कांग्रेस को लेकर एकनाथ शिंदे की आदित्य ठाकरे से क्या बहस हुई, जो वे बगावत कर बैठे?
इंडियन एक्सप्रेस को एक सूत्र ने बताया कि दो दिन पहले ही एकनाथ शिंदे की आदित्य ठाकरे और संजय राउत से जोरदार बहस हुई थी

महाराष्ट्र्र (Maharashtra) की राजनीति में इस समय हाई वोल्टेज ड्रामा चल रहा है. शिवसेना (Shiv Sena) के बागी नेता और राज्य के कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) कुल 40 विधायकों के साथ अब गुवाहाटी पहुंच चुके हैं. उनके साथ शिवसेना के 33 और सात निर्दलीय विधायक हैं.
इस बीच खबर आई है कि विधान परिषद के चुनाव को लेकर एकनाथ शिंदे की मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे और शिवसेना सांसद संजय राउत के साथ काफी बहस हुई थी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस बहस के बाद ही शिंदे ने ये कदम उठाया.
एकनाथ शिंदे की बहस क्यों हुई थी?अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि एकनाथ शिंदे ने विधान परिषद के चुनाव में कांग्रेस को दिए गए अतिरिक्त वोटों को लेकर विरोध जताया था. एक सूत्र ने कहा,
'दो दिन पहले एक होटल में जब विधान परिषद के चुनाव में वोटों के बटवारे को लेकर बातचीत चल रही थी, तो शिंदे ने राउत और आदित्य से अपनी असहमति जताई थी. शिंदे इस पक्ष में नहीं थे कि कांग्रेस कैंडिडेट को जिताने के लिए शिवसेना विधायकों के वोटों का इस्तेमाल किया जाए. इसी को लेकर दोनों पक्षों के बीच काफी विवाद हो गया. संभवत: यही वजह है कि शिंदे बागी हुए हैं.'
बताया ये भी जा रहा है कि इसी तरह के कुछ अन्य मामलों को लेकर भी पिछले कुछ महीनों से एकनाथ शिंदे खुश नहीं थे.
क्या हुआ था विधान परिषद के चुनाव में?दरअसल, विधान परिषद के चुनाव में कांग्रेस ने अपने दो उम्मीदवार- भाई जगताप और चंद्रकांत हंदोरे- उतारे थे. लेकिन, उनके पास सिर्फ एक कैंडिडेट को जिताने के लिए ही वोट थे. कहा जा रहा था कि हंदोरे जीत जाएंगे और जगताप को जिताने के लिए शिवसेना के वोटों की जरूरत पड़ेगी. हालांकि, इस चुनाव में जगताप जीत गए और हंदोरे हार गए. दूसरी ओर बीजेपी को चार सीटों पर जीत मिली. ऐसा शिवसेना के विधायकों की क्रॉस वोटिंग के चलते हुए. विधान परिषद के चुनाव में शिवसेना और एनसीपी को दो-दो सीटों से संतोष करना पड़ा.