हिजाब विरोधी प्रोटेस्ट पर ईरान के सुप्रीम लीडर की बहन ने ही उन्हें कायदे से सुना दिया!
इससे पहले सुप्रीम लीडर अयातोल्ला खामेनेई की बेटी ने आवाज उठाई थी. उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.

ईरान के सुप्रीम लीडर अयातोल्ला अली खामेनेई (Ayatollah Khamenei) की बहन ने विरोध प्रदर्शनों को बर्बरतापूर्वक दबाने को लेकर उनकी आलोचना की है. उन्होंने मांग की है कि देश के सुरक्षाबलों को अपने हथियार त्याग देने चाहिए और इनका इस्तेमाल प्रदर्शनकारियों पर नहीं किया जाना चाहिए. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, खामेनेई की बहन बद्री हुसैनी खामेनेई के बेटे ने एक पत्र पब्लिश किया है, जिसके बाद ये जानकारी सामने आई. उनका बेटा इस समय फ्रांस में रह रहा है.
मालूम हो कि ईरान में हिजाब की अनिवार्यता के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन चल रहा है. इसी साल 16 सितंबर को 22 साल की ईरानी लड़की माहसा अमीनी की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी. इसी के बाद से ये प्रदर्शन चल रहा है. मौरैलिटी पुलिस ने सिर्फ इस वजह से अमीनी की बर्बर पिटाई की थी क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर सही से हिजाब नहीं पहना था.
बद्री हुसैनी खामेनेई ईरान में ही रहती हैं. उनके बेटे द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि उनकी मां ने इस्लामिक रिपब्लिक का गठन करने वाले अयातोल्ला रुहोल्ला खोमेईनी से लेकर अपने भाई तक के शासन के खिलाफ आवाज उठाई है.
बेटे महमूद मुरादखानी द्वारा साझा किए गए पत्र के मुताबिक बद्री हुसैनी खामेनेई ने लिखा,
'मुझे लगता है कि अब ये घोषणा करना उचित है कि मैं अपने भाई के कार्यों का विरोध करती हूं. खोमेईनी से लेकर अली खामेनेई तक के इस्लामिक शासन में तमाम अपराधों के चलते जो माताएं शोक में हैं, मैं उनके प्रति सहानुभूति व्यक्त करती हूं.'
पत्र में बद्री हुसैनी खामेनेई के हवाले से आगे लिखा गया,
'अली खामेईनेई के सुरक्षाबलों को अपने हथियार त्याग देने चाहिए और जनता से हाथ मिला लेना चाहिए. ऐसा न हो कि बहुत देर हो जाए.'
उन्होंने यह भी कहा,
'मैंने अपनी मानवीय जिम्मेदारियों को निभाते हुए कई बार जनता की आवाज अपने भाई अली खामेनेई तक पहुंचाई थी. लेकिन जब मैंने ये देखा कि वे मेरी बातों को सुन नहीं रहे हैं और खोमेईनी के ही रास्तों पर चल रहे हैं और निर्दोष नागरिकों की हत्या कर रहे हैं, इसलिए मैंने अपने संबंध उनसे तोड़ लिए थे.'
बद्री हुसैनी खामेनेई ने कहा कि खोमेईनी और अली खामेनेई के इस्लामिक शासन ने सिर्फ जनता का दमन ही किया है. उन्होंने कहा,
'ईरान के लोग स्वतंत्रता और समृद्धि चाहते हैं. उनका विद्रोह अपने अधिकारों को प्राप्त करने का वैध और आवश्यक कदम है. मुझे उम्मीद है कि जल्द ही लोगों की जीत होगी और ईरान के अत्याचारी शासन को उखाड़ फेंका जाएगा.'
इससे पहले बीते नवंबर महीने में खामेनेई की बेटी फारीदेह मोरादखानी ने भी ईरानी प्रशासन पर सवाल उठाया था और मांग की थी कि बाकी देश ईरान के साथ अपने संबंध खत्म कर दें. हालांकि, बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
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