फ्रांस में पीएम के इस्तीफे से नहीं बनी बात, मैक्रों सरकार के खिलाफ उबाल, 200 प्रदर्शनकारी अरेस्ट
France Protest News: नेपाल के बाद अब फ्रांस में भी सरकार विरोधी आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है. सरकार ने 200 प्रदर्शनकारियों के हिरासत में लिए जाने की पुष्टि की है. लोगों के असंतोष के बीच प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू ने इस्तीफा दिया था, लेकिन इसके बाद भी प्रदर्शन शांत होते नहीं दिख रहे.
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नेपाल के बाद अब फ्रांस में भी क्रांति की चिंगारी भड़क गई है. यहां 'ब्लॉक एवरीथिंग' प्रोटेस्ट के दौरान 200 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. फ्रांस की इमैनुएल मैक्रों सरकार की नीतियों के खिलाफ विपक्षी वामपंथी गठबंधन ने ये विरोध प्रदर्शन बुलाया था. ये आंदोलन ऐसे समय में हो रहा है जब फ्रांस के नए प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू चार्ज संभाल रहे हैं.
फ्रांस 24 के मुताबिक, गृहमंत्री ब्रूनो रिटेलो ने बताया कि बुधवार, 10 सितंबर को प्रदर्शनकारियों ने कई शहरों और कस्बों में सड़कें जाम कर दीं. इस दौरान उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. रिटेलो ने बताया कि ब्लॉक एवरीथिंग प्रोटेस्ट के शुरुआती दौर में तकरीबन 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
टीओआई में छपी रिपोर्ट के अनुसार, गृहमंत्री रिटेलो ने कहा कि रेनेस में प्रदर्शनकारियों ने एक बस में आग लगा दी और बिजली लाइन को क्षतिग्रस्त कर दिया. इसके अलावा दक्षिण-पश्चिम इलाके में ट्रेन सेवाएं रोक दी गईं. रिटेलो ने प्रदर्शनकारियों पर ‘विद्रोह’ का माहौल बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.

प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए मैक्रों सरकार ने तकरीबन 80 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया था. कई इलाकों में बैरिकेड्स लगाए गए थे, लेकिन प्रदर्शनकारी फिर भी नहीं रुके. उन्होंने पेरिस में कई कूड़ेदानों में आग लगा दी और रास्ते जाम कर दिए. फ्रांस के समयानुसार सुबह 9 बजे तक 75 लोगों को हिरासत में लिया गया था, लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, प्रदर्शन और गिरफ्तारियां दोनों बढ़ती गईं. सरकार ने पुष्टि की है कि दोपहर तक तकरीबन 200 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
क्यों भड़का विरोध?फ्रांस में ये विरोध ऐसे समय में हो रहा है जब देश को नए प्रधानमंत्री मिले हैं. बीते दिनों पब्लिक हॉलीडेज में कटौती, पेंशन पर रोक समेत कई सरकारी घोषणाओं से लोग नाराज थे. इसे लेकर सोशल मीडिया पर आंदोलन चल रहा था. मैक्रों सरकार की नीतियों पर गहराते लोगों के असंतोष के बीच प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू संसदीय विश्वासमत भी हार गए. इसके बाद इमैनुएल मैक्रों ने अपने वफादार रक्षामंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू को प्रधानमंत्री बना दिया. हालांकि, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सत्ता बदलने से उनकी शिकायतें नहीं बदली हैं. इसी क्रम में बुधवार 10 सितंबर को ब्लॉक एवरीथिंग प्रोटेस्ट बुलाया गया था, जिसमें भारी संख्या में मजदूर, छात्र और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए.
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