अब भारत में बने आई ड्रॉप से हुई मौत, अमेरिका की रोक के बाद कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू
जांच शुरू होने के बाद कंपनी ने अपने आई ड्रॉप्स वापस मंगाए हैं.
भारत में कफ सिरप बनाने वाली कंपनियों के बाद अब आई ड्रॉप बनाने वाली एक कंपनी सवालों के घेरे में है. इस बार भारतीय फार्मा कंपनी के प्रोडक्ट में संभावित गड़बड़ी की खबर अमेरिका से आई है. अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने भारत में बनने वाले आर्टिफिशियल टीयर्स से बैक्टीरियल इन्फेक्शन का खतरा बताया है. FDA ने EzriCare आर्टिफिशियल टीयर्स (Artificial Tears) या Delsam फार्मा के आर्टिफिशियल टीयर्स के इस्तेमाल पर रोक लगाई है.
पहले ये जान लीजिए कि आर्टिफिशियल टीयर्स क्या होते हैं. आर्टिफिशियल टीयर्स ऐसे आई ड्रॉप्स होते हैं, जो आंखों में जलन या ड्राइनेस होने पर या इसे रोकने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं.
अमेरिका में जिस आर्टिफिशियल टीयर्स से संभावित खतरा बताया गया है, उसे भारत की ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड (Global Pharma Healthcare Private Limited) कंपनी बनाती है. इस कंपनी का ऑफिस तमिलनाडु में है. ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर के आई ड्रॉप्स को EzriCare और Delsam फार्मा नाम की कंपनियों द्वारा बेचा जाता है.
FDA ने क्या कहाFDA ने इस कंपनी के आई ड्रॉप (Eye Drops) इस्तेमाल से आंखों में इन्फेक्शन बढ़ने का खतरा बताया है, जिससे आंखों की रोशनी जा सकती है या मौत तक हो सकती है. ये भी कहा गया है कि जिन मरीजों को आंखों में इन्फेक्शन का कोई लक्षण दिखे, वो तुरंत मेडिकल सहायता लें.
FDA के मुताबिक सेंटर्स फॉर डिजीज कंंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने 31 जनवरी, 2023 तक बैक्टीरियल इन्फेक्शन के 55 मामलों की पहचान की है. इन मामलों में EzriCare Artificial Tears के इस्तेमाल की बात सामने आई है. इससे जुड़ी प्रतिकूल घटनाओं में आंखों के इन्फेक्शन और इससे एक मौत भी शामिल है. यहां तक कि लोगों के आंखों की रोशनी भी गई है.
FDA का कहना है कि कंपनी ने दवा बनाने के काम में अपनाई जाने वाली आदर्श प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया. इसमें माइक्रोबियल टेस्टिंग की कमी, फॉर्म्यूलेशन से जुड़ी समस्याओं का जिक्र किया गया है.
कंपनी का बयानग्लोबल फार्मा अपने आई ड्रॉप के सभी बचे हुए लॉट वापस ले रही है. कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किया है कि जिन थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और ग्राहकों के पास वापस मंगाए जा रहे प्रोडक्ट हैं, वो उसका इस्तेमाल तुरंत बंद कर दें.
कंपनी ने ये भी कहा है कि वह अमेरिकी अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही है. इंडिया टुडे की मिलन शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक इस बीच सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) और तमिलनाडु के ड्रग कंट्रोलर ने शुक्रवार, 3 फरवरी की देर रात कंपनी में छापेमारी भी की. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तमिलनाडु ड्रग कंट्रोलर ने कंपनी को जांच पूरी होने तक उसके 14 प्रोडक्ट का निर्माण बंद करने का निर्देश जारी किया है.
वीडियो: सेहत: उस कफ़ सिरप के नुकसान जान लीजिए, जिसे लोग नशे के लिए इस्तेमाल करने लगे हैं