आंध्र प्रदेश के एलुरु में अचानक 500 लोगों की तबीयत क्यों बिगड़ी, पता चल गया
AIIMS की रिपोर्ट में ज़रूरी बातें सामने आई हैं.

आंध्र प्रदेश का वेस्ट गोदावरी ज़िला. यहां एलुरु में 6 दिसंबर को अचानक लोगों की तबीयत खराब होने लगी थी. सिरदर्द, चक्कर, घबराहट वगैरह की शिकायतों के बाद इन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसके बाद इलाके के पानी, दूध और मरीज़ों के ब्लड का सैंपल कलेक्ट किया गया था. AIIMS ने भी ये सैंपल इकट्ठे किए थे. अब इन सैम्पल्स की रिपोर्ट से पता चला है कि पीने के पानी और दूध में लेड और निकल की वजह से लोग बीमार हुए थे.
'इंडिया टुडे' के आशीष पांडे की रिपोर्ट के मुताबिक, एलुरु में रहने वाले 500 से ज्यादा लोगों की तबीयत अब तक बिगड़ चुकी है, इनमें से एक की मौत भी हो गई है. इन 500 लोगों में 370 लोग रिकवर हो गए हैं और 120 अभी भी एलुरु के सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं. वहीं 19 मरीज़ों को विजयवाड़ा और गुंटूर के अस्पतालों में रेफर किया गया है, बेहतर इलाज के लिए.
मामला कब सामने आया?
मामला सबसे पहले 6 दिसंबर को ही सामने आया. एलुरु सिटी के लोगों ने मेमोरी लॉस, घबराहट, उल्टी, सिरदर्द, पीटदर्द, चक्कर आने की शिकायत की थी. कुछ को तीन से पांच मिनट के लिए मिरगी के दौरे भी पड़े थे, जिसके बाद इन सभी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
AIIMS के अलावा हैदराबाद का इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (IICT) ने भी सैंपल्स कलेक्ट किए हैं, जिनकी टेस्टिंग चल रही है. तो इनके नतीजे भी जल्द ही आ जाएंगे. इसके अलावा वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के भी दो प्रतिनिधी मंडलों ने आंध्र प्रदेश का दौरा किया और इस रहस्यमयी बीमारी के कारणों का पता लगाने की कोशिश की. साथ ही उप-राष्ट्रपति वैंकेया नायडू के निर्देश पर यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर (MoHFW) की भी तीन मेंबर्स की टीम मामले के बारे में जानकारी जुटाने एलुरु पहुंची.
आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम एकेके श्रीनिवास ने बताया कि एलुरु और पड़ोस के देंदुलुरु में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है. इसके अलावा अधिकारी पीने के पानी के सोर्स का भी जायज़ा ले रहे हैं.