'भारत-अमेरिका ट्रेड डील जल्द होगी और तेल पर... ' न्यू जर्सी के गवर्नर ने बड़े दावे कर दिए हैं
Phil Murphy (फिल मर्फी) ने रूस को लेकर Donald Trump के फैसलों का समर्थन तो किया है लेकिन साथ में चेतावनी भी दी है कि अमेरिका के सहयोगी देशों पर भारी टैरिफ लगाना इस समस्या का समाधान नहीं है. उन्होंने ट्रेड को लेकर कई दावे किए.

डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) की ओर से अमेरिका के सहयोगी देशों पर लगाए गए भारी टैरिफ की खूब आलोचना हो रही है. इस फेहरिस्त में अमेरिका के ही कई बड़े नेताओं का नाम शामिल है. न्यू जर्सी के गवर्नर और विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के शीर्ष नेता फिल मर्फी (Phil Murphy) ने भी ट्रंप के इस फैसले पर असहमति जताई है. उन्होंने ये उम्मीद भी जताई है कि जल्द ही भारत पर लगे 50 प्रतिशत टैरिफ का कोई न कोई समाधान निकलेगा, लेकिन इसमें तेल के मुद्दे पर कोई बड़ा समझौता हो सकता है.
ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया था. बाद में इसमें 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ भी जोड़ दिया गया, क्योंकि भारत रूस से तेल खरीदता है. इस मामले को लेकर दोनों देशों के बीच चल रही बातचीत पर सवाल पूछे जाने पर, 25 सितंबर को मुंबई में मर्फी ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार को बताया,
संकेत हैं कि जल्द ही कोई समाधान निकलेगा… संकेत यही हैं कि कोई समझौता होगा, जिसका मतलब है कि अभी जितना दंडात्मक टैरिफ लगाया गया है, वो कम होगा. लेकिन शायद ये एक बड़ा समझौता होगा… जिसमें तेल भी शामिल होगा.
फिल मर्फी अपनी पत्नी टैमी मर्फी के साथ भारत की छह-दिवसीय यात्रा पर थे. अपनी यात्रा के दौरान वो नई दिल्ली, कोच्चि, बेंगलुरु और मुंबई गए. जर्मनी में अमेरिका के राजदूत (2009-13) रह चुके फिल मर्फी ने पहले गोल्डमैन सैक्स में भी काम किया था जहां वो एशिया यूनिट के प्रमुख थे.
रूस और चीन के बारे में क्या कहा?उन्होंने रूस को लेकर ट्रंप के फैसलों का समर्थन तो किया लेकिन चेतावनी दी कि अमेरिका के सहयोगियों पर भारी शुल्क लगाना इस समस्या का समाधान नहीं है. इसके बाद उनसे सवाल पूछा गया कि क्या भारत को अलग से निशाना बनाया जा रहा है जबकि चीन भी रूसी तेल आयात करता है. इस पर उन्होंने कहा,
चीन को जवाबदेह ठहराना होगा… चीन इससे निकलकर नहीं जा सकता और जो वो कर रहे हैं उसके लिए उन्हें बचने नहीं दिया जा सकता… रूस को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और लगातार ठहराया जाना चाहिए. लेकिन मैं ये नहीं मानता कि अपने सहयोगियों पर भारी टैरिफ लगाना इसे हासिल करने का तरीका है.
भारतीय केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, हाल ही में व्यापार वार्ताओं के लिए अमेरिका गए थे. उन्होंने 24 सितंबर को कहा कि आने वाले सालों में भारत की ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों में अमेरिका की बहुत बड़ी भूमिका होगी. पिछले कुछ साल से अमेरिका भारत का पांचवां सबसे बड़ा कच्चे तेल का आपूर्तिकर्ता और दूसरा सबसे बड़ा एलएनजी आपूर्तिकर्ता बना हुआ है.
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H-1B वीजा पर भी मर्फी की असहमतिH-1B वीजा और स्टूडेंट वीजा को लेकर भी मर्फी ने चिंता जताई. उन्होंने कहा कि ये नीति छात्रों और प्रवासी समुदाय पर असर डाल रही है. H-1B की लागत बहुत ज्यादा बढ़ा दी गई है. उन्होंने कहा कि स्टूडेंट वीजा की प्रक्रिया भी लंबी होती जा रही है और हजारों भारतीय छात्र वीजा मिलने का इंतजार कर रहे हैं.
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