किसानों का भारत बंद 8 दिसंबर को दोपहर 3 बजे तक होगा, या पूरे दिन?
किसान नेताओं के अलग-अलग बयानों से पैदा हुआ असमंजस
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दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर ऐसा नजारा देखने को मिल रहा है. फोटो- PTI
8 दिसंबर 2020. केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने भारत बंद का ऐलान किया है. ये बंद कितना सफल होगा, ये तो कल ही पता चलेगा. लेकिन ये बंद कितने बजे से कितने बजे तक होगा, इसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. दरअसल, किसान नेताओं के अलग-अलग बयानों से ये स्थिति पैदा हुई है.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा,
"हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से होगा. भारत बंद 11 बजे से 3 बजे तक होगा. ये सांकेतिक प्रदर्शन है, जिसके जरिए हम अपना विरोध दर्ज कराएंगे. ये दिखाता है कि हम भारत सरकार की कुछ नीतियों का समर्थन नहीं करते हैं."https://twitter.com/ANI/status/1335864656959655939 राकेश टिकैत की इस बात पर चर्चा होने लगी कि क्या भारत बंद केवल तीन बजे तक ही होगा? चक्का जाम की जो बातें सोशल मीडिया के जरिए पता चल रही थीं, उनका क्या हुआ? लोग एकदूसरे से इस बारे में जानकारी कर ही रहे थे कि सिंघु बॉर्डर से किसान नेता दर्शन पाल ने बयान जारी करके स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने कहा,
"बंद पूरे दिन रहेगा. चक्का जाम तीन बजे तक रहेगा. ये एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन है. हम अपने मंच पर किसी राजनीतिक दल को नहीं आने देंगे."https://twitter.com/ANI/status/1335918681566576641 https://twitter.com/AHindinews/status/1335921085888413698 कई पार्टियों का समर्थन दिल्ली के बॉर्डर पर डटे किसान भले ही दावा कर रहे हैं कि उनका आंदोलन गैर राजनीतिक है और वह किसी नेता को अपने मंच पर नहीं आने देंगे, लेकिन किसानों के इस बंद को कई पार्टियों ने अपना समर्थन दिया है. आपको बताते हैं कि वो कौन कौन सी राजनीतिक पार्टियां हैं, जो किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर साथ आई हैं. कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी), द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, समाजवादी पार्टी, शिवसेना, शिरोमणि अकाली दल, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी), गुपकर मोर्चा, तृणमूल कांग्रेस, तेलंगाना राष्ट्र समिति, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM), आम आदमी पार्टी, भारतीय शेतकारी कामगार पक्ष (PWP), बहुजन विकास आधाड़ी (BVA), रेवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP), बहुजन समाज पार्टी (BSP), स्वराज इंडिया, जनता दल सेकुलर, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) और फॉरवर्ड ब्लॉक. किसानों को रोकने की तैयारी किसान आंदोलन की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन की ओर से भी कवायद शुरू कर दी गई है. RAF (रैपिड एक्शन फोर्स) को दिल्ली बॉर्डर पर उतारा गया है. बताया गया है कि ये टीमें गांधीगीरी के जरिए किसानों को रोकने की कोशिश करेंगी. इसके बाद भी किसान अगर आगे बढ़ गए तो उनका सामना दिल्ली पुलिस से होगा. दिल्ली पुलिस ने भी शांति के साथ ही किसानों को रोकने की बात कही है. यदि प्रदर्शन इसके आगे बढ़ा तो BSF मोर्चा संभालेगी और किसानों को आगे बढ़ने से रोकेगी. सुरक्षा बलों ने इसकी प्रैक्टिस के लिए मॉक ड्रिल भी की. आपको बता दें कि किसानों के समर्थन में निहंग भी आ चुके हैं. दरअसल निहंग सिख दस्ते हथियारबंद होते हैं. कई तरह के करतबों, युद्ध कलाओं में माहिर होते हैं. करीब दो हजार निहंग सिख आंदोलन में पहुंच चुके हैं. कृपाण, तलवारों से लैस हैं. इनके पास घोड़े भी हैं. हालांकि ये लोग बेहद शांति से हैं, लेकिन इनके पहुंचने के बाद प्रशासन सुरक्षा के इंतजामों में जुट गया है.