24 जून 2016 (Updated: 23 जून 2016, 04:54 AM IST) कॉमेंट्स
Small
Medium
Large
Small
Medium
Large
आंगनबाड़ी में बच्चों को मिलने वाली कैंडी कभी हाथ लगी है. मेरे लगी है. एक दूर की रिश्तेदार थी जब भी घर आती तो लिए आती. लेमन के स्वाद की. बहुते टेस्टी. अब तो शायद बंद हो गई है आना. पता सरकार इस तरह की कई और भी खाने की चीजें जैसे दलिया, उपमा बच्चों के लिए पैक करके आंगनबाड़ी सेंटर्स पर भेजती है. ताकि जो गरीब बच्चे हैं उनका पेट भर सके. और वो कुपोषण का शिकार न हो पाएं. सोचिए अगर ये पैकेट्स बच्चों के बजाए कूड़े के डब्बे में मिले तो.
अहमदाबाद के गोमतीपुर इलाके में आंगनबाड़ी सेंटर्स को दिए जाने वाले उपमा के पैकेट्स कचरे के डब्बे से पाए गए हैं. ये पैकेट्स कुपोषित बच्चों को दिए जाने थे. ये पैकेट्स इलाके के हर आंगनबाड़ी को सरकार द्वारा दिया जाता है. एक आंगनबाड़ी में कुल 40 बच्चे होते हैं. उसी के हिसाब से सरकार ये न्यूट्रीशन से भरे खाने की चीजें पैक कर आंगनबाड़ी को देती है. कूड़े से मिले पैकेट्स की संख्या 90 से ज्यादा है.
इसके कूड़ेदान से मिलने के बाद सरकारी दफ्तरों में बवाल मचा हुआ है. सरकारी बाबू के परेशानी की वजह ये भी है कि ये पैकेट अभी हाल के बने हुए हैं. इनकी मेन्यूफैक्चरिंग डेट मार्च की है. इसका मतलब ये अभी एक्सपायर भी नहीं हुए हैं. जिसके चलते कोई इसे फेंक दे. सब बैठ के माथा खुजा रहे हैं कि बच्चों को देने के बजाए पैकेट्स को फेंका किसने.
अधिकारी पैकेट्स पर लिखे नंबर से पता करने की कोशिश कर रही है कि ये पैकेट्स किस आंगनबाड़ी सेंटर को दिया गया था. शुरूआती छान-बीन से पता चला है कि पैकेट्स अमराईवाडी कोड के आंगनबाड़ी को दिया गया था. पर अभी कुछ साफ नहीं है.
मामले को लेकर इलाके के कांग्रेस के नेता इकबाल शेख का कहना है कि सरकार अपने वालों को फायदा पहुंचाने के लिए जरूरत से ज्यादा प्रोडक्शन करा देती है. और गरीबों के पैसे बिगाड़ती है. इसी का नतीजा है कि ये पैकेट्स ऐसे कूड़े में पड़े मिलते हैं.