दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान की मौत, पुलिस ने बताई ये वजह
1 दिसंबर से प्रदर्शन कर रहा था सोनीपत का ये किसान

कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के भारत बंद के दौरान जगह-जगह प्रदर्शन चल रहे हैं. दिल्ली की सीमाओं पर भी किसान डटे हुए हैं. पिछले 12-13 दिनों से हज़ारों किसान का दिल्ली के बॉर्डर्स पर कड़ाके की ठंड के बीच धरना जारी है. अब खबर आई है कि इसी किसान आंदोलन में शामिल 32 बरस के एक किसान की यहां मौत हो गई है.
'इंडिया टुडे' के पवन राठी की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-हरियाणा को जोड़ने वाले सिंघु बॉर्डर पर मंगलवार यानी 8 दिसंबर की सुबह एक किसान मृत मिला. उनका नाम अजय मूर है. हरियाणा के सोनीपत के बरोदा गांव के रहने वाले थे. ज़मीन ठेके पर लेकर खेती करते थे.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अजय बॉर्डर पर सैकड़ों किसानों के साथ 1 दिसंबर से प्रदर्शन कर रहे थे. 7 दिसंबर यानी सोमवार की रात अजय ने खाना खाया. फिर TDI पार्क के सामने अपनी ट्रॉली के नीचे सो गए. सुबह जब लोगों ने उन्हें जगाया, तो वो नहीं उठे. इसके बाद किसान आंदोलन में काम कर रहे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को जानकारी दी गई. मौके पर पहुंचकर कर्मचारियों ने जांच की, तो पता लगा कि अजय की मौत हो चुकी है.
मामले की जानकारी सोनीपत के कुंडली थाना पुलिस को दी गई. कुंडली थाना प्रभारी रवि कुमार ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. मौत की वजह का खुलासा पोस्टमार्टम के बाद ही हो पाएगा, लेकिन शुरुआती जांच में ये लग रहा है कि कड़ाके की ठंड की वजह से मौत हुई है.
किसान आंदोलन में शामिल किसी किसान की मौत की ये पहली घटना नहीं है. कुछ दिन पहले टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल एक किसान की मौत हो गई थी. किसान का नाम लखबीर सिंह था, 57 बरस के थे. कार्डियक अरेस्ट के चलते उनकी जान गई थी. इसके अलावा भिवानी-दिल्ली हाईवे पर हुए एक हादसे की वजह से धन्ना सिंह नाम के किसान की मौत हो गई थी. वो 45 बरस के थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसान आंदोलन में शामिल करीब सात से आठ किसानों की मौत अब तक हो चुकी है.
किसानों ने बुलाया 'भारत बंद'
आंदोलन कर रहे किसानों ने आज यानी 8 दिसंबर 2020 को 'भारत बंद' बुलाया है. ये बंद सरकार के साथ छठे राउंड की बातचीत के एक दिन पहले हो रहा है. इसके पहले पांच राउंड की बातचीत हो चुकी है. किसानों की मांग है कि सरकार कृषि कानूनों को वापस ले, लेकिन सरकार का कहना है कि इसे वापस नहीं लिया जा सकता. सरकार कानूनों में कुछ संसोधन के पक्ष में तो दिख रही है, लेकिन वापसी के खिलाफ है. दोनों पक्ष अपनी-अपनी मांगों पर डटे हुए हैं. इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार शाम 7 बजे किसानों को बातचीत के लिए बुलाया है.