The Lallantop
Advertisement

ये न्यूज एंकर इंडिया में दिख जाएगा तो लोग दौड़ा लेंगे, गड़बड़ काम कर दिया था!

एंकर को शशि थरूर ने ट्विटर पर कायदे से सुनाया है.

Advertisement
Queen Elizabeth II and Tucker Carlson
एलिजाबेथ द्वितीय और फॉक्स न्यूज के एंकर टकर कार्लसन. (फोटो: ट्विटर)
15 सितंबर 2022 (Updated: 15 सितंबर 2022, 21:00 IST)
Updated: 15 सितंबर 2022 21:00 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

अमेरिकी टीवी चैनल फॉक्स न्यूज (Fox News) के एंकर टकर कार्लसन (Tucker Carlson) ने एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth) के निधन के बाद भारतीयों के संबंध में एक ऐसी टिप्पणी की है, जिसकी जमकर आलोचना हो रही है. कार्लसन ने अपने एक शो में एलिजाबेथ द्वितीय का महिमामंडन करते हुए कहा कि ब्रिटिश साम्राज्य ने जब भारत को छोड़ा था, तब उन्होंने अपने पीछे कई ऐसी चीजें छोड़ी थीं, जिससे भारतीय ‘सभ्य' बने हैं.

कार्लसन ने ब्रिटिश शासन की बर्बरता को खारिज करने के लिए ये दावा किया कि ‘ब्रिटिश साम्राज्य में सिर्फ नरसंहार ही नहीं था, उसमें इसके अलावा और भी चीजें थीं. अंग्रेजों ने अपनी औपनिवेशिक जिम्मेदारी को गंभीरता से लिया था और उन्होंने दुनिया पर शालीनता के साथ शासन किया, जिसका मानव इतिहास में बेजोड़ स्थान है.'

ब्रिटिश साम्राज्य की तथाकथित महानता का वर्णन करने के लिए कार्लसन ने भारत का सहारा लिया और कहा,

'जब ब्रिटिश भारत छोड़ कर आए थे, तो उन्होंने अपने पीछे पूरी एक सभ्यता, भाषा, कानूनी व्यवस्था, स्कूल, चर्च, बिल्डिंग्स छोड़ी थीं और आज भी इनका इस्तेमाल हो रहा है.'

एंकर ने अपनी बात को सही ठहराने के लिए मुंबई की विक्टोरिया टर्मिनस स्टेशन (इसे अब छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के नाम से जाना जाता है) का उदाहरण दिया और कहा कि आजादी के 75 सालों बाद भी भारत इतनी सुंदर बिल्डिंग नहीं बना पाया है. कार्लसन ने कहा, 

'आजादी के 75 सालों बाद भी क्या भारत बॉम्बे ट्रेन स्टेशन जैसी कोई एक भी बिल्डिंग बना पाया है, जैसा कि ब्रिटिश ने बनाया था? नहीं, बिल्कुल नहीं. वो एक भी ऐसी (बिल्डिंग) नहीं बना पाए.'

शशि थरूर ने किया ट्वीट

दरअसल, अंग्रेजों ने साल 1887 में ये स्टेशन बनाया था, जिसका नाम साल 2016 में बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस कर दिया गया था. साल 1996 में इसका नाम छत्रपति शिवाजी टर्मिनस किया गया था, जिसमें दिसंबर 2016 में 'महाराज' शब्द जोड़कर फडनवीस सरकार ने इसका नाम 'छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस' कर दिया था.

टकर कार्लसन की इस तरह की 'नस्लवादी और औपनिवेशिक' टिप्पणियों पर भारत और विदेश में गहरी नाराजगी जताई गई है. 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने गुस्सा जाहिर किया और कहा कि ट्विटर को अपने प्लैटफॉर्म पर इमोशन व्यक्त करने का विकल्प देना चाहिए, ताकि अगर लोगों को किसी चीज पर गुस्सा आए तो वे बयां कर सकें.

कई सारे यूजर्स ने कार्लसन के पोस्ट पर शशि थरूर का वो चर्चित भाषण ट्वीट किया है, जो उन्होंने 28 मई 2015 को ऑक्सफोर्ड यूनियन सोसाइटी के सामने दिया था. इस स्पीच में थरूर ने ब्रिटिश साम्राज्य की जमकर आलोचना की थी और कहा था कि 'ब्रिटिश साम्राज्य का सूरज अस्त नहीं होता, क्योंकि भगवान को भी अंधेरे में अंग्रेजों पर भरोसा नहीं था'. जानी-मानी टेनिस खिलासी मार्टिना नवरातिलोवा ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि कार्लसन को इतिहास का ज्ञान नहीं है.

वीडियो: दिल्ली शराब घोटाले पर बीजेपी ने स्टिंग वीडियो कर डाला, मनीष सिसोदिया ने जवाब में चैलेंज दे दिया

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement

Advertisement