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क्या छपरा में सच में फंस गया था गंगा विलास क्रूज शिप?

शिप में सवार पर्यटकों को छोटी नाव के जरिए क्यों ले जाया गया?

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MV Ganga Vilas cruise Tourist in Chhapra
गंगा विलास क्रूज शिप के यात्री. (फोटो: आज तक)
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सुरभि गुप्ता
16 जनवरी 2023 (Updated: 16 जनवरी 2023, 10:38 PM IST) कॉमेंट्स
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वाराणसी से रवाना हुआ एमवी गंगा विलास (MV Ganga Vilas) क्रूज शिप अपनी 51 दिनों की यात्रा पर है. सोमवार, 16 जनवरी को खबर आई कि ये जहाज कम पानी की वजह से बिहार के छपरा में फंस गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पर्यटकों को चिरांद नाम के पुरातात्विक स्थल पर ले जाना था. इसलिए पर्यटकों को तट पर छोटी नावों के जरिए ले जाया गया. यहां SDRF (स्टेट डिजैस्टर रिस्पॉन्स फोर्स) की टीमें तैनात थीं. 

हालांकि, इस खबर को इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IWAI) ने खारिज किया. अथॉरिटी की ओर से बताया गया कि इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है कि जहाज छपरा में फंस गया. IWAI के चेयरमैन संजय बंदोपाध्याय ने बताया कि क्रूज तय समय पर पटना पहुंच गया है.

IWAI की ओर से ट्वीट किया गया,

गंगा विलास तय कार्यक्रम के मुताबिक पटना पहुंच गया. जहाज के छपरा में फंसने की खबर में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है. जहाज शेड्यूल के अनुसार अपनी आगे की यात्रा जारी रखेगा.

इससे पहले न्यूज एजेंसी ANI ने खबर दी थी कि बीते हफ्ते पीएम मोदी ने जिस रिवर क्रूज का उद्घाटन किया वो सफर के तीसरे दिन ही बिहार के छपरा में फंस गया. इसकी वजह गंगा नदी में कम पानी बताई गई थी. IWAI की ओर से दी गई जानकारी के हवाले बाद में ANI की ओर क्रूज के छपरा में नहीं फंसने की खबर दी गई.

एजेंसी की रिपोर्ट में छपरा के सर्कल ऑफिसर (CO) सतेंद्र सिंह ने बताया कि स्थानीय पत्रकारों ने उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया. सतेंद्र सिंह ने ANI से कहा,

मैंने सिर्फ इतना कहा था कि SDRF की नाव मौके पर एहतियाती तौर पर थीं. किसी तरह की कोई रुकावट नहीं आई थी.

शिप के ऑपरेटर्स ने भी बताया कि शिप फंसी नहीं थी, बल्कि कम पानी के कारण उसे तट पर नहीं लाया जा सकता था. पर्यटन से जुड़ी एक कंपनी एग्जॉटिक हेरिटेज ग्रुप के चेयरमैन राज सिंह ने ANI को बताया कि जहां नदी गहरी नहीं होती है, वहां उतरने के लिए छोटी ओर खुली नाव इस्तेमाल की जाती हैं.

शिप के ऑपरेटर्स ने बताया कि यात्रियों को तट पर ले जाने के लिए छोटी नावों की जरूरत होती है. आगे भी कुछ जगहों के लिए ऐसी व्यवस्था है. अगर जहाज छिछले यानी कम पानी में आए तब फंस सकता है. इसीलिए स्थानीय नाव इस्तेमाल में लाई जाती हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 जनवरी को गंगा विलास क्रूज को हरी झंडी दिखाई थी. गंगा विलास दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज है. इस क्रूज में सफर कर रहे लोगों के लिए फाइव स्टार होटल वाली व्यवस्था है. सफर के दौरान लोगों को सांस्कृतिक धरोहरों से भी रूबरू करवाया जा रहा है.

वीडियो: गंगा विलास क्रूज: पानी वाला आलीशान 'महल' अंदर से कुछ ऐसा दिखता है, किराया कितना है?

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