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प्रियांशु शर्मा, जिन्होंने 1 नहीं, 2 नहीं, पूरे 6 अटेम्प्ट दिए और आखिर में शानदार रैंक पाया

प्रियांशु का सेकंड अटेम्प्ट में भी सिलेक्शन हो गया था. लेकिन सर्विस के साथ वो पढ़ नहीं पा रहे थे. तो उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.

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Gurugram Priyanshu Sharma
प्रियांशु की रोल मॉडल उनकी एकेडमी की डायरेक्टर स्मृति वर्मा हैं. (फोटो: आजतक)
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मनीषा शर्मा
23 मई 2023 (Updated: 24 मई 2023, 05:33 PM IST)
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UPSC की परीक्षा में फेल होने वाले उम्मीदवार के पास क्या ऑप्शन होता है? ये सवाल किसी UPSC एस्पिरेंट से करेंगे तो वो यही कहेगा कि अगले UPSC एग्जाम की तैयारी करूंगा. अगर उसमें भी फेल हो गए? तो उसके अगले पेपर की तैयारी. नारा चलता है - जब तक UPSC तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं. इस स्पिरिट का एक बहुत बढ़िया उदाहरण सामने आया है प्रियांशु शर्मा की शक्ल में. उन्होंने 6 अटेम्प्ट के बाद UPSC CSE 2022 परीक्षा में 65 वां स्थान प्राप्त किया है.

आजतक से जुडे़ नीरज कुमार वशिष्ठ की रिपोर्ट के मुताबिक प्रियांशु गुरुग्राम के सेक्टर 15 के रहने वाले हैं. 10वीं तक वो चंडीगढ़ में पढ़े. उसके बाद दो साल दिल्ली में DPS आर.के.पुरम में. ग्रैजुएशन हैदराबाद से हुआ. इसके बाद UPSC परीक्षा देना शुरू किया. और सेकंड अटेम्प्ट में सिलेक्शन हो भी गया था. तब वो रेलवे अकाउंट्स सर्विस में अफसर बने. लेकिन सर्विस और आगे की तैयारी उनसे एक साथ हो नहीं पा रही थी. इसलिए उन्होंने इस्तीफा देकर फिर पढ़ाई पर ध्यान दिया. फिर चार और अटेंप्ट दिए. छठी बार जाकर उनका सिलेक्शन हुआ. 

आजतक से बातचीत के दौरान प्रियांशु मां ने कहा,

‘प्रियांशु 10वीं क्लास से ही IAS बनना चाहता था. मेरे बेटे ने दस साल बहुत तपस्या की है. आज आखिरकार उसे उसकी तपस्या का फल मिला है. सब उसकी मेहनत है. जो हम सब चाहते थे वो उसने हासिल किया. वो IFS जॉइन करना चाहता है.'

IAS नहीं, IFS बनना चाहते हैं

आजतक से बातचीत के में प्रियांशु ने बताया,

‘ये उपलब्धि मुझे काफी समय और मेहनत के बाद मिली है. पांच अटेम्प्ट देने के बाद भी मैंने हिम्मत नहीं हारी. लेकिन ये तो शुरूआत है. सेवा में जाने के बाद काम करना मेरे लिए ज़्यादा बड़ी चीज़ रहेगी. मेरा सपना IAS बनने का नहीं था. मेरा सपना विदेश सेवा में जाने का रहा है. मैं IFS बनना चाहता हूं.’

प्रियांशु ने आगे बताया कि उनकी रोल मॉडल उनकी एकेडमी की डायरेक्टर स्मृति वर्मा हैं. उन्होंने ने ही प्रियांशु को सारा काम करना सिखाया था. वैसे प्रियांशु के पिता भी अफसर रहे हैं. वो चीफ इंजीनियर के पद से रिटायर हो चुके हैं.

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