किसान आंदोलन के समर्थन में ओलिंपिक्स गोल्ड विनर समेत 30 खिलाड़ियों की अवॉर्ड वापसी
तीन कृषि कानूनों के विरोध में सड़कों पर उतरे हैं किसान.

तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों का विरोध जारी है. सरकार के साथ 1 दिसंबर को हुई बातचीत का भी कोई हल नहीं निकला. किसान अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं. अब इस किसान आंदोलन को कई नामी लोगों का भी समर्थन मिल रहा है. पंजाब के कई सेलिब्रिटीज़ पहले से ही इस आंदोलन के सपोर्ट में हैं, अब कई पूर्व खिलाड़ियों ने भी अपना समर्थन देना शुरू कर दिया है. 'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, 30 खिलाड़ियों ने किसानों के सपोर्ट में अपने मेडल्स और अवॉर्ड वापस देने का फैसला कर लिया है. और इन खिलाड़ियों में ओलिंपिक्स में गोल्ड मेडल जीत चुकी टीम के खिलाड़ी भी शामिल हैं.
सज्जन सिंह चीमा, पूर्व बास्केटबॉल खिलाड़ी हैं, अर्जुन अवॉर्ड विजेता हैं. वो पिछले दो-तीन दिनों से अर्जुन अवॉर्ड और पद्म अवॉर्ड जीतने वाले खिलाड़ियों से कॉन्टैक्ट कर रहे थे. ताकि किसान आंदोलन के सपोर्ट में ये सभी खिलाड़ी अवॉर्ड वापसी की उनकी मुहीम में शामिल हो सकें. 'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, चीमा को अब तक 30 से ज्यादा पूर्व खिलाड़ियों का सपोर्ट मिल गया है. इन खिलाड़ियों में गुरमेल सिंह और सुरिंदर सिंह सोढी का नाम भी शामिल हैं, दोनों ही पूर्व हॉकी प्लेयर हैं और 1980 समर ओलिंपिक्स में फील्ड हॉकी में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे.
63 बरस के चीमा, जो पिछले महीने कोविड-19 पॉज़िटिव पाए गए थे, इस वक्त जालंधर के एक अस्पताल में भर्ती हैं. उनका कहना है,
"मैंने और मेरे तीन भाइयों- बलकार सिंह चीमा, कुलदीप सिंह चीमा और गुरमीत सिंह चीमा, हमने बास्केटबॉल गेम में भारत को रिप्रेजेंट किया है. और हमने जो नेशनल और इंटरनेशन पहचान बनाई, वो सबकुछ हमारे पिता सुरजीत सिंह के प्रयास की वजह से हो सका, जिनके पास कपूरथला के दुबालियान गांव में 20 एकड़ ज़मीन थी. एक किसान न केवल देश को अनाज मुहैया कराता है, बल्कि खिलाड़ियों को भी कराता है. और आज हम सब इस लड़ाई में किसानों के साथ हैं. ये कानून किसानों के लिए बुरे हैं. मैं पिछले महीने कोविड-19 का शिकार हुआ. अभी जस्ट ICU से बाहर आया हूं और उम्मीद करता हूं कि समय पर रिकवर कर जाऊंगा और अवॉर्ड वापसी में खिलाड़ियों के साथ रहूंगा. अभी तक इस पहल में 30 खिलाड़ियों का साथ मिला है."
कनाडा के पीएम का भी सपोर्ट
प्रदर्शन कर रहे किसानों को न केवल भारत बल्कि विदेश से भी सपोर्ट मिल रहा है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी इस आंदोलन को सपोर्ट किया है. उन्होंने कहा- "कनाडा ने हमेशा शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन के अधिकार का समर्थन किया है". हालांकि भारत ने इस बयान पर सख्य सा जवाब दिया. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने जस्टिन ट्रूडो के बयान को गलत जानकारी पर आधारित और गैर-ज़रूरी बताया.