राष्ट्रपति के काफिले को 500 लोगों ने घेरा, इक्वाडोर के प्रेसीडेंट नोबोआ बाल-बाल बचे
राष्ट्रीय आदिवासी महासंघ CONAIE ने 16 दिन पहले सरकार द्वारा डीजल पर सब्सिडी खत्म करने के विरोध में हड़ताल शुरू की थी. सरकार के सब्सिडी हटाने पर उसे लोगों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.

साउथ अमेरिका के देश इक्वाडोर के राष्ट्रपति के काफिले (Ecuador President Attacked) पर हमला हुआ है. राष्ट्रपति डैनियल नोबोआ (Daniel Noboa) का काफिला एक कार्यक्रम में कैनार प्रांत की तरफ जा रहा था. उसी दौरान उनके काफिले को लगभग 500 लोगों ने घेर लिया. इक्वाडोर के एक सीनियर मंत्री के मुताबिक राष्ट्रपति की कार पर गोलियों के निशान भी मिले हैं. इससे ये भी पता चलता है कि ये हमला राष्ट्रपति की जान लेने के इरादे से किया गया था.
इक्वाडोर के पर्यावरण एवं ऊर्जा मंत्री इनेस मंज़ानो ने 7 अक्टूबर को नोबोआ के खिलाफ हत्या के प्रयास की औपचारिक रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद इस घटना की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस घटना में राष्ट्रपति को कोई चोट नहीं आई है. अब तक 5 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है. राष्ट्रपति की कार पर पत्थर फेंकना, गोली चलाना और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, ये सब क्रिमिनल हरकत है. हम किसी सूरत में इसकी इजाजत नहीं दे सकते. राष्ट्रपति नोबोआ के ऑफिस की ओर से भी इस मामले पर जानकारी दी गई है. ऑफिस ने कहा कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए सभी लोगों पर आतंकवाद और हत्या के प्रयास के आरोपों के तहत कार्रवाई की जाएगी. हालांकि काफिले पर गोली चली है या नहीं, इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है.
इस हमले को लेकर इक्वाडोर के राष्ट्रपति कार्यालय के आधिकारिक एक्स हैंडल से एक वीडियो पोस्ट किया गया है. वीडियो राष्ट्रपति के काफिले में चल रही एक कार के अंदर से रिकॉर्ड किया गया है. वीडियो में लोगों की भीड़ और कारों के टूटे हुए शीशे दिखाई दे रहे हैं. वहीं टूटी हुई कार के बाहर खड़े राष्ट्रपति डैनियल नोबोआ की भी एक तस्वीर सामने आई है जिसमें वो चश्में में कार के बाहर खड़े हैं.
डीजल सब्सिडी से शुरू हुआ विरोधइक्वाडोर के संगठन राष्ट्रीय आदिवासी महासंघ CONAIE ने कहा कि राष्ट्रपति नोबोआ के आने की खबर सुनकर लोग इकट्ठा हुए थे. इसी दौरान उनके खिलाफ ये सुनियोजित हिंसा भड़क उठी. संगठन ने कहा कि पुलिस और सेना की ‘क्रूर कार्रवाई’ में जिन लोगों पर हमला किया गया, उनमें बुजुर्ग महिलाएं भी शामिल थीं. CONAIE संगठन ने 16 दिन पहले सरकार द्वारा डीजल पर सब्सिडी खत्म करने के विरोध में हड़ताल शुरू की थी. इस विरोझ के तहत कई मार्च आयोजित किए गए और सड़कों को जाम किया गया. सरकार के सब्सिडी हटाने पर उसे लोगों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. आलोचकों का कहना है कि आगे बातचीत की जरूरत है. सरकार के इस कदम से, विशेष रूप से छोटे किसानों और आदिवासी समुदायों के लिए जीवनयापन मुश्किल हो जाएगा.
राष्ट्रपति नोबोआ ने सितंबर 2025 के मध्य में सब्सिडी समाप्त करने वाले ऑर्डर पर पर साइन किया था. साथ ही उनकी सरकार ने विरोध की आशंका और कानून व्यवस्था बिगड़ने की संभावना को देखते हुए कई प्रांतों में इमरजेंसी घोषित कर दी थी. सरकार ने विरोध के बाद सब्सिडी समाप्त करने के फैसले का बचाव किया है. सरकार ने कहा है कि इससे हर साल लगभग 1.1 बिलियन डॉलर (लगभग 98 अरब रुपये) बचेंगे. सरकार ने कहा कि इन पैसों को उसने छोटे किसानों और ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को मुआवजे के रूप में बांटना शुरू कर दिया है.
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