ब्रिटेन से पिछले दिनों ख़बर आई. कोरोना वायरस के नए किस्म की. कहा गया कि ये मौजूदा किस्मों से 70 फीसद तक ज्यादा संक्रामक हो सकता है. यानी पहले से ज्यादा खतरनाक. इस ख़बर के बाद दुनिया के कई देशों ने ब्रिटेन से कन्नी काट ली. भारत ने भी हवाई सेवा रद्द कर दी. वहां से जो फ्लाइट्स आ चुकी थीं, उनके यात्रियों के लिए आनन-फानन में SOP (स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीज़र) जारी कर दिया. कहा कि ब्रिटेन से आए लोगों को अलग आइशोलेशन यूनिट में भेजना चाहिए और उनके सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे जाने चाहिए.
22 दिसंबर को ब्रिटेन से भारत आए पांच लोगों का पता नहीं चल रहा था कि वे एयरपोर्ट से कहां चले गए. 22 दिसंबर की देर रात तक तीन लोगों को खोजकर उन्हें लोक नायक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया लेकिन तब तक एक आदमी लुधियाना और एक आंध्र प्रदेश पहुंच गया.
इन लोगों का कैसे खोजा गया?
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि अमृतसर के पंडोरी गांव के रहने वाला 46 साल का एक आदमी अधिकारियों के नज़र से बचते हुए लुधियाना पहुंच गया और वहां उसने प्राइवेट हॉस्पिटल में चेकअप कराया. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए लुधियाना के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर संदीप कुमार ने बताया कि 23 दिसंबर की सुबह मरीज़ को वापस दिल्ली भेज दिया गया. वह जिस भी किस्म के वायरस के साथ पहुंचा है, उसका अभी तक पता नहीं चल सका है.
पंजाब के एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने जानकारी दी कि वह अमृतसर से है लेकिन वह लुधियाना आया क्योंकि उसका भतीजा यहां एक हॉस्पिटल में काम करता है. उसके संपर्क में आईं उसकी पत्नी और भतीजे को आइसोलेट कर दिया गया है. संपर्क में आए और लोगों की तलाश की जा रही है.
इंडियन एक्सप्रेस ने दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि आंध्र प्रदेश पहुंचे संक्रमित मरीज़ का 23 दिसंबर की दोपहर पता चल गया था. उसे वापस लाने की प्रक्रिया ज़ारी है.
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस पूरे मामले को लेकर कहा है कि विभाग पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि कहां चूक हुई जो ये दोनों मरीज़ अधिकारियों से बचकर दिल्ली से बाहर चले गए.