प्राइवेट जॉब में 6.5 महीने की मैटरनिटी लीव?
घर में किलकारी गूंजने वाली है तो यह खबर सुनकर करेजा हरियर हो जाएगा.
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गुरेजा मंकी का बेबी है ये. चेक रिपब्लिक के एक जू की तस्वीर. Source: Reuters
फिलहाल निजी सेक्टर की महिलाओं को 3 महीने (12 हफ्ते) की मैटरनिटी लीव मिलती है. महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सोमवार को बताया कि उनकी मिनिस्ट्री मैटरनिटी लीव बढ़ाना चाहती है. उनकी मिनिस्ट्री ने इस बारे में लेबर मिनिस्ट्री को चिट्ठी लिखी. कहा कि बच्चे के जन्म के बाद 6 महीने तक उसे मां का दूध मिलना बहुत जरूरी है, इसलिए मैटरनिटी लीव बढ़ाई जाए. लेबर मिनिस्ट्री छुट्टी को साढ़े 6 महीने तक बढ़ाने पर राजी हो गई है.

मेनका गांधी
अब लेबर मिनिस्ट्री मैटरनिटी बेनिफिट कानून 1961 में तब्दीली करेगी, जिसमें फिलहाल 12 हफ्तों की छुट्टी का इंतजाम है. महिला-बाल विकास मंत्रालय के अफसर सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर की महिलाओं के लिए मैटरनिटी लीव 8 महीने करना चाहते थे, लेकिन लेबर मिनिस्ट्री इस पर राजी नहीं हुई और कहा कि सिर्फ 6.5 महीने ही कर सकते हैं.
पर मेनका की मिनिस्ट्री ने अभी हार नहीं मानी है. 'इंडियन एक्सप्रेस' की खबर के मुताबिक, कैबिनेट सचिवालय को इस बारे में एक नोट लिखा जाएगा.
वैसे कुछ कर्मठ महिलाएं होती हैं जिन्हें छुट्टी नहीं मांगता है बॉस. याहू की सीईओ हैं मैरिसा मेयर. बंदी मां बनी दो जुड़वा बच्चों की और सिर्फ दो हफ्ते में काम पर लौट आईं. लोगों ने क्रिटिसाइज भी किया कि ये सही बात नहीं है.

मैरिसा मेयर
वैसे इंडिया में हेल्थ इशूज ज्यादा हैं. अफसरों का कहना है कि डायरिया, कुपोषण और दूसरी बीमारियों से निपटने के लिए कम से कम 6 महीने तक बच्चे की ब्रेस्टफीडिंग जरूरी है.
अपने यहां सरकारी नौकरी करने वाली महिलाओं को 6 महीने की मैटरनिटी लीव मिलती है. अगर मेनका की मिनिस्ट्री की सिफारिशें कैबिनेट सचिवालय मान लेता है तो DoPT को सरकारी कर्मचारियों के लिए मैटरनिटी लीव बढ़ाकर 8 महीने करनी होंगी.