क्या सच में महिला ने अपनी साड़ी बांधकर ट्रेन एक्सीडेंट रोक दिया?
रेलवे अधिकारियों ने क्या बताया?
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क्या सच में गांव की महिला ने ट्रेन एक्सीडेंट होने से बचा लिया? (फोटो - सोशल मीडिया)
"श्रीमती ओमवती. सुबह खेत पर काम करने जा रही थीं. ट्रैक पार करते समय अचानक टूटी पटरी पर नजर पड़ गई. ट्रेन आने वाली थी, इन्होंने समझदारी दिखाते हुए अपनी लाल रंग की साड़ी को लकड़ियों की मदद से ट्रैक पर खड़ा कर दिया. ट्रेन रोकी गई, पटरी ठीक हुई तब 30 मिनट बाद ट्रेन रवाना हुई."
अजय मौर्य लिखते हैं,श्रीमती ओमवती।
सुबह खेत पर काम करने जा रही थीं। ट्रैक पार करते समय अचानक टूटी पटरी पर नजर पड़ गई। ट्रेन आने वाली थी, इन्होंने समझदारी दिखाते हुए अपनी लाल रंग की साड़ी को लकड़ियों की मदद से ट्रैक पर खड़ा कर दिया। ट्रेन रोकी गई, पटरी ठीक हुई तब 30 मिनट बाद ट्रेन रवाना हुई।👏 pic.twitter.com/j4SJPTN3kl — SACHIN KAUSHIK (@upcopsachin) March 31, 2022
"माता जी को सम्मानित किया जाना चाहिए"

"आखिरकार मां ही सबका ध्यान रखती है."

"ये एक असली हीरो है."

एटा-बरहन रेल खंड पर पिछले छह महीनों से पटरी बदलने का काम चल रहा है. फिलहाल कुसवा रेलवे स्टेशन के नजदीक पटरी बदली जा रही है. इसके चलते हर रोज सुबह सुबह सवा नौ बजे से दोपहर सवा बारह बजे तक यह रेल लाइन ब्लॉक रहती है, हो सकता यहां कोई काम रह गया हो इस वजह से ये पटरी नहीं जुड़ी. मामले की जांच की जाएगी.जांच की जाएगी. ठीक है. अब रुख करते हैं एटा के रेलवे अधीक्षक का. आजतक से बातचीत में रेलवे ने कहा,
"घटना की सच्चाई ये है कि मेंटेनेंस करने वाले कीमैन ने रोकी थी ट्रेन. वो सुबह-सुबह निकलता है मुआयना करने और उसने ही मुआयने के दौरान देखा तो उसने ट्रेन रोकी. इसमें कोई सच्चाई नहीं है कि महिला ने रोकी ट्रेन. फर्जी खबर है ये. मेरे ट्रैक के इन्स्पेक्टर से बात हुई, तो मुझे पूरी सच्चाई पता चली."