गुरूग्राम में नमाज के बाद क्रिसमस पर विवाद, स्कूल में लगे 'जय श्री राम' के नारे
स्कूल में क्रिसमस का कार्यक्रम चल रहा था. तभी वहां हिंदूवादी संगठन के लोग पहुंच गए.
Advertisement

Gurugram के एक स्कूल में आयोजित क्रिसमस कार्यक्रम में 'जय श्री राम' के नारे लगाता व्यक्ति (फोटो: इंडिया टुडे)
इंडिया टुडे से जुड़े कुणाल कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला गुरुग्राम के पटौदी (Pataudi) थाना इलाके का है. यहां एक स्कूल में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. पुलिस के मुताबिक खुद को हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता बताने वाले लोगों के एक समूह ने इस कार्यक्रम में घुसकर, 'जय श्री राम' के नारे लगाए. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है.
गुरुग्राम के पटौदी में क्रिसमस डे की संध्या पर चल रही थी सभा। अचानक से कुछ लोगों ने पहुंचकर लगाए जय श्री राम के नारे। Download Tak App - https://t.co/zV9C573lKH
— Haryana Tak (@haryana_tak) December 25, 2021
#ChistmasEve
#Christmas2021
#pataudi
#Gurugram
pic.twitter.com/EO4zIlnHE8
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इस मामले में अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है, जैसे ही उन्हें कोई शिकायत मिलेगी, पुलिस कार्रवाई करेगी. जुमे की नमाज पर विवाद इस बीच गुरुग्राम में सार्वजनिक जगहों पर जुमे की नमाज पढ़ने को लेकर विवाद जारी है. हालांकि, 24 दिसंबर को गुरुग्राम में 9 जगहों पर जुमे की नमाज पढ़ी गई. इस बीच पुलिस ने नमाज का विरोध करने पहुंचे हिंदूवादी संगठनों के लोगों को यह कहते हुए लौटा दिया कि समझौते के तहत इन जगहों पर नमाज पढ़ने की मंजूरी मिली हुई है. हालांकि, विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सार्वजनिक जगहों पर नमाज का विरोध कर रहे लोगों ने अपनी शिकायत में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बयान का हवाला दिया. खट्टर ने हरियाणा विधानसभा में कहा था कि सार्वजनिक जगहों पर इस तरह से धार्मिक क्रियाकलाप करना शक्ति प्रदर्शन है. उन्होंने कहा था कि किसी भी समुदाय के व्यक्ति को इस तरह के काम नहीं करने चाहिए और दूसरे समुदाय के लोगों की भावनाओं को नहीं भड़काना चाहिए.

Gurugram में नमाज पढ़ते लोग. (सांकेतिक फोटो: इंडिया टुडे)
दरअसल, पिछले कुछ महीनों से गुरुग्राम के सेक्टर 47, सेक्टर 12 A और सेक्टर 37 में जिला प्रशासन द्वारा तय किए गए स्थानों पर नमाज़ पढ़ने का विरोध किया जा रहा है. कई बार मामला झड़प तक भी पहुंचा है. पुलिस ने कई बार हिंदूवादी संगठनों के लोगों को भी गिरफ्तार किया. नेताओं ने क्या कहा ? इस मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री से लेकर उमर अब्दुल्ला तक के बयान सामने आए थे. सबसे पहले हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने कहा था,
"किसी को भी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन खुले में नहीं करना चाहिए. इन कार्यक्रमों को हमेशा अंदर ही होना चाहिए."हालांकि उन्होंने किसी विशेष धर्म के बारे में कुछ नहीं कहा था, लेकिन उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर कोई कार्यक्रम आयोजित भी होता है, तो प्रशासन से पहले इजाजत लेना जरूरी है. बिना इजाजत ऐसा करना गलत है. इसके बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने कहा था,
"खुले में नमाज अदा करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सभी को सुविधा मिलनी चाहिए (प्रार्थना करने के लिए), लेकिन किसी को भी दूसरों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए. इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी."खट्टर के बयान पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि यह प्रतिबंध हर धर्म पर लगता तो अच्छा होता, लेकिन किसी धर्म विशेष को सोच-विचारकर चुनने की नीति से पता चलता है कि एक विशेष धर्म निशाने पर है.