The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Delhi court gives life term to serial killer and rapist of over 30 children

36 बच्चों का रेप किया, फिर गला दबाकर हत्या कर दी, लेकिन कोर्ट ने ये कहते हुए फांसी नहीं दी

17 साल की उम्र से दे रहा था इस तरह की वारदातों को अंजाम.

Advertisement
Delhi Crime
दोषी रविंदर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. (आजतक)
pic
सौरभ
26 मई 2023 (Updated: 26 मई 2023, 12:26 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

6 साल की बच्ची. एक दरिंदा उसे किडनैप करता है, उसका रेप करता है और उस बच्ची को मौत के घाट उतार देता है. पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करती है. पूछताछ करती है. तब पता चलता है कि आरोपी ने सिर्फ एक बच्ची के साथ ऐसा नहीं किया है. 30 से ज्यादा बच्चे-बच्चियों के साथ वो ऐसी वारदातों को अंजाम देता रहा है. और ये सब हो रहा था देश की राजधानी दिल्ली में. 25 मई को दिल्ली की अदालत ने इस अपराधी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

दरिंदगी की सीमाओं को लांघने वाले इस दोषी का नाम रविंदर कुमार है. 14 जुलाई 2015 में दिल्ली के बेगमपुरा इलाके में एक 6 साल  की बच्ची गायब हो जाती है. दो दिन बाद पुलिस रविंदर को इसी बच्ची के रेप और हत्या के आरोप में गिरफ्तार करती है. लेकिन अगले कुछ दिनों में पूछताछ के दौरान उसने जो बातें बताईं उसने दिल्ली पुलिस को हिलाकर रख दिया. रविंदर ने बताया कि वो 2007 से इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहा है. और 2015 तक उसने करीब 30 बच्चों को इसी तरह रेप कर मौत के घाट उतारता रहा है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक उसने 36 बच्चों के साथ ऐसा किया. और जब उसने इस तरह की हत्याओं को अंजाम देना शुरू किया तब उसकी उम्र सिर्फ 17 साल थी.

पुलिस को पहले रविंदर की बातों का भरोसा नहीं हुआ था लेकिन उसने हर केस की जानकारी विस्तृत और सटीक तरीके से दी. बताया जाता है कि उसके अपराध करने का एक तय पैटर्न था. पहले वो शराब पीता था, फिर बच्चों को पकड़ता था. तीन उंगलियों से गला दबाकर रेप करता था और हत्या कर देता था.

हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए नई दिल्ली के एडिशनल पुलिस कमिश्नर विक्रमजीत सिंह बताते हैं कि पूछताछ के दौरान उसने एक केस के बारे में बताया जिसमें लड़की के पिता के खिलाफ ही मुकदमा चल रहा था. उसने जब पुलिस को क्राइम के सटीक जगह और तारीख बताई तो हाथरस पुलिस से संपर्क किया गया. और तब मामला सुलझ पाया.

रविंदर के खिलाफ 36 मुकदमों में से अब तक सिर्फ तीन में ही आरोप तय हुए हैं. बाकियों में पुलिस सबूत नहीं जुटा पाई है. 2019 में उसे एक और केस में 10 साल की सजा हुई थी.

लेकिन 2015 के इस मामले में 25 मई को अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई. सजा सुनाते हुए रोहिणी कोर्ट के एडिश्नल शेसन्स जज सुनील ने ये तो माना कि रविंदर का अपराध जघन्य है लेकिन उसे मौत की सजा नहीं सुनाई. जज ने कहा-

'बचाव पक्ष की ये दलील कि आरोपी गरीब है, ये कोई आधार नहीं है कि उसके प्रति नरमी बरती जाए. हालांकि उसके खिलाफ जेल से कोई निगेटिव रिपोर्ट नहीं है. उसका बर्ताव जेल में ठीक था. जहां तक बात मृत्यु दंड देने की है तो ऐसे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए, लेकिन इस केस में संदेह है. आरोपी का DNA पीड़िता के सिर्फ एक कपड़े से मिला है, दूसरी जगहों पर नहीं. साथ ही इस केस में कोई चश्मदीद नहीं है. ऐसे में संदेह बरकरार है. आरोपी किसी यौन शिकारी से कम भी नहीं है. उसे ज्यादा से ज्यादा सजा मिलनी चाहिए, जिससे समाज में एक संदेश जाए.'

इसके अलावा पीड़ित परिवार को 15 लाख मुआवजा देने का भी आदेश दिया गया है. हालांकि दोषी के पास पैसे नहीं हैं इसलिए अदालत ने DLSA (Delhi Legal Services Authority) को भुगतान करने का आदेश दिया है.

वीडियो: फांसी की सज़ा पर सुप्रीम कोर्ट क्या प्लान कर रहा? क्या है सज़ा-ए-मौत का इतिहास?

Advertisement