. इसके बाद इस जगह को मॉडर्न अपार्टमेंट में तब्दील कर दिया गया. इस दर्दनाक सच का पता सबसे पहले 2014 में स्थानीय इतिहासकार कैथरीन कॉर्लेस ने लगाया था.
कॉर्लेस की रिसर्च के मुताबिक, 1925 से 1961 में इसके बंद होने के बीच कुल 798 बच्चों की मौत हुई थी. इनमें से सिर्फ़ दो को ही पास के कब्रिस्तान में दफनाया गया था.
अब 11 साल बाद अधिकारियों ने यहां फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी है. जांच के दौरान शिशुओं के अवशेषों की पहचान की जाएगी. उन्हें सम्मानजनक तरीके से फिर से दफनाया जाएगा. इस काम में दो साल तक का समय लग सकता है.
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