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  • ED attaches property of AAP leader Satyendar Jain family and Sanjay Raut wife in Money Laundering Cases

ED ने किन मामलों में सत्येंद्र जैन और संजय राउत के परिवारों की करोड़ों की संपत्ति कुर्क की है?

कार्रवाई पर संजय राउत भड़क गए हैं.

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दाएं से बाएं- सत्येंद्र जैन और संजय राउत (साभार-आजतक)
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उदय भटनागर
5 अप्रैल 2022 (Updated: 5 अप्रैल 2022, 12:59 PM IST)
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग के दो अलग-अलग मामलों में कार्रवाई की है. उसने निशाने पर हैं आप नेता सत्येंद्र कुमार जैन (Satyendra Jain) का परिवार और शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) की पत्नी. ईडी ने इनकी करोड़ों की संपत्ति कुर्क की है.

खबरों के मुताबिक पहले मामले में ईडी ने दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन के परिवार से जुड़ी 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. आरोप है कि सत्येंद्र जैन के परिवार के लोग कुछ ऐसी फर्म से जुड़े थे, जो मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering Case) से जुड़े अधिनियम (PMLA) के तहत जांच के दायरे में हैं.

आजतक से जुड़े मुनीष पांडे की रिपोर्ट के मुताबिक आय से अधिक संपत्ति के इस मामले में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और इंडो मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ और भी कंपनियां शामिल हैं. इसे लेकर ईडी ने बयान जारी कर बताया,

'ईडी की जांच से पता चला है कि 2015-16 के दौरान सत्येंद्र कुमार जैन के अधिकार वाली कंपनियों को हवाला रूट से शेल कंपनियों (ये मनी लॉन्ड्रिंग का आसान जरिया मानी जाती हैं) ने 4.81 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे. इन पैसों का इस्तेमाल लोन चुकाने के लिए किया गया था जो कि जमीन की सीधी खरीद या दिल्ली और उसके आसपास खेती की जमीन खरीद के लिए लिया गया था.'

ये खबर लिखे जाने तक मामले पर सत्येंद्र जैन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी. संजय राउत की पत्नी पर कार्रवाई 

दूसरा मामला शिवसेना के नेता संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत से जुड़ा है. ईडी ने 1,034 करोड़ रुपए के पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में उनकी 11 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी अटैच की है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इसमें से 9 करोड़ की प्रॉपर्टी संजय राउत के करीबी प्रवीण राउत की है. वहीं 2 करोड़ की प्रॉपर्टी वर्षा राउत की बताई गई है. इसमें अलीबाग स्थित प्लॉट और दादर स्थित फ्लैट शामिल हैं.

आजतक की खबर के मुताबिक इस मामले में पिछले दिनों प्रवीण राउत की गिरफ्तारी भी हुई थी. पिछले हफ्ते ईडी ने चार्जशीट भी दाखिल की थी. मंगलवार 5 अप्रैल की उसकी कार्रवाई के बाद संजय राउत की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उन्होंने कहा,

'क्या मैं विजय माल्या, मेहुल चोकसी, नीरव मोदी या अंबानी-अडानी हूं? चाहे हमारी प्रॉपर्टी जब्त हो, गोली मारो या जेल भेजो हम नहीं डरेंगे. 2 साल से चुप बैठाने की कोशिश है, चुप बैठा क्या? जिसको नाचना है नाचने दो. आगे पता चलेगा कि सच क्या है.'

पूरा मामला क्या था?

2007 में गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) से पात्रा चॉल के रीडेवलपमेंट के लिए कॉन्ट्रैक्ट मिला था. गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को 47 एकड़ जमीन पर पात्रा चॉल के 672 किराएदारों के लिए फ्लैट तैयार करने थे और 3000 फ्लैट MHADA को देने थे.

लेकिन कंपनी ने MHADA को दिए जाने वाले पात्रा चॉल वाले फ्लैट नहीं बनाए. आरोप है कि ऐसा करने के बजाय उसने करीब आठ अन्य बिल्डरों को 1,034 करोड़ रुपये में जमीन बेच दी. प्रवीण राउत गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन फर्म के निदेशकों में से एक थे. मार्च 2018 में, MHADA ने गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन के खिलाफ FIR दर्ज की. प्रवीण राउत को इकनॉमिक ऑफेंसेज विंग ने फरवरी 2020 में गिरफ्तार किया था. बाद में उनको जमानत पर रिहा कर दिया गया.

प्रवीण राउत, संजय राउत के करीबी बताए जाते हैं. पीएमसी बैंक घोटाला मामले की जांच के दौरान भी उनका नाम सामने आया था. पता चला कि प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को 2010 में 55 लाख रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज दिया था, जिसका इस्तेमाल राउत परिवार ने दादर में एक फ्लैट खरीदने के लिए किया था. इसे लेकर ईडी ने वर्षा और माधुरी राउत के बयान दर्ज किए थे.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले में कुछ समय पहले संजय राउत ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को एक पत्र लिखा था. उसमें दावा किया गया था कि पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले की जांच कर रही ईडी उनके और उनके रिश्तेदारों, दोस्तों और परिचितों के खिलाफ अपनी अधिकारों का दुरुपयोग कर रहा है. राउत का आरोप था कि केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं के खिलाफ किया जा रहा है.

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