The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Donald Trump UN Speech america president said India China funding Russia Ukraine war Palestine United Nations

'भारत और चीन रूस-यूक्रेन युद्ध को फंड कर रहे,' UN में ट्रंप ने फिर 7 युद्ध रोकने का दावा कर दिया

Donald Trump UN Speech: डॉनल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र में मौजूद दुनियाभर के नेताओं से कहा कि Ukraine से Russia की लड़ाई उसकी ताकत नहीं, बल्कि उसके पास आ रही ऊर्जा की कमाई से चल रही है.

Advertisement
Donald Trump UN Speech, Donald Trump,
न्यूयॉर्क में UN हेडक्वार्टर में डॉनल्ड ट्रंप की स्पीच. (Reuters)
pic
मौ. जिशान
23 सितंबर 2025 (Updated: 23 सितंबर 2025, 11:28 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र को संबोधित किया. UN स्पीच में उन्होंने भारत और चीन पर रूस-यूक्रेन युद्ध को फंड करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भारत और चीन लगातार रूस से तेल और गैस खरीद रहे हैं, जिससे रूस को युद्ध जारी रखने के लिए पैसा मिल रहा है.

ट्रंप लगातार कहते रहे हैं कि वे सोचते थे कि रूस-यूक्रेन जंग को रोकना 'बहुत आसान' है. मंगलवार, 23 सितंबर को को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में उन्होंने दावा किया कि रूस इस वजह से जंग खींच पा रहा है क्योंकि उसे तेल और गैस बेचने से कमाई हो रही है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अपनी UN स्पीच में ट्रंप ने कहा,

"चीन और भारत लगातार रूस का तेल खरीदकर चल रहे युद्ध को मुख्य रूप से फंड कर रहे हैं."

ट्रंप ने आगे कहा, "रूस का यूक्रेन में युद्ध रूस को अच्छा नहीं दिखा रहा है." उन्होंने कहा कि इसके बावजूद कुछ देश ऐसे हैं जो रूस से तेल-गैस खरीदकर उसकी मदद कर रहे हैं.

ट्रंप ने UN में मौजूद दुनियाभर के नेताओं से कहा कि रूस की यह लड़ाई उसकी ताकत नहीं, बल्कि उसके पास आ रही ऊर्जा की कमाई से चल रही है. उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया को अब रूस को मदद (तेल-गैस खरीदना) देनी बंद करना होगा, ताकि यह युद्ध खत्म हो सके.

ट्रंप ने अपने भाषण में दावा किया कि जब तक बाहरी देश, जैसे भारत, चीन और यूरोप रूस को पैसा देते रहेंगे, यह लड़ाई खत्म नहीं होगी. ट्रंप पहले भी कई बार कह चुके हैं कि अगर जो बाइडेन की जगह वे राष्ट्रपति होते तो यह युद्ध बहुत पहले खत्म हो गया होता.

UN और NATO पर भी बरसे ट्रंप

ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र और NATO देशों की भी आलोचना की. उन्होंने कहा,

"संयुक्त राष्ट्र का काम युद्ध रोकना है, ना कि युद्धों को पैदा करना और उन्हें फंड करना. लेकिन आज यही हो रहा है."

उन्होंने रूस से ऊर्जा खरीद बंद करने में नाकाम रहने के लिए यूरोप और नाटो सहयोगियों को फटकार लगाई. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यूरोप ने कड़े कदम नहीं उठाए, तो वाशिंगटन अकेले ही कार्रवाई करेगा.

ट्रंप ने एलान किया,

"अगर रूस युद्ध खत्म करने के लिए कोई समझौता करने को तैयार नहीं होता है, तो अमेरिका उस पर कड़े टैरिफ लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है."

भारत-पाकिस्तान समेत 7 जंग रोकने का दावा

ट्रंप ने अपने भाषण में फिर भारत-पाकिस्तान संघर्ष रोकने का दावा किया. उन्होंने कहा कि सिर्फ 7 महीनों में उन्होंने 7 'कभी खत्म ना होने वाले युद्धों' को खत्म किया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मई में हुए तनाव को भी खत्म किया. हालांकि, भारत ने पहले भी ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया है और कहा है कि ऐसी कोई मध्यस्थता नहीं हुई थी.

ट्रंप बोले,

"सिर्फ 7 महीनों में मैंने 7 ऐसे युद्ध खत्म कर दिए हैं जिनका अंत नहीं हो सकता था... उन्होंने कहा था कि ये युद्ध खत्म नहीं हो सकते, कुछ तो 31 साल से चल रहे थे, एक तो 36 साल से. मैंने 7 युद्ध खत्म किए और सभी युद्ध भयंकर रूप से जारी थे और उनमें अनगिनत हजारों लोग मारे जा रहे थे."

नोबेल शांति पुरस्कार की खुलकर तलब रखने वाले ट्रंप ने 7 युद्ध रोकने का दावा ठोका है. ट्रंप के मुताबिक, उन्होंने कंबोडिया और थाईलैंड, कोसोवा और सर्बिया, कांगो और रवांडा, पाकिस्तान और भारत, इजरायल और ईरान, मिस्र और इथियोपिया और आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच सुलह करवाई है.

फिलिस्तीन पर दो टूक

ट्रंप ने गाजा संकट पर भी अपनी राय रखी और कहा कि इस वक्त फिलिस्तीन को राज्य के रूप में मान्यता देना "हमास के लिए बहुत बड़ा इनाम" होगा. दरअसल, अमेरिका के सहयोगी देशों- ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस ने हाल ही में फिलिस्तीन को मान्यता दी है. उन्होंने हमास की गिरफ्त से 20 इजरायलियों को रिहा करने की मांग रखी.

भारत लंबे समय से आजाद फिलिस्तीन का समर्थन करता रहा है. 1947 में भारत ने फिलिस्तीन के बंटवारे के खिलाफ वोट दिया था, और 1988 में फिलिस्तीन को एक आजाद देश के रूप में मान्यता दी थी. वहीं, 1992 में भारत ने इजरायल के साथ अपने राजनयिक संबंध शुरू किए थे.

लेकिन अक्टूबर 2023 में इजरायल पर हमास के हमले के बाद भारत का रुख थोड़ा बदला. पीएम नरेंद्र मोदी ने तुरंत हमले की निंदा की और इजराइल के साथ एकजुटता दिखाई. फिर भी भारत अभी भी दो-राष्ट्र समाधान का समर्थन करता है.

सीमा सुरक्षा और अवैध प्रवासन

ट्रंप ने अपने भाषण में अवैध प्रवास को "आज का सबसे बड़ा खतरा" बताया. उन्होंने यूरोप की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि कई देशों में बिना किसी जांच के शरणार्थियों को घुसने दिया जा रहा है, जो खतरनाक है. उन्होंने जोर दिया कि 'अमेरिका, अमेरिकियों का है.' ट्रंप ने कहा कि अवैध प्रवास में अक्सर अपराधी आ जाते हैं और कइयों की रास्ते में ही मौत हो जाती है.

नशा और ड्रग्स पर अमेरिका का सख्त रुख

ट्रंप ने बताया कि अमेरिका में अब तक 3 लाख से ज्यादा लोग फेंटानिल जैसी खतरनाक ड्रग्स के कारण मारे जा चुके हैं. उन्होंने वेंजुएला के ड्रग माफियाओं को खत्म करने के लिए सैन्य कार्रवाई की धमकी दी.

जलवायु परिवर्तन और ग्रीन एनर्जी पर तंज

ट्रंप ने ग्रीन एनर्जी को "धोखा" और जलवायु परिवर्तन को "फर्जी खबर" बताया. उन्होंने कहा कि यूरोपीय देश अपनी फैक्ट्रियां बंद कर रहे हैं जबकि चीन सबसे ज्यादा प्रदूषण कर रहा है. उन्होंने कार्बन फुटप्रिंट की बहस को भी बेवकूफी करार दिया.

ग्लोबल लेवल पर अमेरिका की भूमिका

अपने भाषण के अंत में ट्रंप ने अमेरिका को दुनिया के लिए शांति और सुरक्षा का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा, 

“मैं अमेरिका की तरफ से दुनिया के हर देश को दोस्ती और सहयोग का हाथ बढ़ाने आया हूं. जो देश हमारे साथ मिलकर दुनिया को सुरक्षित और समृद्ध बनाना चाहते हैं, वे हमारे साथ चलें. मैं उन सभी देशों को अमेरिकी नेतृत्व और दोस्ती का हाथ बढ़ाने आया हूं जो एक सुरक्षित और समृद्ध दुनिया बनाने में हमारा साथ देने को तैयार हैं."

अटक गए ट्रंप, टेलीप्रॉम्प्टर हुआ बंद

UN में डॉनल्ड ट्रंप के साथ दो अजीब घटनाएं हुईं. जैसे ही ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप UN में दाखिल होते हुए एस्केलेटर पर चढ़े, वो अचानक रुक गया. दोनों को बीच में रुकना पड़ा, लेकिन मेलानिया तुरंत पैदल ऊपर चढ़ गईं और ट्रंप उनके पीछे-पीछे चले. उनके साथ आए अधिकारी सीढ़ियों से ऊपर गए. इसके बाद जब ट्रंप महासभा में भाषण देने मंच पर पहुंचे, तो टेलीप्रॉम्प्टर काम करना बंद कर गया. ट्रंप को बिना टेलीप्रॉम्प्टर के कागज पर लिखी स्क्रिप्ट पढ़कर पूरा भाषण दिया.

वीडियो: दुनियादारी: ट्रंप की नई जिद, क्या फिर से अफगानिस्तान में घुसेगा अमेरिका?

Advertisement

Advertisement

Advertisement

()