वो चाइनीज़ फिल्म, जिसने कमाई के मामले में हॉलीवुड फिल्मों को कोसों पीछे छोड़ दिया है
'द बैटल एट लेक चैंगजिन' नाम की ये फिल्म इस साल 6600 करोड़ रुपए से ज़्यादा कमा चुकी है. ऐसा क्या खास है इसमें?
Advertisement

'द बैटल एट लेक चैंगजिन'.
"सरकार द्वारा निर्मित फ़िल्म चीनी सैनिकों को मॉरली सुपीरियर दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ती."'द हॉलीवुड रिपोर्टर' की समीक्षक एलिज़ाबेथ केरर ने लिखती हैं-
"वैसे तो ज़्यादातर युद्ध पर बनी फ़िल्मों में हिस्टॉरिकल ऑथेंटिसिटी कम और प्रोपोगेंडा ज़्यादा होता है. लेकिन 'द बैटल एट लेक चैंगजिन' में तो ये चीज़ें बहुत ही बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई गई हैं."बरसों से हॉलीवुड फिल्मों का बहुत बड़ा मार्केट चीन रहा है. मार्वल-डीसी जैसे बड़े बैनर की फ़िल्में भी कई बार अमेरिका से पहले चाइना में रिलीज़ की जाती हैं. ताकि फ़िल्मों को अच्छा बूस्ट मिल जाए. लेकिन पॉलिटिकल मतभेदों के चलते 2019 के बाद से कोई भी हॉलीवुड फिल्म चाइना में रिलीज़ नहीं हुई है. चाइना में लगी आखिरी अमेरिकन फ़िल्म मार्वल की 'स्पाइडरमैन: फार फ्रॉम होम' थी. यहां तक कि 'शैंग ची- द लीजेंड ऑफ द टेन रिंग्स' जो असल में मार्वल द्वारा चाइना मार्केट को ध्यान में रखते हुए बनाई गईं थीं, वो भी चीनी ज़मीन पर रिलीज़ नहीं हो पाईं. मीडिया के मुताबिक चाइनीज़ अथॉरिटी सेंसरशिप और अनेकों नियम-कायदों के पेंच में फंसाकर अमेरिकन स्टूडियोज़ को चीन में फ़िल्में रिलीज़ नहीं करने दे रही हैं. इस साल कमाई के मामले में नंबर एक पर ही नहीं, दूसरे नंबर भी चाइनीज़ फ़िल्म- 'हाय मॉम' है. जिसने अबतक कुल 6 हज़ार करोड़ से ऊपर की कमाई कर ली है. अमेरिकन फ़िल्म 'नो टाइम टू डाई' 758 डॉलर की कमाई कर तीसरे स्थान पर है. यानी फिल्म ने 'द बैटल एट लेक चैंगजिन' से करीब 120 मिलियन डॉलर कम की कमाई की है.