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बूढ़ी औरत की मदद के लिए DM किंजल ने खरीदे डेढ़ हजार रुपये किलो के भाव करेले

ये वही किंजल सिंह हैं जिनके पिता को फर्जी एनकाउंटर में मार डाला गया था.

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प्रतीक्षा पीपी
14 जून 2016 (Updated: 14 जून 2016, 10:32 AM IST) कॉमेंट्स
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फैजाबाद की डीएम किंजल सिंह ने बिलकुल वैसा काम किया है, जिसपर 'काटा टी' टाइप विज्ञापन बना कर लोगों को सेंटी किया जा सकता है. इन्होंने सड़क के किनारे करेले बेच रही बूढ़ी औरत से डेढ़ हजार रुपये किलो करेले खरीदे. लेकिन कहानी बस इतनी सी नहीं. प्रदेश 18 के मुताबिक, कलेक्टर किंजल सिंह एक मार्केट से गुजर रही थीं. उन्होंने देखा एक बूढ़ी औरत सब्जियां बेच रही है. किंजल ने ड्राइवर से गाड़ी रोकने को कहा. उतरकर गईं, और बुढ़िया से उसका नाम पूछा. पता चला कि मुन्ना नाम की ये औरत बहुत गरीब है. किंजल ने मुन्ना से करेले के दाम पूछे. और 50 रुपये किलो बिक रहे करेले डेढ़ हजार रुपये किलो में खरीद लिए. इसके बाद मुन्ना के घर का पता मांगा. रात 11 बजे के आस-पास किंजल मुन्ना के घर पहुंचीं. अपने साथियों से कहा कि मुन्ना को तुरंत 5 किलो दाल, 20 किलो चावल, 50 किलो गेहूं, एक टेबल फैन और कुछ ज़रुरत की चीज़ें दी जाएं. और जब तक ये सामान डिलीवर नहीं होगा, वो मुन्ना के घर से नहीं जाएंगीं. इसके अलावा प्रधान मंत्री उज्जवला योजना के तहत LPG कनेक्शन दिलवाया. जो मुन्ना को अगले दिन ही मिल गया. और कुछ साड़ियां भेंट कीं. आपको याद दिला दें, ये वही किंजल सिंह हैं जो 2008 में अपने सेलेक्शन के टाइम काफी पॉपुलर हुई थीं. इनके जीवन की कहानी को लोग मिसाल के तौर पर देखते हैं. किंजल छोटी सी थीं जब उनके पिता का मर्डर हुआ था. इनके पिता केपी सिंह गोंडा के DSP थे. जहां पुलिस वालों ने ही उन्हें फर्जी एनकाउंटर में मार डाला था. 31 साल तक केस चला. लेकिन केस में जीत को देखने के लिए किंजल की मां जिंदा नहीं थी. कैंसर की वजह से उनकी मौत हो गई थी. इसके बावजूद किंजल और उनकी बहन प्रांजल ने IAS का एग्जाम निकाल लिया था. किंजल मार्च 2016 में ट्रांसफर होकर फैजाबाद आई थीं. इसके पहले वो लखीमपुर जिले की डीएम थीं. वहां भी इन्होंने 'थारू' समुदाय के आदिवासियों के लिए काफी काम किया था. इसके अलावा स्कूली बच्चों को मिड डे मिल खिलाने के लिए स्पेशल शेड बनवाए थे.

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