भारत ने पीएम मोदी की जगह Gaza Peace Summit में शामिल होने के लिए किसे भेजा है?
Gaza Peace Summit 2025: दो साल से भी लंबे समय से युद्ध की स्थित झेल रहे गाजा में अब शांति की उम्मीद बढ़ गई है. मिस्त्र में गाजा शांति शिखर सम्मेलन हो रहा है. इसमें ट्रंप ने गाजा में शांति के लिए जो 20 सूत्रीय प्लान पेश किया है, उस पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए जाएंगे. पीएम मोदी को भी सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रण भेजा गया था.

मिस्र के शर्म अल-शेख में सोमवार, 13 अक्टूबर को गाजा शांति शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है. इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप समेत 20 देशों के नेता हिस्सा लेंगे. मिस्र के राष्ट्रपति फराह अल सिसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए न्यौता भेजा था. हालांकि भारत ने उनकी जगह विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह को विशेष दूत के तौर पर वहां भेजा है.
कीर्ति वर्धन सिंह रविवार रात को मिस्र पहुंच गए. इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने एक्स पर लिखा कि शर्म अल-शेख में गाजा शांति शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष प्रतिनिधि के रूप में ऐतिहासिक शहर काहिरा पहुंच गया हूं. इससे पहले पीएम मोदी को सम्मेलन का न्यौता मिलने के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह मिस्र जा सकते हैं और वहां डॉनल्ड ट्रंप से मुलाकात भी कर सकते हैं.
क्यों नहीं गए पीएम मोदी?इंडियन एक्स्प्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भी इस शिखर सम्मेलन में शामिल होने की उम्मीद है. ऐसे में भारत इस बात का जोखिम नहीं लेना चाहता था कि ट्रंप और शरीफ के एक ही जगह होने पर स्थिति कैसी बनेगी. इसलिए कीर्ति वर्धन सिंह को बतौर विशेष प्रतिनिधि सम्मेलन में भेजने का फैसला किया गया. ट्रंप और अल सिसी के अलावा जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस भी इस शिखर सम्मेलन में शामिल हो सकते हैं.
बता दें कि इस सम्मेलन में ट्रंप ने गाजा में शांति के लिए जो 20 सूत्रीय प्लान पेश किया है, उस पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए जाएंगे. साथ ही इस बात पर चर्चा की जाएगी कि गाजा में आगे की योजना क्या होगी. मध्य पूर्व में शांति कैसे बनी रहे. मालूम हो कि इजरायल और हमास को शांति समझौते पर राजी करने के लिए अमेरिका के साथ-साथ मिस्र और कतर ने भी अहम रोल निभाया है.
क्या है ट्रंप का गाजा पीस प्लान?डॉनल्ड ट्रंप ने गाजा में शांति के लिए जो पीस प्लान पेश किया है, उसकी मुख्य बातें इस प्रकार हैं.
- गाजा एक कट्टरपंथ मुक्त और आतंक मुक्त क्षेत्र होगा, जो अपने पड़ोसियों के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करेगा.
- अगर दोनों पक्ष यानी इजरायल और हमास इस प्रस्ताव पर सहमत हो जाते हैं तो जंग तुरंत समाप्त हो जाएगी. इजरायल की सेना पीछे हटेगी, ताकि गाजा में बंधक इजरायलियों की रिहाई के लिए तैयारी की जा सके. इस दौरान सभी तरह के मिलिट्री एक्शन, हवाई हमले और तोपखाने की मारधाड़ भी रोक दी जाएगी.
- गाजा जब सभी इजरायली बंधकों को छोड़ देगा. तब इजरायल को भी 250 आजीवन कारावास की सजा पाए कैदियों और 7 अक्टूबर 2023 के बाद से हिरासत में लिए गए 1700 गाजावासियों को रिहा करना होगा. गाजा जितने इजरायली बंधकों को रिहा करेगा, उसके बदले इजरायल 15 मृत गाजावासियों के अंतिम अवशेष भी वापस करेगा.
- सभी बंधकों की वापसी और हथियार डालने के बाद हमास के सदस्यों को माफ कर दिया जाएगा. हमास के जो सदस्य गाजा छोड़ना चाहते हैं, उन्हें सेफ पासेज दिया जाएगा.
- इजरायल गाजा पर न तो कब्ज़ा करेगा और न ही उसे अपने में मिलाएगा.
- समझौते को मंजूरी मिलते ही गाजा पट्टी में पूरी मदद भेजी जाएगी. पानी, बिजली, सीवेज, अस्पताल की व्यवस्था के अलावा जंग के दौरान मलबा बने शहरों को साफ किया जाएगा. बंद सड़कें खोलने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया जाएगा
- गाजा पट्टी छोड़ने के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाएगा. जो लोग स्वेच्छा से यहां से जाना चाहते हैं, वो ऐसा करने के लिए आजाद रहेंगे.
- गाजा का प्रशासन कुछ समय के लिए एक अस्थायी समिति चलाएगी. यह समिति उन लोगों से बनेगी, जो राजनीति से दूर होंगे और तकनीकी-कामकाजी लोग होंगे. इसका काम होगा वहां के लोगों को रोजमर्रा की जरूरी सेवाएं और नगर निगम जैसी व्यवस्थाएं ठीक से देना. समिति में पढ़े-लिखे और अनुभवी फिलिस्तीनी लोग होंगे, जिनके साथ कुछ अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ भी शामिल रहेंगे.
- इस समिति के कामों की निगरानी एक नया अंतरराष्ट्रीय निकाय ‘बोर्ड ऑफ पीस’ करेगा. इस बोर्ड के प्रमुख और अध्यक्ष अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप होंगे. इसके अलावा दुनिया के और भी कई बड़े नेता इसमें शामिल होंगे. जैसे- ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर.
- यह बोर्ड गाजा को फिर से बसाने और उसके विकास के लिए पैसे का इंतजाम करेगा. वहां के लिए नियम-कायदे तय करेगा. ये व्यवस्था तब तक चलेगी जब तक फिलिस्तीनी प्राधिकरण (Palestinian Authority) अपने सुधार पूरे नहीं कर लेता और सुरक्षित तथा मजबूत तरीके से गाजा का कंट्रोल वापस नहीं ले लेता.
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मिस्र के विदेश मंत्री से मिलेंगे पीएम मोदीइधर पीएम मोदी दिल्ली में इस सप्ताह के अंत में मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती से मिल सकते हैं. द हिंदू ने सूत्रों के हवासे से इसकी जानकारी दी. रिपोर्ट के अनुसार अब्देलती भारत-मिस्र रणनीतिक वार्ता में शामिल होने के लिए दिल्ली आ रहे हैं. पीएम मोदी और मिस्र के राष्ट्रपति अल सिसी ने जनवरी 2023 में सीसी-मोदी स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप डील पर साइन की थी. मिस्र के विदेश मंत्री की यह यात्रा उसी का हिस्सा मानी जा रही है.
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