The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • In Bihar At Least 32 People Died For Allegedly Consuming Spurious Liquor

बिहार: कथित जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 32 हुई, बीजेपी ने नीतीश को नसीहत दे दी

कई लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती. कुछ ने गंवाई आंख की रोशनी.

Advertisement
Img The Lallantop
इससे पहले भी Bihar में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से लोगों के मरने की खबरें आ चुकी हैं. (प्रतीकात्मक फोटो: सोशल मीडिया)
pic
मुरारी
21 मार्च 2022 (Updated: 21 मार्च 2022, 01:15 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
बिहार में होली के दिन कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है. इनमें 17 लोग भागलपुर के, 12 बांका के और तीन लोग मधेपुरा के बताए गए हैं. कई लोगों का इलाज चल रहा है. वहीं कुछ लोगों ने आंख की रोशनी भी खो दी है. पुलिस प्रशासन अभी इन मौतों और अन्य पीड़ितों पर सीधे तौर पर कुछ भी कहने से बच रहा है. वहीं, मृतकों के परिजन बार-बार जहरीली शराब को ही मौत की वजह बता रहे हैं. इंडिया टुडे से जुड़े सुजीत झा की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतकों में शामिल भागलपुर के विनोद यादव की पत्नी ने बताया कि होली के दिन उनके पति ने शराब पी थी. इसके बाद अचानक से उनकी तबीयत बिगड़ गई. जब तक लोग कुछ कर पाते, विनोद ने दम तोड़ दिया. रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा ही कुछ संदीप यादव, विनोद यादव, मिथुन कुमार और नीलेश कुमार नाम के पीड़ितों के साथ भी हुआ. इन चारों ने भी अपनी जान गंवा दी. मृतकों के परिजनों ने बताया कि ये सभी होली की सुबह शराब की बोतल लेकर निकले थे. आंख की रोशनी भी गई! दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, भागलपुर, बांका, मधेपुरा जिलों के कई लोगों की आंख की रोशनी भी अचानक से चली गई. जिन लोगों के साथ ऐसा हुआ है, उन्होंने होली के दिन शराब पीने की बात कही है. अभी तक ऐसे करीब तीन लोग सामने आए हैं, जिन्होंने शराब पीने की वजह से आंख की रोशनी जाने की बात कही है. वहीं कई लोग अभी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं. इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स में ये बात भी सामने आई है कि कई मृतकों का आनन-फानन में रात में अंतिम संस्कार कर दिया गया. भास्कर की रिपोर्ट कहती है कि भागलपुर के साहेबगंज, नारायणपुर और गोराडीह मोहल्ले में कुल 11 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है. वहीं कजरैली मोहल्ले में भी तीन लोगों की जान चली गई. बांका जिले में भी करीब आधा दर्जन गांव के लोगों ने संदिग्ध परिस्थितियों में अपनी जान गंवा दी. इन मौतों को लेकर बांका जिले में पुलिस ने एक जांच टीम बनाई है. इससे पहले जिले के एसपी अरविंद कुमार गुप्ता ने बताया था कि पुलिस को इस बात की जानकारी नहीं है कि संदिग्ध हालात में हुई मौतें जहरीली शराब पीने की वजह से हुई हैं. ऐसे ही बयान भागलपुर और मधेपुरा पुलिस की तरफ से सामने आए हैं. कुछ मृतकों के परिजनों ने भी जहरीली शराब की बात नकारी है.

बीजेपी ने ही नीतीश को घेर लिया

इस बीच पूरे घटनाक्रम को लेकर बिहार सरकार घिरती नजर आ रही है. सहयोगी बीजेपी ने भी राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शराबबंदी कानून को वापस लेने की मांग की है. आजतक की खबर के मुताबिक बिहार बीजेपी के SC/ST विभाग अध्यक्ष अजीत चौधरी ने कहा है,
"जिस तरह से नदी की धार को कोई नहीं रोक सकता, उसी तरह से शराबी को शराब पीने से कोई नहीं रोक सकता. इसलिए सीएम नीतीश कुमार को अपनी जिद छोड़कर शराबबंदी कानून वापस ले लेना चाहिए."
वहीं बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार की जिद के चलते लोगों की जान जा रही है. उन्होंने सवाल किया कि बीजेपी आखिर किस मुंह से इसका विरोध कर रही है. शिवानंद तिवारी ने कहा कि अगर बीजेपी सच में चाहती है कि कानून वापस हो तो कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाए. सिर्फ बोलने से कुछ नहीं होगा.

Advertisement