The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Facebook privacy policy change, Know the truth behind viral message

क्या फेसबुक आपके सारे फोटो, वीडियो का इस्तेमाल पैसे बनाने के लिए करने जा रहा है?

वायरल मैसेज का पूरा सच क्या है?

Advertisement
Facebook
फेसबुक पर जमकर वायरल हो रहा मैसेज (फोटो- रॉयटर्स)
pic
विपिन
26 अगस्त 2023 (Updated: 26 अगस्त 2023, 05:22 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

साल 2001 की बात है. दिल्ली में 'काला बंदर' नाम ने ऐसा डर का माहौल बनाया कि हर तरफ इसका शोर मच गया. लोग कहते काला बंदर छत पर दिखा, काला बंदर देर रात गली से निकला, काले बंदर ने पड़ोसी के बच्चे को पंजा मार दिया. लेकिन उसका कोई प्रमाण शायद ही किसी को देखने को मिला. यानी कोरी अफवाह के नाम पर महीनों इसका आतंक बना रहा.

वक्त बदला तो अफवाहों का बाज़ार सोशल मीडिया के जरिए फैलाया जाने लगाया. अब तक सोशल मीडिया पर कोई भी ऐसी पॉलिसी नहीं है जो किसी के लिखने या बोलने पर डायरेक्ट फिल्टरेशन कर सके. ऐसी ही एक अफवाह एक बार फिर बीते शुक्रवार यानी 25 अगस्त से फैलाई जा रही थी. फेसबुक पर अगर आप सर्च करेंगे 'नया फेसबुक नियम' तो आपको सैकड़ों ऐसे मैसेज मिल जाएंगे, जिनमें लोगों ने अपने ज़रूरी काम छोड़कर इस मैसेज को कॉपी करके फेसबुक पर पेस्ट कर दिया.

जी हां, इस मैसेज में बताया जा रहा था कि 26 अगस्त से ही नया नियम लागू होने जा रहा है. इसके बाद वह हमारे फेसबुक डेटा (फोटो, वीडियो, नाम, मोबाइल नंबर) का इस्तेमाल अपने बिजनेस के लिए करने वाला है. बस जैसे ही लोगों को ये पता चला, सबने आनन-फानन में बिना किसी जांच पड़ताल के इस मैसेज को शेयर करना शुरू कर दिया.

पहले आप वो वायरल पोस्ट ही देखिए, जो लोगों ने सोशल मीडिया पर फैला दिया. इस पोस्ट में लिखा था,

"कल से नया फेसबुक नियम (नया नाम मेटा) शुरू हो रहा है, जहां वे आपकी तस्वीरों का उपयोग कर सकते हैं. मत भूलो कि अंतिम तिथि आज है!!!  मैं फेसबुक या फेसबुक से जुड़ी किसी भी इकाई को अपने अतीत और भविष्य के चित्रों, सूचनाओं, संदेशों या प्रकाशनों का उपयोग करने की अनुमति नहीं देता
इस बयान के साथ, मैं फेसबुक को सूचित करता हूं कि इस प्रोफ़ाइल और/या इसकी सामग्री के आधार पर मेरे खिलाफ खुलासा, प्रतिलिपि, वितरण या कोई अन्य कार्रवाई करना सख्त वर्जित है, निजता का उल्लंघन करने पर कानून द्वारा दंडित किया जा सकता है.
यदि आप चाहें तो आप इस संस्करण को कॉपी और पेस्ट कर सकते हैं. यदि आप कम से कम एक बार कोई बयान प्रकाशित नहीं करते हैं तो यह चुपचाप आपकी तस्वीरों के उपयोग की अनुमति देगा, साथ ही आपकी प्रोफ़ाइल और स्थिति अपडेट में मौजूद जानकारी भी.
साझा ना करें.  कॉपी और पेस्ट.
आगे बढ़ने का तरीका यहां बताया गया है:
इस संदेश में कहीं भी अपनी उंगली रखें और "कॉपी" दिखाई देगा. "कॉपी करें" पर क्लिक करें. फिर अपने पेज पर जाएं, एक नई पोस्ट बनाएं और रिक्त फ़ील्ड में कहीं भी अपनी उंगली रखें. 'पेस्ट' पॉप अप होगा और पेस्ट पर क्लिक करें.
यह सिस्टम को बायपास कर देगा....
जो कुछ नहीं करता, वह जाहिरा तौर पर सहमत होता है."

बस इतने गंभीर तरीके से फैलाई गई ये अफ़वाह लोगों ने सच मानी और धड़ाधड़ कार सेवा की तरह फैला दी. इससे लोगों का भला तो नहीं लेकिन हां बेमतलब का सिरदर्द ज़रूर बढ़ गया.

यह पोस्ट पूरी तरह से कोरी अफवाह है. तमाम मीडिया रिपोर्ट्स ये दावा कर रही हैं कि साल 2012 में पहली बार ऐसे मैसेज वायरल हुए थे. इसका खंडन खुद फेसबुक ने तब ही किया था. इसके बाद वक्त बे-वक्त ये मैसेज वायरल होता रहा है. कोरोना काल में या किसी लंबी छुट्टी के वक्त अफवाह वीर इस तरह के मैसेज फॉरवर्ड शेयर करने में जुटते रहे हैं. 

इस वायरल मैसेज के बाद हमने फेसबुक की प्रोफाइल पॉलिसी में जाकर भी इस बदलाव के बारे में जानने की कोशिश की. वहां पर स्पष्ट शब्दों में आपके डेटा को लेकर लिखा था कि वो आपकी किसी भी जानकारी को किसी दूसरे प्लेटफॉर्म से साझा नहीं करते या बेचते हैं.

फेसबुक ने अपने पॉलिसी वाले पेज पर लिखा है,

"हम थर्ड पार्टी के साझेदारों के साथ काम करते हैं जो हमारी मदद करते हैं और हमारे उत्पादों को बेहतर बनाते हैं या जो अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए मेटा बिजनेस टूल्स का उपयोग करते हैं, जिससे हमारी कंपनियों को संचालित करना और दुनिया भर के लोगों को मुफ्त सेवाएं प्रदान करना संभव हो पाता है.

लेकिन हम आपकी कोई भी जानकारी किसी को नहीं बेचते हैं, और हम कभी नहीं बेचेंगे. हम इस पर भी सख्त प्रतिबंध लगाते हैं कि हमारे पार्टनर हमारे द्वारा प्रदान किए गए डेटा का उपयोग और खुलासा कैसे कर सकते हैं."

मौजूदा समय में फेसबुक ने अलग से कोई बयान जारी नहीं किया है. लेकिन उनके पॉलिसी वाले पेज पर स्पष्ट शब्दों में ये लिखा है.

वीडियो: ‘नफ़रत का केरोसीन’ राहुल गांधी ने मुज्जफरनगर के बच्चे की पिटाई पर क्या कहा?

Advertisement

Advertisement

()