गाजा में शांति के लिए ट्रंप ने पेश किया प्रस्ताव, नेतन्याहू ने जताई सहमति, कहा- हमास को भी मानना होगा
Trump-Netanyahu Meeting: ट्रंप ने कहा कि अगर Hamas सभी शर्तों पर राजी नहीं होता है, तो वे इस ‘चरमपंथी समूह’ के खात्मे के लिए Israel को अपना पूरा समर्थन देंगे. क्या है ट्रंप का Gaza Peace Plan?

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से वॉइट हाउस में मुलाकात की. मीटिंग के दौरान ट्रंप ने गाजा में युद्ध खत्म करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया, जिस पर नेतन्याहू ने सहमति जताई. ट्रंप ने कहा कि अगर हमास सभी शर्तों पर राजी नहीं होता है, तो वे इस ‘चरमपंथी समूह’ के खात्मे के लिए इजरायल को अपना पूरा समर्थन देंगे. उधर, हमास का कहना है कि इस योजना पर उनसे सलाह नहीं ली गई.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दो अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कतर के प्रधानमंत्री और मिस्र की जनरल इंटेलिजेंस सर्विस के प्रमुख ने हमास के अधिकारियों से मुलाकात की और प्रस्ताव साझा किया. अधिकारियों ने बताया कि हमास ने प्रस्ताव की समीक्षा करने और उस पर अपनी प्रतिक्रिया देने का वादा किया है.
वॉइट हाउस में ट्रंप के साथ मौजूद नेतन्याहू ने तुरंत इस योजना को लेकर समर्थन जताया. ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर हमास इन शर्तों पर सहमत नहीं होता, तो वह हमास को खत्म करने के लिए इजरायल को पूरा समर्थन देंगे. ट्रंप ने कहा कि इजरायल और हमास के बीच शांति वार्ता में सऊदी अरब, कतर, तुर्की, जॉर्डन, इंडोनेशिया, मिस्र और पाकिस्तान जैसे देशों ने भूमिका निभाई है.
ट्रंप ने मिडिल ईस्ट में ‘शांति’ लाने के लिए अपनी 20-सूत्रीय योजना के तहत एक बोर्ड के गठन का एलान किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इस बोर्ड के अध्यक्ष वे खुद होंगे और इसमें एक्सपर्ट्स, फिलिस्तीनी प्रतिनिधि और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर शामिल होंगे. उन्होंने कहा, "हमास और दूसरे आतंकवादी गुट इस बोर्ड में और गाजा के शासन में, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई भूमिका नहीं निभाएंगे."
इस 20-सूत्रीय प्रस्ताव में ये प्रमुख बिंदु शामिल हैं:
- गाजा एक ‘कट्टरपंथ-मुक्त’ और ‘आतंक-मुक्त’ क्षेत्र होगा, जो अपने पड़ोसियों के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करेगा.
- गाजा के लोगों के लिए गाजा का पुनर्विकास किया जाएगा. अगर दोनों पक्ष इस प्रस्ताव पर सहमत हो जाते हैं तो युद्ध तुरंत खत्म हो जाएगा.
- इस समझौते को इजरायल द्वारा सार्वजनिक रूप से स्वीकार किये जाने के 72 घंटों के भीतर सभी बंधकों को वापस लौटा दिया जाएगा. चाहे वो जीवित हों या मृत.
- सभी बंधकों की रिहाई के बाद, इजरायल 250 आजीवन कारावास की सजा पाए कैदियों और 7 अक्टूबर 2023 के बाद हिरासत में लिए गए 1700 गाजावासियों को रिहा करेगा, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.
- गाजा में एक गैर-राजनीतिक फिलिस्तीनी समिति का शासन होगा.
- प्रस्ताव में कहा गया है, "एक बार सभी बंधकों की वापसी हो जाने पर, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के साथ रहने के लिए तैयार और अपने हथियार छोड़ने वाले हमास सदस्यों को माफी दे दी जाएगी. हमास के जो सदस्य गाजा छोड़ना चाहते हैं, उन्हें अपने देश तक सुरक्षित रास्ता दिया जाएगा.
- जब दोनों पक्ष इस समझौते पर सहमत हो जाएंगे, तब गाजा पट्टी में तुरंत पूरी सहायता भेजी जाएगी.
- गाजा पट्टी में सहायता, संयुक्त राष्ट्र और दूसरी एजेंसियों के जरिए पहुंचाई जाएंगी. यानी इजरायल और हमास का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होगा.
- किसी को भी गाजा छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा, तथा जो लोग छोड़ना चाहते हैं वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र होंगे तथा वापस लौटने के लिए भी स्वतंत्र होंगे.
- हमास और अन्य गुट इस बात पर सहमत हैं कि गाजा के शासन में उनकी प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष या किसी भी रूप में कोई भूमिका नहीं होगी.
ट्रंप और नेतन्याहू के बीच यह बैठक ऐसे समय में हो रही है कि जब इस युद्ध की वजह से इजरायल की वैश्विक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच रहा है. हाल में ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, ब्रिटेन और कनाडा समेत 10 बड़े देशों ने औपचारिक रूप से एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दी, जिससे वे 145 से अधिक देशों में शामिल हो गए हैं, जो पहले से फिलिस्तीन को मान्यता दे चुके हैं.
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