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'कैंसर वाली' मछलियों की तस्करी कर रही वैन पलटी, गांव वाले लूटने लगे, फिर...

केंद्र सरकार और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल NGT ने थाई मांगुर प्रजाति की मछली के पालन और बिक्री पर रोक लगाई है. ये मछली मांस खाती है और इसके सेवन से कई बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.

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वैन का टायर ब्लास्ट हो गया था (फोटो- आजतक)
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ज्योति जोशी
1 जून 2024 (Updated: 1 जून 2024, 01:29 PM IST)
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झारखंड के धनबाद में प्रतिबंधित मछलियों की तस्करी में शामिल एक वैन बीच सड़क पर पलट गई (Dhanbad Thai Mangur Fish Smuggling). खबर है कि वैन में थाई मांगूर मछलियां भरकर ले जाई जा रही थीं. एक्सीडेंट होने पर वो सारी मछलियां सड़क पर गिर गईं. वहां से गुजर रहे लोगों और पास के गांववालों ने जमकर मछलियां लूटीं. घटना से जुड़े फोटो-वीडियो सामने आए हैं.

इंडिया टुडे से जुड़े सिथुन मोदक की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला हावड़ा-नई दिल्ली नेशनल हाईवे का है. तोपचांची थाना क्षेत्र में एक बाजार के पास थाई मांगूर मछ्ली ले जा रही वैन अचानक पलट गई. मामले की सूचना पुलिस को दी गई. हालांकि, पुलिस के मौके पर पहुंचने तक सारी मछलियां साफ हो चुकी थीं. जिसके हाथ जो लगा उठाकर घर ले जा चुका था.

पुलिस ने कार्रवाई करते हुए वैन को जब्त कर लिया है. वैन के ड्राइवर सुबोध कुमार ने बताया कि टायर ब्लास्ट हो जाने के बाद गाड़ी आउट ऑफ कंट्रोल होकर पलट गई. पता चला है कि वो मछलियां बंगाल से बिहार के औरंगाबाद ले जाई जा रही थीं.

क्यों प्रतिबंध लगा? 

केंद्र सरकार और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल NGT ने थाई मांगुर प्रजाति की मछली के पालन और बिक्री पर रोक लगाई है. ये मछली मांस खाती है और इसके सेवन से कई बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. इसमें 80 फीसदी तक लेड और आयरन की मात्रा होती है जिससे शरीर में आर्सेनिक, कैडमियम, क्रोमियम, मरकरी की मात्रा भी बढ़ जाती है जो कि हानिकारक है. डॉक्टर्स की मानें तो मांगुर मछली खाने से कैंसर का खतरा रहता है.

किसान तक की रिपोर्ट के मुताबिक, ये मछली बहुत तेजी से बड़ी हो जाती है. देसी मांगुर दो महीनों में ही 100-150 ग्राम की हो जाती है. बाकी प्रजातियों की तुलना में मांगुर के बाजार में अच्छे दाम भी मिलते हैं. यही वजह है कि प्रतिबंध के बावजूद इसका पालन नहीं रोका जा रहा है.

ये भी पढ़ें- कानपुर में जब सड़क पर 'तैरने' लगीं मछलियां और लोगों के बीच लूटने की होड़ मच गई

ये मछली पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक मानी जाती है. इसके पालन के दौरान तालाब में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है जिसके कारण दूसरी मछलियां मर जाती हैं. ये छोटी मछलियों समेत कीड़े-मकोड़ों को खा भी जाती है.

वीडियो: छत्तीसगढ़: मछली चोरी करने के आरोप में 8 लोगों को पीटा और 35 हज़ार का जुर्माना लगाया

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