The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • India Reply on Pakistan Jammu Kashmir Allegations in UN Geneva Meet Kshitij Tyagi

"नाकाम देश, आतंकवाद, अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न..." भारत ने UN में पाकिस्तान को सुना दिया

India Attacks Pak in UN: भारत ने कहा है कि पाकिस्तान एक नाकाम देश है और वो प्रवचन देने की स्थिति में नहीं है. ये देश अंतरराष्ट्रीय सहायता के भरोसे जीवित है. भारत ने OIC और पाकिस्तान के संबंधों को लेकर भी बयान दिया है.

Advertisement
Indian Diplomat Kshitij Tyagi
UNHRC की बैठक में बोलते इंडियन डिप्लोमैट क्षितिज त्यागी. (तस्वीर: ANI)
pic
रवि सुमन
27 फ़रवरी 2025 (Published: 09:49 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

पाकिस्तान ऐसे आरोप लगाता रहा है कि जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों का हनन हो रहा है. भारत ने संयुक्त राष्ट्र (UN) इन आरोपों पर जवाब (India Attacks Pakistan in UN) दिया. UN में भारत के स्थायी मिशन के अधिकारी क्षितिज त्यागी ने कहा है कि पाकिस्तान किसी को उपदेश देने की स्थिति में नहीं है. उनके देश में मानवाधिकारों के हनन के साथ-साथ अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न भी हो रहा है.

स्विट्जरलैंड के जेनेवा शहर में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 58वें सेशन की सातवीं बैठक थी. न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैठक में क्षितिज त्यागी ने कहा,

भारत, पाकिस्तान के निराधार और दुर्भावना से भरे बयानों का जवाब देगा.भारत इसके लिए अपने ‘जवाब देने के अधिकार’ (राइट टू रिप्लाई) का प्रयोग कर रहा है. पाकिस्तान के तथाकथित नेता और उनके प्रतिनिधि अपने सैन्य आतंकवादी समूह के बनाए झूठ को पूरे मन से फैलाते हैं. ये देखना दुखद है. पाकिस्तान ‘ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉर्पोरेशन’ (OIC) को अपने मुखपत्र की तरह इस्तेमाल करके उनका मजाक बना रहा है.

OIC पर बयान क्यों?

पिछले कई सालों से भारत, OIC और पाकिस्तान के संबंधों पर सवाल उठा रहा है. OIC एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसमें 57 देश शामिल हैं. इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना और मुस्लिम देशों के हितों की रक्षा करना है. 

साल 2022 में 10 दिसंबर से 12 दिसंबर तक, OIC के महासचिव हिसैन ब्राहिम ताहा पाकिस्तान दौरे पर थे. इस दौरान वो पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर (PoK) भी पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने जम्मू कश्मीर की स्थिति पर कुछ बयान दिए.

भारत ने ब्राहिम के इस दौरे की कड़ी निंदा की. विदेश मंत्रालय के तत्कालीन प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि OIC ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है. उनको जम्मू-कश्मीर से जुड़े मामलों पर विचार-विमर्श करने का कोई अधिकार नहीं है. बागची ने ब्राहिम को पाकिस्तान का मुखपत्र बताया था और कहा था कि उनको पाकिस्तानी एजेंडे का प्रचार नहीं करना चाहिए. 

ये भी पढ़ें: पाकिस्तान में मार दिए गए आतंकी शाहिद लतीफ का अनंतनाग एनकाउंटर में क्या हाथ था?

"पाकिस्तान को भारत से सीखना चाहिए"

क्षितिज त्यागी ने जेनेवा में कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के केंद्र शासित प्रदेश हैं. ये भारत के हिस्सा हैं और आगे भी रहेंगे. उन्होंने कहा,

पिछले कुछ सालों में जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से विकास के काम हुए हैं. ये अपने आप में सब कुछ बयां करता है. ये प्रमाण है कि दशकों से यहां के लोग पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से त्रस्त थे. इसलिए लोगों ने सरकार में पूरा भरोसा दिखाया. 

उन्होंने पाकिस्तान के बारे में कहा,

एक ऐसा देश (पाकिस्तान) जिसकी नीतियों में ही मानवाधिकारों का हनन शामिल है. वहां अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न और लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन भी हो रहा है. ये देश बेशर्मी से संयुक्त राष्ट्र की ओर से बैन किए गए आतंकवादियों को पनाह देता है. पाकिस्तान किसी को उपदेश देने की स्थिति में नहीं है. पाकिस्तान को भारत की बजाय अपने लोगों को न्याय देने पर ध्यान लगाना चाहिए. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस परिषद का समय एक असफल राज्य (पाकिस्तान) के कारण बर्बाद हो रहा है. 

त्यागी ने आगे कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सहायता के भरोसे जीवित है. इनके बयानों में पाखंड है और ये अमानवीयता से भरे हुए हैं. भारत का पूरा ध्यान लोकतंत्र, प्रगति और अपने लोगों के लिए सम्मान सुनिश्चित करने पर है. पाकिस्तान को इससे सीखना चाहिए.

वीडियो: गेस्ट इन दी न्यूजरूम: विक्रम बत्रा ने कैसे पाकिस्तान के धागे खोले? लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने सुनाई असल कहानी

Advertisement