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"दादी को घर लाओ", अमेरिका में 73 साल की भारतवंशी महिला को ICE ने हिरासत में लिया, लोगों ने रिहाई के लिए निकाली रैली

अमेरिका में 73 साल की भारतीय मूल की महिला को हिरासत में ले लिया गया है, जिसके बाद उनके परिवारजनों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर उनकी रिहाई की मांग करते हुए रैली निकाली. परिवार का कहना है कि वह बिना किसी अपराधिक रिकॉर्ड के लंबे समय से यहां रह रही हैं.

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ICE detained 73 year old Indian origin woman in the US people held a rally for her release
हरजीत कौर को ICE ने पिछले सप्ताह हिरासत में ले लिया है. (Photo: X)
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सचिन कुमार पांडे
15 सितंबर 2025 (Published: 01:26 PM IST)
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अमेरिका में रह रही भारतीय मूल की 73 वर्षीय बुजुर्ग महिला को वहां के इमिग्रेशन एवं कस्टम इनफोर्समेंट, ICE ने हिरासत में ले लिया है. इसके बाद वहां के स्थानीय लोगों ने महिला के समर्थन में रैली निकालते हुए महिला की रिहाई की मांग की है.

इंडियन एक्स्प्रेस के अनुसार पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से कैलिफोर्निया के ईस्ट बे में रह रहीं हरजीत कौर को ICE ने पिछले सप्ताह ऑफिस में नियमित पूछताछ और कागजात जमा कराने के लिए बुलाया था. इसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया.

महिला का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है

महिला के परिवार का कहना है कि वह लंबे समय से वहां रह रही हैं और उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, ऐसे में उन्हें हिरासत में लिया जाना अनुचित है. परिवार ने बताया कि हरजीत को बेकर्सफील्ड स्थित मेसा वर्डे ICE प्रोसेसिंग सेंटर में ट्रांसफर कर दिया गया है.

रिपोर्ट के अनुसार हरजीत कौर 1992 में भारत से आकर अपने दो बेटों के साथ अमेरिका में बसी थीं. उन्होंने वहां शरण के लिए आवेदन किया था, लेकिन 2012 में उनके दावे को अस्वीकार कर दिया गया था. इसके बाद से वह ICE की निगरानी में हैं. हरजीत के परिवारजनों और अन्य स्थानीय लोगों ने उनकी रिहाई की मांग करते हुए शुक्रवार को एल सोब्रांते सिख गुरुद्वारे के नीचे, अप्पियन वे और सैन पाब्लो डैम रोड के चौराहे पर रैली निकाली.

"दादी को घर लाओ" लिखे हुए बैनर लहराए

रैली में करीब 200 लोग इकट्ठा हुए थे. रैली के दौरान हरजीत की पोती सुखदीप कौर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह कोई अपराधी नहीं हैं. वह सिर्फ मेरी दादी नहीं हैं, वह सबकी दादी हैं. हर कोई उन्हें एक मां के रूप में देखता है. वह स्वतंत्र, निस्वार्थ और मेहनती हैं.

रैली में लोगों ने हरजीत के समर्थन में बैनर भी लहराए, जिसमें "दादी को घर लाओ" और "हमारी दादी से हाथ हटाओ" जैसे नारे लिखे हुए थे. दो घंटे तक चले इस प्रदर्शन के दौरान वहां से गुज़रती गाड़ियों ने हरजीत के समर्थन में हॉर्न बजाए. स्थानीय नेता भी इस रैली में शामिल हुए.

परिवार ने जताई स्वास्थ्य की चिंता

कांग्रेसी जॉन गारमेंडी के ऑफिस के कर्मचारी और हरक्यूलिस सिटी काउंसिल के सदस्य दिल बहादुर भट्टाराई ने रैली के दौरान इंडियन एक्स्प्रेस से कहा कि हरजीत कौर एक मां हैं, एक दादी हैं और वह किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा रही हैं. वह कानून का पालन करने वाली एक नागरिक हैं और उन्हें दिए गए निर्देशों का पालन कर रही हैं. मैं उनका पूरा समर्थन करता हूं. भट्टाराई ने अधिकारियों से कौर की उम्र को देखते हुए उनके साथ दया और मानवता का व्यवहार करने का भी आग्रह किया.

हरजीत की बहू, मंजीत कौर ने भी रैली में भावुक होकर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि हमारा डर सच न हो, मैं प्रार्थना कर रही हूं कि वह वहां ठीक हों. वह मेरे लिए सब कुछ हैं. हरजीत के परिवार के सदस्यों का कहना है कि उनकी सेहत खतरे में है. कौर थायराइड की बीमारी, माइग्रेन, घुटनों के दर्द और चिंता से पीड़ित हैं. रिश्तेदारों का दावा है कि मेसा वर्डे में उन्हें अपनी दवाइयां पूरी तरह से नहीं मिल पा रही हैं. कैलिफ़ोर्निया स्टेट एसेंबली के सदस्य एलेक्स ली ने भी हरजीत का समर्थन व्यक्त करते हुए कहा है कि वह सही तरीके से काम कर रही हैं और उनके साथ बुरा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए.

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