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MP: दलित मजदूर को 'जूते में पेशाब' भर कर पिलाने का आरोप, पुलिस ने क्या बताया?

भीम आर्मी का कहना है कि पुलिस ने आरोपी के ख़िलाफ़ समय पर FIR दर्ज नहीं की थी. कहा कि घटना के बाद उसने विरोध किया तब पुलिस ने FIR दर्ज की. हालांकि इस मामले में पुलिस का कहना है कि पेशाब पिलाने संबंधी आरोप पूर्णत: निराधार हैं. यह मामला सिर्फ मारपीट का है.

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भीम आर्मी ने घटना के बाद इसका विरोध किया तब पुलिस ने FIR दर्ज की. (फ़ोटो/इंडिया टुडे)
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मनीषा शर्मा
17 जुलाई 2024 (Updated: 18 जुलाई 2024, 11:44 AM IST) कॉमेंट्स
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मध्यप्रदेश के शिवपुरी ज़िले में एक दलित मजदूर के साथ मारपीट की गई है. पीड़ित का आरोप है कि उसने आधी दिहाड़ी लेने से इनकार कर दिया तो आरोपी ने उसे पीटा और ‘जूते में पेशाब' भरकर उसे पिलाई. घटना को लेकर भीम आर्मी एक्टिव हो गई है. उसका कहना है कि पुलिस ने आरोपी के ख़िलाफ़ समय पर FIR दर्ज नहीं की थी. ये भी आरोप है कि भीम आर्मी ने घटना का विरोध किया तब पुलिस ने FIR दर्ज की. वहीं इस मामले में पुलिस का कहना है कि पेशाब पिलाने का आरोप ‘पूरी तरह निराधार’ है, मामला सिर्फ मारपीट का है.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक़ घटना 14 जुलाई की शाम 6 बजे की है. पीड़ित बगेदरी के रहने वाले हैं. पीड़ित को करैरा के रहने वाले रामसिंह ठाकुर की फसल में दवा का छिड़काव करने को कहा गया था. इस काम के लिए उन्होंने कथित रूप से 500 रुपये की दिहाड़ी मांगी थी. लेकिन रामसिंह 300 रुपये देना चाहते थे. कम मजदूरी की बात से पीड़ित ने काम करने से इनकार कर दिया.

रिपोर्ट के मुताबिक़ 14 जुलाई की शाम को ही रामसिंह ने पीड़ित को रास्ते में रोक लिया. उन्हें कथित तौर पर गालियां दीं. मारे डर के पीड़ित वहां से अपने घर चले गए. लेकिन रामसिंह ने उनके घर पहुंच कर उनसे मारपीट की और फिर कथित तौर पर जूते में पेशाब डालकर पिलाई.

यह भी पढ़ें: दलित युवक की मौत पर यूपी के फिरोजाबाद में बड़ा हंगामा, पुलिस पर पथराव, आगजनी भी हुई

पीड़ित का आरोप है कि घटना के बाद 15 जुलाई को वो पुलिस स्टेशन गए थे, लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत पर FIR दर्ज नहीं की. इसके बाद भीम आर्मी ने थाने के बाहर चक्का जाम किया. जानकारी के मुताब़िक, पुलिस ने बाद में FIR दर्ज की. लेकिन आर्मी का आरोप है कि पेशाब पिलाने के संबंध में जो धाराएं लगनी चाहिए थीं, वो नहीं लगाई गई हैं.

पुलिस ने क्या बताया?  

दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान करैरा थाना प्रभारी विनोद छावई ने कहा है कि जूते में पेशाब पिलाने का आरोप बेबुनियाद है. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि गांव में एक महिला से छेड़छाड़ किए जाने के बाद परिहार समाज के लोगों ने युवक के साथ मारपीट की थी. और परिहार समाज के लोग राम सिंह के यहां काम करते हैं. थाना प्रभारी ने कहा कि मामले में आगे की जांच की जा रही है.

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