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दिल्ली सरकार की एक्साइज पॉलिसी पर मुख्य सचिव की रिपोर्ट आई, LG ने CBI को आवाज लगाई

दिल्ली सरकार ने पिछले साल अपनी नई आबकारी नीति लागू की थी. अब इसे लेकर उस पर नियमों की अनदेखी के आरोप लग रहे हैं.

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Delhi LG and CM Kejriwal
दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री केजरीवाल (फाइल फोटो)
22 जुलाई 2022 (Updated: 22 जुलाई 2022, 21:15 IST)
Updated: 22 जुलाई 2022 21:15 IST
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दिल्ली (Delhi) के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (V K Saxena) ने अरविंद केजरीवाल सरकार की एक्साइज पॉलिसी 2021-22 के खिलाफ सीबीआई (CBI) जांच की सिफारिश की है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक आरोप है कि केजरीवाल सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी (आबकारी नीति) के जरिए शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया है.

मुख्य सचिव की रिपोर्ट, सिसोदिया की भूमिका पर सवाल 

ऐसा बताया जा रहा है कि एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट के बाद सीबीआई जांच की सिफारिश की है. आजतक के कुमार कुणाण के मुताबिक रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार की नई एक्साइज पॉलिसी में नियमों की अनदेखी कर टेंडर दिए गए.

इस रिपोर्ट में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं. दिल्ली का एक्साइज विभाग मनीष सिसोदिया के अधीन है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना संकट के बहाने इस नीति के जरिए लाइसेंस की फीस माफी की गई. इससे शराब कारोबारियों को टेंडर में 144.36 करोड़ की छूट मिल गई.

(लल्लनटॉप को और करीब से जानें)

आरोपों पर क्या बोली AAP

आजतक के पंकज जैन के मुताबिक इस आरोप पर आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को फंसाने की कोशिश हो रही है. भारद्वाज ने कहा,

केंद्र सरकार के इशारे पर सीबीआई जांच के आदेश दिए गए हैं. हजारों करोड़ों लूटने वाले माल्या, ललित मोदी को केंद्र सरकार ने भगा दिया, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. लेकिन मनीष सिसोदिया जैसे आदमी के पीछे अब ये पड़े हैं. हमें यह पहले से पता था, अरविंद केजरीवाल भी कह चुके हैं कि सत्येंद्र जैन के बाद मनीष सिसोदिया को केंद्र सरकार किसी भी मामले फंसाने की कोशिश करेगी, लेकिन ऐसा होगा नहीं. 

दिल्ली सरकार की आबकारी नीति

दिल्ली सरकार ने पिछले साल अपनी नई आबकारी नीति लागू की थी. इसके तहत निजी संचालकों को ओपन टेंडर से खुदरा शराब बिक्री के लाइसेंस जारी किए गए थे. अब तक, नई पॉलिसी लागू होने के बाद दिल्ली के 32 जोन में कुल 850 में से 650 दुकानें खुल चुकी हैं. दिल्ली सरकार का कहना था कि नई नीति से सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी. वहीं, दिल्ली बीजेपी ने इस नई नीति का विरोध किया था. 

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